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Category Archives: society

प्रत्येक भारतीय विदेशियों की इन रूढ़िवादी धारणाओं से तंग है

हमारा देश ऊर्जावान भूमि है या नहीं, लेकिन निश्चित रूप से रूढिवादियों का देश जरूर है। वास्तव में, यह काफी उपजाऊ भूमि है। प्रत्येक वर्ष लाखों विदेशी पर्यटक यहां घूमने के लिए आते हैं तो स्वाभाविक है कि उनके मन में भारत के बारे में कोई तो छवि होगी जो उनको भारत की ओर आकर्षित करती है। लेकिन उनकी कुछ धारणाएं इतनी अपमानजनक होती हैं जो कि हम भारतीयों को फूहड़ मजाक या सीधे तौर [...]

चलिए बात करें अनदेखे मुद्दों पर

हमारे दिन-प्रतिदिन के जीवन में कई चीजें हमें कष्टप्रद लगती हैं। लेकिन कई चीजें ऐसी हैं जिनसे हम इतना तंग आ चुके हैं कि हम इन्हें अब बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमने इधर-उधर खोजबीन की, चारों ओर पूछा और कुछ चीजें ढूंढीं जिन्हें लोग अब और बर्दाश्त नहीं कर सकते। उनमें से कुछ वास्तव में अनुचित और अतार्किक हैं। भारत किन चीजों पर प्रतिबंध लगाना चाहता है जानने के लिए इस लेख को पढ़िए। 1. [...]

मन को नियंत्रित करने वाले स्वामी विवेकानंद के विचार

स्वामी विवेकानंद एक ऐसा नाम है, जिन्होंने न सिर्फ पश्चिमी दुनिया में भारतीय दर्शन के वेदांत और योग का सूत्रपात किया, बल्कि उन्होंने अपने श्रेष्ठ विचारों को एक समान रूप से “सबसे गरीब और मध्य स्तर वाले लोगों के सामने” प्रस्तुत भी किया। दुनिया उन्हें वर्ष 1893 में शिकागो में आयोजित हुई विश्व के धर्मों की संसद में अपने तारकीय भाषण के लिए याद करती है, जहाँ उन्होंने भारत का प्रतिनिधित्व किया था। एक दार्शनिक, [...]

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नये साल पर नये संकल्प लेने का समय

पुराने साल की कुछ यादों को पीछे छोड़ते हुए हम बांहे फैलाकर नए साल का  स्वागत कर रहे हैं। मौज-मस्ती करने का समय है, हम नए साल को अलग-अलग अंदाज में मनाते हैं। क्रिसमस के त्यौहार को बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाने के कुछ ही दिन बाद यह महत्वपूर्ण पल आता है। एक बार फिर से हमारे दिल की धड़कने तेज होने लगी हैं कि नया साल कैसा होगा? नए साल के आगमन के [...]

2018 की सफल महिलाएं

नए साल का स्वागत करने के साथ हमारी कुछ पुरानी यादें हमारे जहन में आती हैं। निश्चित रूप से वर्ष 2018 काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा, जिसमें कुछ का उतार-चढ़ाव काफी यादगार हैं। हमारी वंडर वुमन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि एक कदम पीछे रहने के दिन चले गए हैं। कई खूबसूरत महिलाओं ने यह दिखा दिया है कि अपने हुनर के साथ आगे बढ़ना कितना शानदार होता है, जो देश को [...]

गौ-रक्षा: क्या हम धर्म के नाम पर हत्यारे बन रहे हैं?

ह्यूमन राइट्स वॉच के अनुसार, वर्ष 2015 के बाद से गौ-रक्षा हिंसा में वृद्धि हुई है। गौरक्षा के नाम पर एक व्यक्ति द्वारा हर महीने कम से कम एक गाय को मारने की खबर मिलती ही रहती है जबकि हिंदू धर्म में गाय को पवित्र माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बावजूद भी नियमित रूप से इन गैर कानूनी ढंग से प्राणदंड के मामलों की निंदा करते हुए ऐसा लगता है कि इन [...]

साल (2016) में बॉब डिलन को साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। जबकि नोबेल प्रशस्ति पत्र में कहा गया है कि वह “महान अमेरिकी गीत परंपरा के भीतर नया काव्य अभिव्यक्ति बनाने के लिए” इसके योग्य थे। अन्यथा उनके आलोचक सोंचते हैं कि वह इसके योग्य नहीं थे। नोबेल पुरस्कार प्राप्त करने का उन्माद अभी भी लोगों का उपभोग कर रहा है। इसी दौरान हम उन नोबेल पुरस्कार विजेताओं को देखें जो [...]

गुरु नानक देव जी

गुरु नानक देव जी की महत्वपूर्ण शिक्षाओं के बारे में जानें गुरुनानक देव जी की माँ का मायका (मातृ गृह) सुल्तानपुर लोधी में था, जहाँ सिखों के पहले गुरू, गुरु नानक देव जी ने अपने जीवन के लगभग 15 वर्ष बिताए थे। इसलिए, इस स्थान पर गुरु नानक देव जी को समर्पित कई गुरुद्वारे बने हुए हैं। गुरुनानक देव जी की बहन बेबे नानकी की शादी सुल्तानपुर में हुई थी। गुरुनानक देव जी को समर्पित [...]

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बराक ओबामा ने 2015 के दौरान नई दिल्ली का दौरा किया था और उस समय अमेरिकी दूतावास ने अपने कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए लगभग 1800 इनडोर एयर प्यूरिफायर खरीदे थे। इस खबर ने राजधानी शहर में आम लोगों के साथ-साथ उच्च वर्ग के बीच काफी नकारात्मक भावनाओं को जन्म दिया था। नागरिक उनसे इसलिए निराश थे क्योंकि शहर को साफ रखने के लिए राज्य सरकार से कार्रवाई की कमी को देखा जा रहा था।  [...]

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स्वच्छ भारत अभियान: क्या हम इस वर्ष मना सकते हैं एक प्रदूषण मुक्त दिवाली?

भारत और विदेशों में रहने वाले भारतीय हिंदुओं के लिए सबसे अधिक उत्साह से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है दिवाली। यह हमेशा वर्ष की सबसे अंधेरी रात में पड़ती है और यही कारण है कि हम इस दिन प्रकाश और दियों के साथ हमारे चारों ओर उजाला करते हैं। हम देवी लक्ष्मी से प्रार्थना करते है और अपने अच्छी तरह से सजाए गए घरों में उनका स्वागत करने की पुरानी परंपरा का [...]

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