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चैंपियंस ट्रॉफी 2017 पर पाकिस्तान का कब्जा

June 20, 2017


pakistan-wins-icc-champions-trophy-2017-hindiअगर आप एक शब्द में पाकिस्तान की टीम का व्याख्यान करना चाहते हैं, तो यह संभव नहीं है। आप अनुमान भी नहीं लगा पायेंगे कि पाकिस्तान कब वापसी कर ले। एक दिन वह विश्व विजेता के रूप में उभर कर सामने आऐंगे और अगले ही दिन एक मामूली टीम की तरह खेलेंगे।

रविवार को, चैंपियंस ट्रॉफी के फाइनल में भारत के नीले रंग के अरबों प्रशंसकों ने भारत और पाकिस्तान के मैच को देखा। फखर ज़मान ने अपने अंतर्राष्ट्रीय करियर में सिर्फ चार पारी खेलीं, जिसमें उनका शानदार मैच जीतने वाला शतक शामिल था। फखर ज़मान और अजहर अली के बीच 128 रनों की शुरुआती साझेदारी ने पाकिस्तान के कुल 338 रनों के विशाल स्कोर के लिए आधार बनाया। भुवनेश्वर कुमार के अलावा, कोई भी भारतीय गेंदबाज रन रेट पर नियंत्रण नहीं रख पाया।

चौथे ओवर में धोनी ने फखर की कैच को लपक लिया था लेकिन जसप्रीत बुमराह की वह गेंद नोबॉल हो गई। बाउंसर गेंदों पर इधर-उधर मोटे किनारे और मिस्टाइम शॉर्ट्स पर जीवनदान मिलना एक बल्लेबाज को आक्रामक और टिकाऊ बनाता है।

भारत की मुख्य ताकत, उसके स्पिनरों को मध्य ओवरों में अच्छी गेंदबाजी के लिए जाना जाता है। यही वह समय था जहाँ पाकिस्तान के बल्लेबाजों को रोका जा सकता था। फखर ने जडेजा के एक ओवर में 15 रनों की पारी खेली और अश्विन की गेंद पर चार रन बनाकर अपना अर्धशतक पूरा किया।

फखर के आउट हो जाने के बाद, हफीज और बाबर आज़म के बीच अच्छी साझेदारी हुई और रनों को तेज गति से आगे बढ़ाया। आज़म और शोएब मलिक के रूप में भारत ने दो विकेट लिए और कुछ हद तक पाकिस्तानी बल्लेबाजी को नियंत्रित किया। इमाद वासिम और हफीज ने पाकिस्तान के लिए अंतिम सिर्फ 45 गेंदों में 71 रन जोड़े और टीम को कुल 338 रन तक ले गए।

339 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को शीर्ष 3 बल्लेबाजों से अच्छे प्रदर्शन की काफी उम्मीदें थीं। भारत के शीर्ष तीन में रोहित, धवन और कोहली टूर्नामेंट में अच्छा प्रदर्शन कर रहे थे इसलिए भारतीय टीम को उनसे काफी उम्मीदें थीं लेकिन पीठ की चोट का इलाज कराकर वापस लौटने वाले मोहम्मद आमीर ने उनके विचारों पर पानी फेर दिया। उन्होंने रोहित शर्मा को शून्य पर आउट करके भारत को पहला बड़ा झटका दे दिया।

आमिर अच्छी फॉर्म में थे लेकिन भारत के पास भी विश्व के नंबर वन बल्लेबाज के रूप में कप्तान विराट कोहली थे। आमिर ने पहली स्लिप पर कोहली को कैच करवाना चाहा, जहाँ अजहर अली ने कैच छोड़ दिया लेकिन आमिर ने अगले ही गेंद पर कोहली को प्वाइंट के क्षेत्र में कैच करवा दिया, इस प्रकार भारत ने 6 रन के स्कोर पर 2 विकेट गँवा दिए। इसके बाद धवन ने दो अच्छे शॉट खेले लेकिन वह आमिर के तीसरे शिकार हुए और 21 रन के व्यक्तिगत स्कोर पर उन्हें पवेलिन लौटना पड़ा। युवी, धोनी और जाधव कुछ खास नहीं कर पाए और जल्द ही आउट होकर पवेलिन लौट गए। इस समय भारत का स्कोर 72 रनों पर 6 विकेट था और ऐसा लग रहा था कि पूरी टीम 100 रन पर ही आल आउट हो जायेगी लेकिन हार्दिक पांड्या ने धुआंधार पारी खेलते हुए शानदार 6 छक्कों की मदद से 43 गेंदो में 76 रन ठोंक डाले। उनके और जडेजा के बीच एक गलतफहमी के कारण वे रन आउट हो गए और पांड्या के आउट होने के बाद भारत ने जीत की आशाएँ खो दीं, उस समय भारत का स्कोर 158 रनों पर 7 विकेट था। वास्तव में, क्रिकेट के नजरिये से 180 रनों की हार शर्मनाक है।

पाकिस्तान की जीत में, बल्लेबाजी और गेंदबाजी में नायक रहे दो खिलाड़ी – फखर ज़मान ने एक ऐतिहासिक पारी खेली, जो हमेशा यादगार रहेगी, स्पॉट फिक्सिंग के लिए 5 साल के लिए निलंबित कर दिए जाने वाले मोहम्मद आमिर ने बेहतरीन गेंदबाजी की। भारत से पहला मैच हारने के बाद, पाकिस्तान टीम के प्रशंसकों का दिल टूट गया था लेकिन पाकिस्तान ने बेहतरीन वापसी करते हुए, दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मजबूत वापसी की और नंबर एक रैंकिंग टीम को हराया, इसके बाद श्रीलंका टीम को टूर्नामेंट से बाहर कर दिया।

पाकिस्तान का अगला मुकाबला मेजबान देश इंग्लैंड से हुआ, उन्होंने इंग्लैंड को कोई भी मौका नही दिया और अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन जारी रखते हुए, इंग्लैंड को हराकर फाइनल में अपनी जगह बनाई। उन्होंने फाइनल के लिए भी अपना बेहतरीन प्रदर्शन जारी रखा और फखर ज़मान द्वारा की गई बेहतरीन शुरुआत को भारतीय टीम न रोक सकी।

सरफराज अहमद की कप्तानी को यादगार माना जायेगा। उन्होंने भारत से शुरुआती हार के बाद, टीम को लामबंद किया और अपनी टीम का उचित मार्गदर्शन करके ट्रॉफी पर कब्जा कर लिया। यह ऐसी टीम का एक यादगार प्रदर्शन है जो अपने देश में किसी क्रिकेट को नहीं खेलता बल्कि चैंपियंस ट्रॉफी के टूर्नामेंट में बाहर से आकर खेलता है और इस तरीके से जीतता है, कि जैसे पाकिस्तान ने संकल्प और कौशल के बारे में बात की है कि पाकिस्तान की टीम अच्छा खेलती है। यह आपके लिए एक यादगार दिन रहेगा और आप आने वाले समय में इसकी प्रशंसा करेंगे। भारतीय टीम के लिए यह एक बुरा दिन है लेकिन आप इस टीम को खराब नहीं कह सकते क्योंकि यह क्रिकेट का खेल है। फाइनल तक पहुँचने के लिए भारतीय टीम ने अच्छे खेल का प्रदर्शन किया, इसके लिए क्रिकेट के प्रशंसक भारतीय टीम को उतना ही प्यार करते हैं।