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भारत अब भी एक विकासशील देश क्यों है?

July 19, 2018


भारत अब भी एक विकासशील देश क्यों है?

ब्रिटिशों ने भारत आकर 200 सालों तक इसे लूटा और यहां शासन किया। जब वे सन् 1947 में यहां से गए तब उन्होंने पीछे कुछ भी नहीं छोड़ा। भारत को सबकुछ शून्य से शुरु करना पड़ा। भारत अब भी एक विकासशील देश क्यों है यह साबित करने के लिए बार बार यही कारण गिनाए जाते हैं। लेकिन इन सब घटनाओं को बीते 66 साल हो चुके हैं और इतना समय विकासशील और विकसित के अन्तर को कम करने के लिए काफी है।

विकिपीडिया के अनुसार एक विकासशील देश वो होता है जिसका अन्य देशों के मुकाबले जीवन स्तर निम्न हो, कम विकसित औद्योगिक आधार हो और कमतर मानव विकास सूचकंाक हो। कई मर्तबा किसी भी देश को विकासशील या विकसित के दायरे में रखने के लिए लोगों की संतुष्टि को ही ध्यान में रखा जाता है।

भारत हमेशा से ही एक कृषि प्रधान देश रहा है और इसकी अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि पर ही आधारित रही है। देश की अर्थव्यवस्था को कृषि से हटकर उद्योग आधारित होने की जरुरत है, क्योंकि कृषि सिंचाई के लिए मानसून पर निर्भर रहती है जो खुद बहुत अनिश्चित है।

जाति आधारित आरक्षण बिल भी भारत का एक संवेदनशील मुद्दा है जिसे अक्सर वोट हासिल करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। यह भी एक कारण है कि हमारा देश उस गति से आगे नहीं बढ़ पा रहा है जिससे यह एक विकसित देश बन सके। यदि हम जाति आधारित आरक्षण प्रणाली को कायम रखना चाहते हैं तो इसकी एक सीमा भी तय करना होगी। किसी भी परिवार को कोटा सिर्फ एक बार ही इस्तेमाल करने की इजाजत होनी चाहिए। इसका अर्थ होगा कि यदि परिवार के किसी व्यक्ति ने एक बार कोटे का प्रयोग कर लिया है तो कोई दूसरा सदस्य उसे उपयोग नहीं कर सकता। जाति आधारित आरक्षण कमजोर तबके को फायदा देने के लिए शुरु किया गया था। जिससे वह एक बार गरीबी से बाहर आ जाए और फिर अपने परिवार की भी मदद कर सके। दूसरी ओर सरकार भी उन्हें शिक्षा के लिए आवश्यक वित्तीय सहायता प्रदान कर सकती है।

भारत को भ्रष्टाचार के मुद्दे और सामाजिक बुराईयों से निपटना चाहिए, जो उसे पिछड़ेपन की ओर धकेल रहे हैं। भारत की अर्थव्यवस्था पाजि़टिव संकेत दे रही है लेकिन भ्रष्टाचार नेगेटिव भूमिका अदा कर रहा है। भारत का लगभग हर क्षेत्र भ्रष्टाचार से प्रभावित है। खासतौर पर बुनियादी ढांचा और अचल संपत्ति, धातु और खनन, एयरोस्पेस और रक्षा तथा बिजली और उपयोगिता। भ्रष्टाचार से कारोबार की लागत बढ़ जाती है। भ्रष्टाचार से निपुणता तो कम होती ही है स्वस्थ बाजार का विकास भी नहीं हो पाता। भ्रष्टाचार देश के विकास में एक बड़ी बाधा है। भ्रष्टाचार की वजह से विदेशी निवेशक भारत में व्यापार करने से कतराते हैं। हमारे देश में जब तब ही घोटाले भी उजागर होते रहते हैं। इन घोटालों की वजह से एफडीआई प्रवाह पर असर पड़ता है।

भारतीय पुरुषों को महिलाओं का सम्मान करना चाहिए और देश को पुरुषों के मुकाबले महिला अनुपात सुधारने की आवश्यकता है। लड़कियों को जन्म लेने और जन्म होने के बाद जीने का अधिकार होना चाहिए।

हर भारतीय को बुनियादी शिष्टाचार सीखना चाहिए ताकि हमारा देश साफ सुथरा रह सके। यह एक विकासशील और विकसित का सबसे स्पष्ट अन्तर होता है। भारत में हर कोई कहीं भी थूक सकता है और कहीं भी पेशाब कर सकता है। हर इलाके में कूड़े का ढेर देखा जा सकता है। आप आसानी से एक कचरे के खाली डब्बे के पास कूड़ा फैला हुआ देख सकते हैं। कभी कभी हर किसी को शिक्षा देना भी नामुमकिन काम लगता है।

शायद भारत में ऐसा कोई कानून नहीं है जो कभी सख्ती से लागू किया गया हो। इसलिए कानून बनाने वालों को उसके पालन होने और अच्छे शासन के बारे में सोचना चाहिए।

भारत का हर नागरिक, चाहे वो अमीर हो या गरीब, सम्मान का हकदार है।

भारत के आर्थिक विकास के लिए शिक्षा, स्वास्थ्य और औद्योगिक क्षेत्र के विकास के लिए हरसंभव प्रयास करने चाहिए। कई विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में शोधकर्ताओं ने शिक्षा और विकास में संबंध पाया है। थिओडोर शुल्ज़ ने पाया कि विकासशील देशों में साक्षर किसानों की उत्पादकता अनपढ़ किसानों की उत्पादकता के मुकाबले कहीं अधिक है। मोहम्मद तमीम इस नतीजे पर पहुंचे कि शिक्षा का स्तर सुधारने से विकास के स्तर में भी सुधार देखा जा सकता है।

व्यापार को बढ़ावा देने के लिए एक विकसित सड़क और रेल नेटवर्क होना बहुत आवश्यक है।

भारत को कृषि के अलावा अपने निर्माण उद्योग पर भी खासा ध्यान देने की जरुरत है। इस क्षेत्र में विकास होने पर भारत जरुर विकसित देशों की सूची में आ सकता है। भारत को नौकरियों की कमी से निपटने के लिए ज्यादा से ज्यादा उद्यमी बनाने की जरुरत है।

भारत को भ्रष्टाचार, रिश्वत और सामाजिक बुराईयों के प्रति पूर्ण असहनशीलता दिखानी होगी। हर भारतीय को अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझनी होगी। किसी को भी रिश्वत का साथ ना देते हुए इस आसान रास्ते से बचना होगा।

पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम ने सही कहा है कि किसी भी व्यक्ति, धर्म या कट्टरपन से ज्यादा जरुरी देश है। युवा और रचनात्मक नेता भारत को विकसित देश में बदल सकते हैं। भारत तब ही विकास करेगा जब उसके लोग विकास करेंगे।

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