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भारतीय डाकघर की बचत योजनाएं

July 16, 2018
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भारतीय डाकघर

भारतीय डाक प्रणाली, पूरे देश में 1.5 लाख से ज्यादा डाकघरों के साथ दुनिया का सबसे बड़ा डाक नेटवर्क होने का दावा करती है। यह 150 से अधिक वर्षों से चली आ रही छोटी बचत योजनाओं के साथ-साथ संचार का आधार भी रही हैं। डाकघर बहुमुखी कार्यो को करने और संदेश भेजने तथा बचत योजनाओं के अलावा फॉर्म बिक्री व बिल संग्रह आदि जैसी साधरण सेवाओं से भी संबंधित है। निश्चित रूप से यह कहा जा सकता है कि डाकघरों ने वास्तव में देश के सामाजिक तथा आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है और ई-मेल तथा स्मार्टफोन जैसी कोई भी मूल्यवान तकनीक डाकघर की कभी भी उपेक्षा नहीं कर सकती।

छोटी बचत (स्मॉल सेविंग)

बचत भले ही छोटी हो, परंतु उसका मुख्य उद्देश्य भविष्य को सुरक्षित बनाना होता है। भारत में रहने वाले लोगों के पास बिना किसी लाभ के घरों में राशि रखने या अल्प लाभ पर बैंकों में धन संचित करने की अपेक्षा, छोटी बचत से संबंधित डाकघर के द्वारा दी जाने वाली विभिन्न योजनाओं को चुनने के अनेक विकल्प मौजूद होते हैं। तो आइए देखते हैं कि छोटी बचत क्या हो सकती हैं, उन पर ध्यान देते हैं

  • पेंशन को प्राप्त करने वाले वरिष्ठ नागरिक आमतौर पर छोटी बचत पर कम ध्यान आकर्षित करते हैं, जिसे डाकघर बचत योजनाओं में निवेश किया जा सकता है।
  • भारत में गृहिणियों को अप्रत्याशित व्यय (कुछ आवश्यक जरूरतों को पूरा करने) के लिए एक निश्चित धनराशि को अलग रखने की आदत होती है। आमतौर पर कुछ महीनों में यह अगल रखी गई राशि अपने आप में एक छोटी बचत के बराबर होती है, जिसका उपयोग किसी भी डाकघर में बचत योजनाओं के तहत अच्छे लाभ के लिए किया जा सकता है।
  • बच्चों को अपनी पॉकेट मनी (जेब खर्च) को बचाने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकता है और बाद में उस बची हुई धनराशि को आप डाकघर की बचत योजनाओं में निवेश कर सकते हैं।
  • आप किसी भी नवजात बच्चे या नव-विवाहित को उपहार या उपहार के रूप में चेक देने की बजाय, उनके लिए वह राशि डाकघर की बचत योजनाओं में निवेश करने के विकल्प के रूप में चुन सकते हैं, जो भविष्य में पूँजीगत लाभ के साथ उनकी काफी मदद भी कर सकती है।

डाकघर की विभिन्न छोटी बचत योजनाओं के लाभ:

  • डाकघर द्वारा आकर्षक ब्याज दरे प्रदान करना।
  • यह एक ऐसी आसान बचत है, जिसका पूरे भारत के किसी भी डाकघर में स्थानांतरण किया जा सकता है।
  • निश्चित अवधि के अंत में, डाकघर बचत योजनाएं पूँजीगत लाभ देती हैं, जिसका परिवार द्वारा उपयोग पूँजी निवेश करने के लिए किया जा सकता हैं।
  • डाकघर बचत योजनाएं बिना किसी कर कटौती (टीडीएस) के साथ प्रदान की जाती हैं।

डाकघर की विभिन्न बचत योजनाएं:

  • डाकघर की वन टाइम जमा योजना– इस योजना के लिए कम से कम 200 रुपये जमा करने की आवश्यकता होती है। इस योजना में परिपक्वता अवधि 1 से 5 साल तक होने के साथ-साथ इसमें अवधि पूर्ण होने पर पुनः धनराशि जमा करने का विकल्प होता है। धनराशि जमा करने की अवधि के अनुसार, इसकी ब्याज दर की सीमाएं 6.6 प्रतिशत वार्षिक से लेकर 7.4 प्रतिशत तक होती हैं।
  • पाँच-वर्षीय डाकघर आवर्ती जमा खाता इस योजना की न्यूनतम जमा राशि मात्र 10 रुपये है। इसकी ब्याज दर 6.9 प्रतिशत वार्षिक के हिसाब से निर्धारित की गई है। किसी अन्य शहर में जाने पर यह आवर्ती जमा बचत खाता आसानी से एक डाकघर से दूसरे डाकघर में हस्तांतरित किया जा सकता है। यह खाता 10 वर्ष या उससे अधिक के नाबालिगों के नाम से खुलवाया जा सकता है।
  • डाकघर बचत खाता इस योजना में जमा करने की न्यूनतम धनराशि मात्र 20 रुपये है। हालांकि, इस योजना में चेक या डेबिट कार्ड जैसी सुविधा के विकल्प का लाभ उठाने के लिए, आपके खाते में 500 रुपये की न्यूनतम धनराशि होने की जरुरत होती है। इसकी वार्षिक ब्याज दर 4 प्रतिशत और इसमें 10,000 रुपये तक की धनराशि कर मुक्त होती है।
  • डाकघर की मासिक आय योजना (एमआईएस): इस योजना में आवश्यक न्यूनतम जमा धनराशि 1500 रुपये है। इस योजना में डाकघर के साथ-साथ खाते का आसानी से स्थानांतरण कर सकते हैं। इस योजना में 10 वर्ष और उससे अधिक के नाबालिगों के नाम से खाता खोला जाता है। इस खाते की पूर्ण अवधि 5 वर्ष तथा ब्याज की दर 7.3 प्रतिशत होती है। इस योजना में ब्याज की धनराशि प्रति माह दी जाती है। जिसे आप अपनी जरूरत के अनुसार निकाल सकते हैं।
  • वरिष्ठ नागरिक बचत योजना: यह योजना भारत के अधिक आयु वाले नागरिकों की आवश्यकता के अनुसार बनाई गई है। कोई भी व्यक्ति जो 60 वर्ष या उससे अधिक है, वह इस योजना का लाभ उठा सकता है। 55 वर्ष की उम्र में स्वैच्छिक सेवा निवृत्ति ‍योजना (वी.आर.एस) प्राप्त करने वाला व्यक्ति भी इस योजना का विकल्प चुन सकता है। इस योजना में पति या पत्नी द्वारा संयुक्त खाता भी खुलवाया जा सकता है। इस योजना में 8.3 प्रतिशत की वार्षिक ब्याज दर पर पाँच साल की पूर्ण अवधि के साथ अवधि से पहले नाममात्र की छूट पर खाता बंद करने और ब्याज वापस लेने के विकल्प उपलब्ध हैं और यह योजना वास्तव में वरिष्ठ नागरिकों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।
  • 15 वर्षीय लोक भविष्य निधि खाते: इस योजना में 100 रुपये के साथ खाता खुलवाया जा सकता है। हालांकि, इस योजना में खाता खुलने के एक वर्ष के भीतर, न्यूनतम धनराशि जमा करनी होती है। इस योजना की पूर्ण अवधि 7.6 प्रतिशत वर्षिक ब्याज दर के साथ 15 वर्षों की होती है। तीसरे वित्तीय वर्ष के बाद इस जमा धनराशि से कर्ज निकाला जा सकता है और यह कर्ज कर मुक्त होता है।
  • राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी): इस योजना के तहत दो पत्र पहला 5 प्रतिशत प्रति छमाही चक्रवृद्धि ब्याज की दर पर 5 वर्षीय राष्ट्रीय बचत पत्र तथा दूसरा 7.6 प्रतिशत प्रति छमाही चक्रवृद्धि ब्याज की दर पर 10 वर्षीय राष्ट्रीय बचत पत्र उपलब्ध हैं। दोनों पत्रों पर ब्याज, अवधि पूर्ण होने पर ही दिया जाता है। इस पत्र को कोई भी वयस्क व्यक्ति अपने बच्चे की ओर से प्राप्त कर सकता है और इसमें जमा पर आयकर की धारा 80सी के तहत छूट मिलती है। इस योजना के तहत न्यूनतम जमा धनराशि 100 रुपये है और इसमें जमा करने की कोई अधिकतम सीमा नहीं है।
  • किसान विकास पत्र (केवीपी): इस योजना के तहत जमा होने वाली न्यूनतम धनराशि 1000 रुपये है और अधिकतम धनराशि जमा करने की कोई भी सीमा नहीं है। जमा की गई धनराशि 2 वर्ष 6 माह के बाद नगद के रुप में प्राप्त करने के विकल्प के साथ-साथ यह 8 वर्ष 4 माह में दुगनी हो जाती है। किसान विकास पत्र के लिए ब्याज दर 7.3 प्रतिशत पीए है।
  • सुकन्या समृद्धि खाता: यह खाता विशेष रूप से बालिकाओं की आवश्यकतानुसार बनाया गया है। कानूनी अभिभावक अपनी बालिका के लिए उसके नाम पर 1000 रुपये की न्यूनतम धनराशि जमा करने के साथ यह खाता खुलवा सकते हैं। यह खाता खुलवाने वाली बालिका की उम्र 10 वर्ष होनी चाहिए और उसकी 21 वर्ष की आयु पूरी होने के बाद इस खाते को बंद किया जा सकता है। बालिका की 18 वर्ष की उम्र होने के बाद इसे योजनावधि से पहले भी बंद करने की अनुमति है। सुकन्या समृद्धि खाता में वार्षिक ब्याज की दर 9.2 प्रतिशत होती है और इसकी वार्षिक आधार पर गणना की जाती है।

डाकघर की विभिन्न बचत योजनाओं के बारे में विस्तृत जानकारी के लिए कृपया http://www.indiapost.gov.in/POSB.aspx पर संपर्क करें।

अप्रत्याशित और संकटमयी घटनाओं पर होने वाले खर्चों को पूरा करने के लिए की गई बचत काफी मददगार साबित होती हैं। आप अपनी धनराशि को लाभ न देने वाले लोगों को देने की बजाय, डाकघर की विभिन्न बचत योजनाओं में जमा कर सकते हैं, जिसका आपातकाल के समय सरलता से उपयोग किया जा सकता है। यह सच है कि बैंकें भी डाकघर बचत योजनाओं के समान ही ब्याज दरों का भुगतान कर रही हैं। लेकिन डाकघर योजनाओं से कर लाभ के अलावा जमा की गई धनराशि बिना किसी जोखिम के पूर्व-निर्धारित दर से बढ़ती रहती है, क्योंकि इसका सरकार द्वारा प्रोत्साहन किया जाता है। हालांकि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) भी मुद्रास्फीति की वजह से ब्याज दरों में कटौती करने और बैंक में निवेश करने की प्रतिस्पर्धात्मक योजनाएं बना रही है, लेकिन डाकघर द्वारा चलाई गई छोटी बचत योजनाएं एक सुरक्षित भविष्य का आश्वासन देती है और यह सबसे सुरक्षित विकल्प हैं।