चंडीगढ़ में देखने लायक स्थानो का नक्शा

चंडीगढ़ पर्यटन
यह शहर शिवालिक पहाड़ियों से घिरी सुरम्य घाटी में स्थित है। एक अनूठी हकीकत यह है कि चंडीगढ़ भारत के दो उत्तरी राज्यों- पंजाब और हरियाणा, की राजधानी है जरूर, लेकिन इनमें से किसी भी राज्य में शामिल नहीं है। यह एक केंद्रशासित प्रदेश है, सीधे भारत सरकार के प्रशासन में।

चंडीगढ़, यह नाम शक्ति की देवी श्री चंडिका से आया है, जिसका मंदिर शहर के उत्तर-पूर्व इलाके में स्थित है। यह शहर आधुनिक वास्तुकला के इतिहास की भव्य सफलता की कहानी है। अल्बर्ट मेयर और मैथ्यू नोविकी को शुरुआत में इस शहर के नियोजन की जिम्मेदारी दी गई थी। लेकिन उनकी प्लेन क्रैश में मौत के बाद, फ्रेंच वास्तुविज्ञ ली कोर्बुजर के पास यह जिम्मेदारी गई। उन्होंने शहर की योजना बनाने का काम बेहतरीन तरीके से किया।

यह एशिया और दुनिया के सबसे खूबसूरत और सुविधाजनक शहरो में से एक है, इसी वजह से इसे “द सिटी ब्यूटीफुल” भी कहा जाता है।

पूरी दुनिया से लोग यहां आते हैं और रेगिस्तान में मनुष्य क्या तैयार कर सकता है, इसका साक्षी बनकर वास्तुकला के आश्चर्यों को देखते हैं।

डेमोग्राफिक्स
स्थिति उत्तर भारत
उत्तर और पश्चिम में पंजाब
पूर्व और दक्षिण में हरियाणा
अक्षांश 76042' से 76051' उत्तर
देशांतर 300 40' से 300 46' पूर्व
क्षेत्रफल 114 वर्ग किलोमीटर
जलवायु उष्ण-कटिबंध जलवायु
गर्मियां- गर्म
सर्दियां- ठंडी
अधिकतम तापमान 28 से 38 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम तापमान 7 से 22 डिग्री सेल्सियस
औसत सालाना बारिश 70 मिमी
राजधानी चंडीगढ़
जनसंख्या 900914
भाषा हिंदी, पंजाबी, अंग्रेजी
धर्म हिंदू, इस्लाम, क्रिश्चियनिटी, सिख, बौद्ध आदि
यात्रा के लिए श्रेष्ठ समय अक्टूबर से मार्च
परिधान गर्मियों में – हल्के सूती वस्त्र
सर्दियों में – भारी-भरकम ऊनी वस्त्र
चंडीगढ़ कैसे पहुंचें
यह खूबसूरत शहर दो महत्वपूर्ण राज्यों, पंजाब और हरियाणा की राजधानी के तौर पर सेवाएं देता है। हर दिन, देश के अन्य हिस्सों से लोग चंडीगढ़ पहुंचते हैं। यह भारत के महत्वपूर्ण व्यवसायिक शहरों में से एक है। इसकी वजह से प्राकृतिक रूप से शहर से देशभर का ताकतवर संपर्क नेटवर्क स्थापित हुआ है।

हवाई, सड़क और रेल नेटवर्क के जरिए यह पूरे देश से जुड़ा हुआ है। नीचे बताया गया है कि आप चंडीगढ़ कैसे पहुंच सकते हैं-

हवाई मार्ग से
चंडीगढ़ में एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जो शहर के बीच से महज 11 किलोमीटर दूर स्थित है। इंडियन एयरलाइंस चंडीगढ़ को मुंबई, दिल्ली, जम्मू और अमृतसर जैसे देश के अन्य शहरों से जोड़ती है।

रेलमार्ग से
चंडीगढ़ शहर तक रेल नेटवर्क भी अच्छा है। चंडीगढ़ रेलवे स्टेशन शहर के मुख्य केंद्र से 8 किलोमीटर दूर है। शताब्दी एक्सप्रेस और हिमालयन क्वीन जैसी महत्वपूर्ण ट्रेनें चंडीगढ़ को देश के अन्य शहरों से नियमित जोड़ती है। अधिक ट्रेनें...

सड़क मार्ग से
शहर तक पहुंचने का सड़क नेटवर्क भी बहुत अच्छा है। उत्तर भारत के कई शहरों से आसानी से अपने वाहन से चंडीगढ़ पहुंचा जा सकता है। राष्ट्रीय राजमार्ग 21 और राष्ट्रीय राजमार्ग 22 शहर से होकर गुजरते हैं और शहर को देश के प्रमुख शहरों और राज्यों से जोड़ते हैं। बेहतरीन सड़क और उसके दोनों ओर सांस रोक देने वाले नजारे सड़क यात्रा को यादगार बना देते हैं।

चंडीगढ़ की दूरी
  • दिल्ली से - 238 किमी
  • जम्मू से - 353 किमी
  • शिमला से - 119 किमी
  • अमृतसर से - 217 किमी
  • देहरादून से - 175 किमी
  • अंबाला से - 46 किमी
  • अहमदाबाद से - 1153 किमी
  • जयपुर से - 496 किमी

चंडीगढ़ में खरीदारी
चंडीगढ़ भारत का आधुनिक शहर है। अन्य पर्यटन केंद्रों की तरह चंडीगढ़ इतिहास और विरासतों में रचा-बसा शहर नहीं है। इस वजह से चंडीगढ़ में खरीदारी का अपना अलग अनुभव है।

बेहतरीन शॉपिंग मॉल्स, महंगे तोरण, पॉश लोग, सलीके-से चलने वाले फव्वारे, मूर्तियां और पेड़ों के झुंड, चंडीगढ़ में खरीदारी करना कुछ भी हो सकता है, लेकिन विशुद्ध रूप से भारतीय। खान-पान की दुकानें, कॉफी हाउस, बार और पब खरीदारी करने वाले को व्यस्त रखते हैं।

चंडीगढ़ का मुख्य बाजार सेक्टर 17 में है। हर शाम को यह जगह शहर के सबसे सक्रिय स्थान बन जाती है। अच्छे-स्टॉक वाली इन दुकानों में आपको कई तरह की वस्तुएं मिल जाएंगी। जो भी आप चाहोगे, वह मिलेगा। शहर में हस्तशिल्प के कई एम्पोरियम भी है। लेकिन यहां से खरीदने के लिए पारंपरिक चंडीगढ़ी वस्तु के तौर पर कुछ नहीं मिलेगा। यहां सामान्य रूप से पड़ोसी राज्यों के हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पाद मिलते हैं।

इसके बाद भी आप चंडीगढ़ में खरीदारी के दौरान नोंकदार जुतियां, रंगबिरंगी पंजाबी दुपट्टे, स्थानीय ऊनी कपड़े और हिमाचल प्रदेश के स्वादिष्ट जैम और ज्यूस भी चख सकते हैं।

चंडीगढ़ में होटल्स
चूंकि उत्तर भारत के सबसे प्रचलित पर्यटन केंद्रों में से एक है, इस वजह से चंडीगढ़ में सालभर ही भीड़ दिख जाती है। चंडीगढ़ में ज्यादातर होटल्स की जगह कई महत्वपूर्ण पर्यटन स्थलों के करीब है। अन्य राज्यों के करीब की जगहों पर भी आपको यह होटल्स मिल जाएंगे।

चंडीगढ़ में देखने लायक पर्यटन स्थल
चंडीगढ़ में बड़ी संख्या में बड़े पर्यटन केंद्र है। इस शहर को फ्रेंच आर्किटेक्ट ली कोर्बुजर ने डिजाइन किया था। देश के कोने-कोने से पर्यटक हर साल इन प्लान्ड शहर जाते हैं। चंडीगढ़ पर्यटन आपकी मदद कर सकता है ताकि आप अपनी छुट्टियों को और भी मजेदार और आनंददायक बिता सके। चंडीगढ़ जाने के लिए सबसे अच्छा मौसम है- अगस्त से नवंबर तक शरद ऋतु। इस समय यहां का तापमान न तो बहुत ज्यादा गर्म होता है और न ही ठंडा।

चंडीगढ़ आजादी के बाद भारत में विकसित हुए आधुनिक और सबसे युवा शहरों में से एक है। चंडीगढ़ में पर्यटन का आकर्षण प्राचीन ऐतिहासिक स्मारक नहीं है। चंडीगढ़ में अद्भुत वास्तुकला और मनोरम दृश्य देखे जा सकते हैं, जो निश्चित तौर पर आंखों को सुकून देते हैं। आधुनिक वास्तुकला की विद्वता ने चंडीगढ़ में कुछ पर्यटन आकर्षण बनाए हैं।

चंडीगढ़ शिवालिक रेंज की पहाड़ियों के नीचे बसा है। हरे मैदान और पेड़ों की कतारों के बीच में बने मुख्य मार्ग के साथ ही साफ-सुथऱी सीधी रेखाओं में बने रिहायशी मकान मनोरम दृश्य पैदा करते हैं।

चंडीगढ़ में देखने लायक जगहें

सरकारी संग्रहालय और आर्ट गैलरी
श्रेणीः इतिहास और संस्कृति
गवर्नमेंट म्युजियम और आर्ट गैलरी देश के सबसे प्रसिद्ध संग्रहालयों में से एक है। इसकी खासियत है यहां मौजूद कलाकृतियों, पेंटिंग्स और मूर्तियों का कलेक्शन। यहां पहाड़ी, राजस्थान और गांधार की मूर्तियों पर बनी मिनिएचर पेंटिंग्स मिल जाएंगी। यह संग्रहालय 1948 में हुए देश के विभाजन से जुड़ी कई वस्तुओं को पेश करता है। 40 प्रतिशत वस्तुएं लाहौर के संग्रहालय से लाई गई हैं। 1968 में इस संग्रहालय का उद्घाटन हुआ। चंडीगढ़ के दिल में स्थित एक व्यापक क्षेत्र में फैले परिसर में यह संग्रहालय मौजूद है। संग्रहालय के चार प्रमुख शाखाएं हैं- आर्ट गैलरी, राष्ट्रीय इतिहास संग्रहालय, पोर्ट्रेट्स की नेशनल गैलरी और चंडीगढ़ आर्किटेक्चर म्युजियम।

शांति कुंज
श्रेणीः इतिहास और संस्कृति
शांति कुंज अपने नाम को सार्थक करता है। यह एक उद्यान है, जहां आपको अमन और शांति मिलेगी। भीड़ के शोर-शराबे और शहरों के प्रदूषण से दूर यह जगह आपको सुकून देती है। यह रोज गार्डन और क्रिकेट स्टेडियम के बीच में स्थित है, इस वजह से यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है। इस बगीचे में पौधों की कई तरह की किस्में आपको मिल जाएंगी। हो सकता है कि वह फूलों या चिकित्सा के संबंध में पसंद किए जाते हो। शांति कुंज की हरियाली की सिंचाई प्राकृतिक जलधारा से होती है, जो बगीचे को अलग-अलग किस्मों के पौधों वाले पांच हिस्सों में बांटती है। यदि कोई ध्यान लगाना चाहता है और खूबसूरत फूलों के बीच शांति का आनंद लेना चाहता है तो शांति कुंज में वह ऐसा कर सकता है।

फन सिटी
श्रेणीः मनोरंजन
भारत के सबसे बड़े एम्युजमेंट पार्कों में से एक फनसिटी एम्युजमेंट पार्क में हर आयु समूह के लोगों के लिए मौज-मस्ती के साधन है। इसमें कुछ बेहतरीन हाई-टेक हाइड्रोलिक और जलीय खेल है। यह पार्क चंडीगढ़ से करीब 20 किलोमीटर दूर 43 एकड़ क्षेत्र में फैला है। लेकिन इस जगह पर एक दिन भी कम पड़ता है। इस पार्क का एक बड़ा आकर्षण है- 5डी सिनेमा थिएटर। जो दर्शकों को दूसरी ही दुनिया में ले जाता है। फनसिटी में पानी के खेल लोकप्रिय है और सभी पर्यटकों को एक बेहतरीन अनुभव देते हैं।

गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस
श्रेणीः उद्यान
चंडीगढ़ पहुंचने वाले पर्यटकों के लिए एक अहम पर्यटन केंद्र है गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस। कई किस्मों के पौधों और पेड़ों की सुगंध साफ-सुथरी है और जहरीले प्रभाव को खत्म करती है। यह चंडीगढ़ के तीन प्रमुख गार्डंस में से एक है। गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस हिबिस्कस गार्डन के दक्षिण में सेक्टर 36 में स्थित है। यह गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस की अच्छी बात यह है कि अधिकांश वक्त यहां भीड़ नहीं मिलती। यहां बिछे ट्रैक्स पर आपको फिटनेस की चिंता करने वाले लोग वर्जिश करते नजर आ जाएंगे। सुबह-शाम स्थानीय लोग बड़ी संख्या में यहां पिकनिक पर पहुंचते हैं।

इंटरनेशनल डॉल्स म्युजियम
श्रेणीः मनोरंजन
यह म्युजियम 1985 में बना था। इसमें दुनियाभर से जुटाई गई गुड़ियाएं रखी गई हैं। शुरुआत में यह म्युजियम बच्चों के मनोरंजन के लिए था, लेकिन बाद में यह दुनियाभर में अपनी एक खास पहचान बनाने में कामयाब रहा। इस संग्रहालय में जर्मनी, रूस, कोरिया, स्पेन, डेनमार्क, नीदरलैंड जैसे अलग-अलग देशों की कठपुतलियां और गुड़िया भी आपको देखने को मिल जाएंगी। अलग-अलग भारतीय राज्यों की वेशभूषा में सजी भारतीय गुड़िया यहां आकर्षण का बड़ा केंद्र है। परिकथाओं के चरित्रों को गुड़िया के तौर पर बनाया गया है। इसे खूब पसंद किया जाता है। यहां एक टॉय ट्रेन भी है, जो बच्चों का मनोरंजन करती है।

चोखी ढाणी
श्रेणीः इतिहास और संस्कृति
यह एक ऐसी जगह है जहां राजस्थानी आदिवासियों की संस्कृति और रीति-रिवाजों को प्रस्तुत कियागया है। ऐसा माहौल बनाया है कि पर्यटकों को लगेगा कि वे उनके किसी गांव में पहुंच गए हैं। चोखी ढाणी में सभीतरह का मनोरंजन करने की व्यवस्था है। जादू के खेल, ऊंट की सवारी जैसे लाइव शो भी यहां होते हैं। पारंपरिक राजस्थानी खानपान से सजी थाली यहां का मुख्य आकर्षण है। बाकी तो इसके बहाने हैं।

सुखना लेक
श्रेणीः प्रकृति
शिवालिक हिल्स के निचले हिस्से में स्थित झीलों में सबसे खूबसूरत है सुखना लेक। 1958 में बनाई गई यह मानवनिर्मित झील 3 किलोमीटर लंबी है। सुखना चो नामक नदी को क्षति पहुंची थी इससे सुखना लेक को ऊंचाई मिल गई। यह एक शांत और मनोरम दृश्य है। इस शांत माहौल में पक्षियों का कलरव अद्भुत झांकी पेश करता है। बोटिंग, वाटर स्कीइंग, यैट जैसी कई जलीय खेलकूद गतिविधियां यहां संचालित होती हैं। सुबह-शाम यहां पिकनिक मनाते लोगों को देखना आम है। दिनभर काम करने के बाद कुछ स्थानीय लोग यहां सिर्फ सुस्ताने आते हैं।

नेकचंद का रॉक गार्डन
श्रेणीः
चंडीगढ़ में नेकचंद का रॉक गार्डन भारत में वास्तुकला के अप्रतिम उदाहरणों में से एक है। यह मूर्तियों, प्रतिमाओं और अन्य कलाकृतियों से बना है। यह सभी वस्तुएं औद्योगिक और घरेलू कचरे से बनी हैं। यह सभी वस्तुएं नेकचंद ने 1957 में बनाई थी। पहले यह कलाकृतियां सुखना लेक के नीचे स्थित तंग घाटी में रखी थी। बाद में सरकार ने इन्हें ले लिया। रॉक गार्डन किसी आश्चर्य कम नहीं रही है। रॉक गार्डन किसी मक्के की तरह बना है। आपस में एक-दूसरे से जुड़े गलियारे और यहां की कलाकृतियां पर्यटकों को बांधे रखती है।

चंडीगढ़ का रोज गार्डन
श्रेणीः इतिहास और संस्कृति
चंडीगढ़ में जाकिर हुसैन रोज गार्डन गुलाब को पसंद करने वालों के लिए यह एक खूबसूरत जगह है। यहां 1600 से ज्यादा किस्मों के गुलाब हैं। जो अपनी सुगंध और खूबसूरती से किसी भी पर्यटक के दिलो-दिमाग पर छा सकते हैं। यह एक बड़ा सा बगीचा है, जहां न केवल गुलाब बल्कि बड़ी संख्या में औषधीय पौधे और झाड़ियां भी मौजूद हैं। इस बगीचे में बेंच और ट्रैल्स भी हैं, ताकि लोग कसरत कर सके। खानपान की स्टॉल्स भी हैं। यहां एंट्री फ्री है, लेकिन पिकनिक की अनुमति नहीं है। रोज गार्डन सालाना आयोजन करता है, जिसमें फूलों का खूबसूरत सजावट होती है। डांस, खानपान और उपहार भी उसका अभिन्न हिस्सा है।

बटरफ्लाई पार्क
श्रेणीः इतिहास और संस्कृति
चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में स्थित बटरफ्लाई पार्क सात एकड़ में फैले इस उद्यान में तितलियों की देखरेख के लिए समर्पित है। यहां के नजारे मनोरम है। आंखों को अच्छे लगते हैं। बगीचे में कई तरह के पेड़-पौधे है। पर्यटक यहां आकर सुस्ता सकते हैं। चटकदार और खूबसूरत तितलियों का आनंद ले सकते हैं। पेड़ों की अलग-अलग किस्मों को यहां लगाया गया है। चूंकि तितलियों को फूलों की जरूरत होती है, मैरीगोल्ड, सल्विया, पेटुनिया और दहलिया जैसे फूलों के पौधे भी लगाए गए हैं।

लेजर वैली श्रेणीः इतिहास और संस्कृति
लेजर वैली भी चंडीगढ़ का एक पर्यटन स्थल है। अपने सौंदर्य की वजह से सबसे खास पर्यटन स्थलों में से एक है। यह खूबसूरत और अनूठे बगीचों की एक माला या चेन है। जो पर्यटकों की पांचों इंद्रियों को अपने वश में कर सकती है। सेक्टर 1 के राजेंद्र पार्क से शुरू होकर 8 किलोमीटर तक कई बगीचे हैं, जैसे रोज गार्डन, शांति कुंज, बोगनवेलिया गार्डन, हिबिस्कस गार्डन, गार्डन ऑफ फ्रेगरेंस आदि। लेजर वैली में तीन दिवसीय तक चलने वाला कार्निवाल सालाना आधार पर होता है। इसमें सभी बगीचों के साथ ही वहां आने वाले देशी-विदेशी पर्यटकों को भी शामिल किया जाता है।