लक्षद्वीप में देखने लायक स्थान

लक्षद्वीप पर्यटन
अरब सागर के बीच बसे इस भव्य द्वीप की भव्यता और वैभव को नजदीक से अनुभव करने में लक्षद्वीप ट्रेवल गाइड पर्यटकों को ताकतवर बनाता है। फिरोजी नीले पानी, अनदेखे समुद्री तटों, और जलीय खेलकूद की विस्तृत रेंज और समुद्री आकर्षणों के साथ लक्षद्वीप भारत के सबसे लोकप्रिय पर्यटन केंद्रों में से एक है। यह द्वीप समूह दक्षिण भारतीय राज्य केरल के समुद्री तट से करीब 200 से 300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। लक्षद्वीप देश का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश है। लक्षद्वीप द्वीप समूह में कुल क्षेत्रफल 32 वर्ग किलोमीटर है।

दक्षिण-पश्चिम भारत के समुद्री इलाके में स्थित यह महाद्वीप केरल राज्य के पास है। खुद को एक यात्री कहने वाला पर्यटक इस द्वीप समूह जाने का मौका नहीं गंवा सकता। यहां आप प्रकृति और उसकी खूबसूरती के शुद्ध रूपों को करीब से अनुभव कर सकते हैं।

समुद्री तट
लक्षद्वीप समुद्री तटों और मूंगों की जमीन है। इसके लंबे-लंबे किनारे आपको धूप का लुत्फ उठाने का आमंत्रण देती नजर आती है। यहां के करामाती समुद्री तट सुस्ताने और सूर्यास्त का आनंद लेने के लिए पर्यटकों को अच्छी दावत देते हैं। जब आपको भीड़ से दूर रहने की इच्छा हो, तब यह जगह आपके लिए सबसे अच्छी है। यह निष्क्रिय लैगून पर आप पक्षियों को निहारते और हवा की धुन पर थिरकते ताड़ के पेड़ों को देखते हुए समय बिता सकते हैं। पन्ने-से हरा पानी आपका स्वागत करता है। इस पानी में तैरने से कोई भी व्यक्ति तरोताजा हो जाता है।

आपको समुद्र तट पर होने की एक और बड़ी वजह है - जलीय खेलकूद। इसके अलावा आप इस द्वीप पर यहां-वहां बिखरे पड़े आकर्षक मूंगों को देख सकते हैं। यह आकर्षक और खूबसूरत मूंगे इस जगह को विशेष बनाते हैं।

क्रूज से लक्षद्वीप
लक्षद्वीप क्रूज इन दिनों बहुत लोकप्रिय हो रहा है। इस क्रूज पर विलासिता की सभी सुविधाएं मौजूद हैं, जो इस यात्रा को खूबसूरत और खुशनुमा यात्रा में तब्दील कर देती हैं। 1962 से पहले तक, इस द्वीप से मुख्य धरती को जोड़ने के लिए कोई जहाज नहीं था। पहला जहाज 1962 में एमवी सी फॉक्स नाम से चला। इसके बाद तीन और जहाज शुरू हुएः एमवी अमीनदीवी (1974), एमवी भारतसीमा और एमवी टीपू सुल्तान (1988)। इसके कुछ ही वक्त बाद एमवी मिनिकॉय भी टीम में शामिल हुआ। पर्यटन इन खूबसूरत द्वीपों पर आय का एक मुख्य स्रोत है और क्रूज यहां के लोगों को अन्य अवसर प्रदान करते हैं।

पर्यटन के लिए सबसे अच्छा समय
लक्षद्वीप का मौसम सालभर खुशनुमा बना रहता है, लेकिन यहां अक्टूबर से अप्रैल के बीच यात्रा करना सबसे अच्छा है। यहां का तापमान आम तौर पर 30 डिग्री से ऊपर नहीं जाता।

खानपान
लक्षद्वीप में बनने वाला ज्यादातर भोजन दक्षिण भारतीय खानपान से प्रेरित है। सुबह नाश्ते में अप्पम, डोसा, इडली को प्राथमिकता दी जाती है। दोपहर के भोजन के लिए पत्तागोभी, ओलान, परिप्पू करी, प्लेनटेन इडिमाज पसंद किए जाते हैं। इस द्वीप पर मुस्लिम शासकों का शासन रहा है, इसलिए मांसाहारी पकवान जैसे कोझी मसाला, इराची वरुत्थातु और चिकन करी जैसे व्यंजन भी आपको यहां मिल जाएंगे।

लक्षद्वीप कैसे पहुंचें

लक्षद्वीप
लक्षद्वीप छोटे द्वीपों का एक समूह है, जो भारत के दक्षिण-पश्चिमी तटीय इलाके से 200 से 400 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह द्वीप मिलकर भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश बनाते हैं। अरब सागर ही इसे भारतीय मुख्य भूमि से अलग करता है।

इन द्वीपों पर जाना बहुत आसान नहीं है। लेकिन सुरम्य द्वीपसमूह वहां पहुंचने के लिए विवश करता है। यदि आपको इस बात का आश्चर्य हो रहा है कि लक्षद्वीप कैसे पहुंचें तो चिंता न करें। हवाई या समुद्री मार्ग से कोई भी व्यक्ति मुख्य धरती से द्वीपसमूह तक पहुंच सकती है। लक्षद्वीप के द्वीपों पर जाने के लिए पर्यटकों को पहले परमिट हासिल करना होता है।

हवाई मार्ग से
इस केंद्रशासित प्रदेश में अगट्टी में एयरपोर्ट है। केरल के शहर कोच्चि (कोचीन) से नियमित उड़ानें लक्षद्वीप जाती हैं। कोच्चि में एक अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट है, जो भारत के करीब-करीब सभी प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।

अगट्टी और कोच्चि के बीच उड़ान का वक्त सिर्फ एक घंटा और 30 मिनट है। इन द्वीपों पर पहुंचने के लिए पवन हंस हेलिकॉप्टर सर्विस भी उपलब्ध है। अगट्टी से आप (क्षेत्र के एक महत्वपूर्म शहर) कवराट्टी और मानसून में बंगारम पहुंचने के लिए हेलिकॉप्टर सेवा ले सकते हैं।

समुद्री मार्ग से
लक्षद्वीप पहुंचने के लिए जहाज से यात्रा करना भी एक अच्छा विकल्प है। कोच्चि (कोचीन) से लक्षद्वीप के लिए कई यात्री जहाज जाते हैं। यह यात्रा 18 से 20 घंटे की है। इन जहाजों पर कई तरह की आधुनिक सुविधाएं उपलब्ध हैं। हालांकि, मानसून के दौरान जहाज सेवा बंद रहती है।

कोच्चि से लक्षद्वीप जाने के लिए अनुमानित यात्रा खर्च 500 से 1000 रुपए आता है। यह भारतीय सैलानी के लिए है। विदेशी पर्यटक के लिए 2000 रुपए तक लग जाते हैं।

लक्षद्वीप में खरीदारी
लक्षद्वीप वैसे कोई शॉपिंग डेस्टिनेशन नहीं है। यहां लोग खरीदारी के लिए नहीं आते, बल्कि वे आराम करने और स्कूबा डाइविंग करने आते हैं, जो यहां का एक लोकप्रिय जलीय खेल है।

यदि इसके बाद भी आप यहां खरीदारी करना चाहते हैं, अपनी छुट्टियों की याददाश्त के तौर पर कुछ खरीदना चाहते हैं, तो आप कोरल शैल्स और ऑइस्टर्स से बने समुद्री हस्तशिल्प देख सकते हैं।

यह पता होना जरूरी है कि लक्षद्वीप में खरीदारी के लिए आलीशान मॉल्स, कई बाजार या बड़े एम्पोरियम नहीं है। आपको इस द्वीप पर कहीं-कहीं इक्का-दुक्का दुकानें दिख जाएंगी। सड़क किनारे लगने वाली स्टॉल्स और कुछ स्थानीय छोटी दुकानें भी आपको दिख सकती हैं।

लक्षद्वीप में शॉपिंग के लिए कोई प्रसिद्ध दुकान नहीं है क्योंकि इस द्वीप की आबादी एक लाख से ज्यादा नहीं है। खरीदारी के लिए यह कोई ग्लैमरस जगह नहीं है, लेकिन आपको यहां द्वीप में फैली दुकानों से छोटे-छोटे उपहार तो मिल ही जाएंगे।

लक्षद्वीप में खरीदारी के लिए वस्तुएं
  • समुद्री वस्तुओं के हस्तनिर्मित जेवर
  • खूबसूरत एक्वेरियम
  • मछलियों के डिब्बाबंद बिस्कुट
  • नारियल के छिलकों की कलाकृतियां
  • कछुए की खाल से बनी घरेलू वस्तुएं
  • ऑइस्टर्स

यात्रा के लिए सलाह
  • लक्षद्वीप द्वीप समूह की यात्रा के लिए प्लानिंग जरूरी है। बिना यात्रा परमिट के आप लक्षद्वीप नहीं जा सकते और यह परमिट बनने में कम से कम दो दिन तक लग जाते हैं।
  • यदि आप पीक सीजन में यात्रा की योजना बना रहे हैं तो लक्षद्वीप में रुकने की व्यवस्था करना दुष्कर हो सकता है। इस वजह से यात्रा शुरू करने से पहले ही अपने आवास की पर्याप्त व्यवस्था सुनिश्चित कर लें।
  • इस द्वीपसमूह पर रात को यात्रा न करें क्योंकि यह निर्जन द्वीप हैं। आप गुम हो सकते हैं या चोरों या लुटेरों के हत्थे चढ़ सकते हैं।

घूमने लायक जगहें
  • कवराट्टी
  • कल्पेनी
  • अगट्टी
  • कदमात
  • बंगारम

होटल
पर्यटकों के ठहरने के लिए यहां बहुत ज्यादा विकल्प नहीं है। हालांकि, बंगाराम द्वीप में कुछ लोकप्रिय रिजॉर्ट्स और होटल जरूर हैं। आपको यहां प्राकृतिक वस्तुओं से बने और इको-फ्रेंडली खूबसूरत कॉटेज मिल जाएंगे। आपको कवराट्टी और अन्य जगहों पर भी ठहरने के लिए होटल मिल सकते हैं। सरकारी झोपड़ियां और होटल भी आपके ठहरने के लिए सबसे अच्छा विकल्प साबित हो सकते हैं।

रिजॉर्ट्स
द्वीप समूह पर आवास तलाशना इतना मुश्किल भी नहीं है। हर साल यात्री बढ़ते जा रहे हैं, इस वजह से सुविधाएं भी बढ़ रही हैं। कई नए होटल और लॉज बन रहे हैं। यह होटल हर तरह के पर्यटक को उसकी बजट के मुताबिक सुविधाएं देने के लिए डिजाइन हैं।

केंद्रशासित प्रदेश में ज्यादातर होटलों के ठिकाने बहुत खूबसूरत है। होटल की खिड़की से समुद्र के नीले पानी के बीच हरियाली का नजारा आपको यह बताने के लिए काफी है कि यह स्थान पर्यटकों के लिए स्वर्ग क्यों है। होटल के कमरे स्टाइल के साथ डिजाइन किए गए हैं। आपके चुने विकल्पों के मुताबिक ही सुविधाओं की श्रेणियां तय होती हैं। लेकिन बुनियादी सुविधाएं तो मिल ही जाएंगी। इन द्वीपों में कई श्रेणियों का आवास उपलब्ध है। आपको अपनी जरूरतों और बजट के मुताबिक सूट्स चुन सकते हैं। जो पर्यटक आलीशान तरीके से छुट्टियां बिताना चाहते हैं, उनके लिए यहां कई डीलक्स होटल्स हैं। लेकिन कई बजट होटलों और लॉज भी हैं, जो फिक्स बजट के साथ आए पर्यटकों को सभी सुविधाएं मुहैया कराते हैं।

लक्षद्वीप में घूमने लायक जगहें
लक्षद्वीप भारत का सबसे छोटा केंद्रशासित प्रदेश है। यह एक ऐसी जगह जहां भारत से बहुत ज्यादा लोग नहीं जाते। इसका इकलौता कारण यह है कि यह द्वीप भारत के सुदूर दक्षिण-पश्चिम इलाके में स्थित है।

भले ही लक्षद्वीप के द्वीप लोकप्रिय पर्यटन केंद्र के तौर पर न उभर सके हो, यहां पर्यटकों के लिए काफी कुछ है। जो लोग प्रकृति से प्रेम करते हैं और हर तरीके से उसके करीब जाना चाहते हैं, उनके लिए यह जगह बहुत खास है। लक्षद्वीप का सबसे बड़ा आकर्षण है- प्राचीन सुंदरता और सुकून की जिंदगी। शहरी भाग-दौड़ और व्यस्त दिनचर्या के कोलाहल से दूर, आपको यहां सिर्फ समुद्री तटों से टकराती लहरों की आवाज सुनाई देगी। पागलपन वाली भीड़ से बहुत दूर आपको इन द्वीपों पर शांति का अहसास होगा।

इस द्वीप पर आपको स्कूबा डाइविंग, स्नोर्कलिंग, कयाकिंग, कैनोइंग, विंडसर्फिंग, याच और इसी तरह की कई अन्य रोमांचक गतिविधियां मिल जाएंगी।

लक्षद्वीप में देखने लायक जगहें

कवराट्टी
लक्षद्वीप के द्वीपों में कवराट्टी एक खूबसूरत लगून है। पर्यटकों के मनोरंजन के लिए यहां कई तरह के जलीय खेलकूद उपलब्ध है। इस जगह पर कुछ बहुत ही खूबसूरत मस्जिदें भी हैं, जो समृद्ध प्राचीन भारतीय वास्तुकला के अद्भुत नमूने हैं। यहां के जलीय जीवन को प्रदर्शित करने वाला एक मरीन एक्वेरियम भी यहां है।

मिनिकॉय
अर्धचंद्राकार द्वीप इस क्षेत्र के सबसे बड़े लगून में से एक है। इस पर मालदीव का चरित्र साफ दिखता है। इस द्वीप पर महत्वपूर्ण स्मारक के तौर पर 1885 में बना एक लाइटहाउस है। पर्यटकों के रुकने के लिए इस द्वीप पर कई कॉटेज भी बने हैं।

काल्पेनी
इस मनोरम द्वीप पर कोई मनुष्य नहीं रहता, लेकिन यह एक बहुत बड़ा छिछला लगून है। काल्पेनी शहर भारत का पहला शहर है, जहां लड़कियां सबसे पहले स्कूल गई थी। काल्पेनी शहर में मोइदीन मस्जिद है, जो इस द्वीप के सबसे लोकप्रिय स्थानों में से एक है।

अगट्टी
यहां आपको सांसों को रोक देने वाला दृश्य देखने को मिलता है। प्रवाल भित्तियां और समुद्री हवा में झूमते नारियल के पेड़ बेहतरीन नजारा पेश करते हैं। अगट्टी द्वीप को लक्षद्वीप समूह का द्वार कहा जाता है। इस द्वीप के समुद्री तट भारत के सबसे अच्छे समुद्री तटों में शुमार हैं।

कदमात
यह धूप सेंकने और जलीय खेलकूद के लिए आदर्श स्थान है। समुद्री संपत्ति के लिहाज से यह द्वीप बहुत समृद्ध है। कदमात में पर्यटकों के लिए स्कूबा डाइविंग, स्नॉर्कलिंग और तैराकी के कई विकल्प उपलब्ध हैं।

बंगारम
अश्रु के आकार के इस निर्जन द्वीप पर शानदार समुद्र तट और सुंदर लैगून है। यह खूबसूरत द्वीप सभी परेशानियों और चिंताओं तनाव कम करने के लिए एक बहुत अच्छा अवसर देता है।

लक्षद्वीप के करीब पर्यटन केंद्र

केरल
लक्षद्वीप के द्वीपों और केरल के बीच की दूरी करीब 300 किमी है। भगवान की अपनी धरती के तौर पर पहचान रखने वाला केरल पर्यटन के लिहाज से काफी खूबसूरत जगह है। केरल के बैकवाटर की यात्रा आपकी इंद्रियों को पूरी तरह से तरोताजा कर देगी। कुमाराकोम, मुन्नार (केरल में मौजूद इकलौता हिल स्टेशन) और एल्लीपे कुछ ऐसी जगह हैं, जिनकी अनदेखी करना आप भी पसंद नहीं करेंगे।

तमिलनाडु
कोयम्बटूर और लक्षद्वीप के बीच की दूरी 488 किमी है। तमिलनाडु में ऊटी नामक हिल स्टेशन है, जो भारत के सबसे लोकप्रिय हिल स्टेशनों में से एक है। तमिलनाडु में पर्यटन के लिहाज से अन्य केंद्रों में कून्नूर, येलागिरि शामिल है। तमिलनाडु में कई समुद्री तट हैं, जहां आप तरोताजा हो सकते हैं और उनका आनंद उठा सकते हैं।

गोवा
यदि आप लक्षद्वीप के बराबर मजा किसी और भारतीय शहर में लेना चाहते हैं तो गोवा आपकी सूची में आ सकता है। गोवा के तट, चर्च और खान-पान, राज्य की हर बात बेहतरीन है। गोवा भारत के सबसे ज्यादा पसंदीदा पर्यटन स्थलों में से एक है।


अंतिम संशोधन : जुलाई 24, 2018