नागालैंड में देखने लायक स्थान

नागालैंड पर्यटन
नागालैंड की यात्रा शांति और सुकून की चाह रखने वाले सैलानियों के लिए शानदार विकल्प है। नागालैंड हिमालय की तलहटी के बीच बसा है और भारत के पूर्वोत्तर भाग में स्थित खूबसूरत राज्यों में से एक है। नागालैंड में हॉलिडे मनाने का मतलब है कि आप इस इलाके में मौजूद अलग अलग टूरिस्ट डेस्टिनेशंस का मज़ा लें ।

नागालैंड की संस्कृति, इतिहास और कहानियों का मेल है। नागालैंड में किसी सैलानी को भारत के नागा समुदाय की पारम्परिक संस्कृति की झलक मिलती है। नागालैंड 25° 06' से 27°04' उत्तरी लेटीट्यूड और 93°20' से 95°15' पूर्वी लोन्जतिट्यूड में है। लगभग 16,527 वर्ग किलोमीटर इलाके में फैले नागालैंड की जलवायु बहुत ही अच्छी है। नागालैंड का सुहावना मौसम यहाँ के पर्यटन में बहुत योगदान देता है।

यहाँ जिन महत्वपूर्ण जगहों का ज़िक्र किया जाना ज़रूरी है उनमें से कुछ नाम हैं :
  • शांग्न्यु गाँव
  • कोहिमा गाँव
  • द्वितीय विश्व युद्ध के कब्रिस्तान
  • जप्फु पीक

इसके अलावा नागालैंड भारत के ज़्यादातर महत्वपूर्ण शहरों से सड़कों के अच्छे नेटवर्क के कारण जुड़ा हुआ है। सड़कों के नेटवर्क के अलावा नागालैंड में बहुत अच्छा हवाई और रेल नेटवर्क भी है। नागालैंड का अपना एयरपोर्ट दिमापुर में है जो भारत की अलग अलग जगहों से नियमित उड़ानों के ज़रिये जुड़ा है, इसके अलावा यह दुनिया के भी अलग अलग हिस्सों से जुड़ा है। नागालैंड का रेलहेड दिमापुर में है। दिमापुर का यह रेलहेड गुवाहाटी से जुड़ा है, जो भारत के प्रमुख शहरों से जुड़ा है। इस राज्य में आने की चाह रखने वाले के लिए नागालैंड कैसे पहुंचे यह हमेशा चिंता का विषय रहता है। हालाँकि यह ध्यान में रखना ज़रूरी है कि नागालैंड का ट्रांसपोर्ट नेटवर्क बहुत अच्छा है। साथ ही नागालैंड हिमालय की तलहटी में बसा हो, लेकिन नागालैंड में यात्रा करना उतना ही आसान है जितना कि मैदानी इलाकों में यात्रा करना आसान है।

इसके अलावा नागालैंड में हवाई, रेलवे और सड़क नेटवर्क इस इलाके में शानदार सेवा देने के लिए जाने जाते हैं। यहाँ का विकसित सड़क नेटवर्क नागालैंड में यात्रा को आसान बना देता है। सबसे पहले बात करें तो नागालैंड का अपना हवाई अड्डा दिमापुर में है जो कि कोहिमा से 74 किलोमीटर दूर है। दिमापुर का एयरपोर्ट भारत की अलग अलग जगहों से नियमित उड़ानों के ज़रिये जुड़ा है, इसके अलावा यह दुनिया के बाकी हिस्सों से भी जुड़ा है। इस इलाके में सेवा देने वाली एयरलाइन्स में से इंडियन एयरलाइन्स एक है। इंडियन एयरलाइन्स कोलकाता से कोहिमा तक रोज़ उड़ानें संचालित करती है। इसके अलावा नागालैंड का रेलहेड दिमापुर में है। नागालैंड भारतीय रेलवे के नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के तहत आता है। गुवाहाटी से यात्रा करने की चाह रखने वाले सैलानियों के लिए डिमपुर तक रोशन रेल चलती है। नागालैंड के इलाके में सबसे मशहूर ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस है जो नागालैंड कैसे पहुंचें, इस समस्या का हल करती है।

नागालैंड में सड़क का भी बहुत फैला हुआ नेटवर्क है। नागालैंड में सबसे मशहूर बस सर्विस नागालैंड स्टेट ट्रांसपोर्ट की है जो दिमापुर से चलती है। नागालैंड में चलने वाली प्रमुख बस सर्विस में ब्लू हिल्स और वॉल्वो बस शामिल हैं। रोड ट्रांसपोर्ट के अन्य साधन, जैसे मिनी कोच और टैक्सी के अलावा यह बसें सैलानियों को नागालैंड में अलग अलग स्थानों में पहुचने में मदद करती हैं।

डेमोग्राफिक्स
स्थिति भारत का पूर्वोत्तर छोर
पूर्व में म्यांमार;
पश्चिम में असम;
उत्तर में अरुणाचल प्रदेश और असम
दक्षिण में मणिपुर
लेटीट्यूड 25° 06' से 27°04' उत्तर
लोंजीत्युड 93°20' से 95°15' पूर्व
क्षेत्रफल 16,527 वर्ग किलोमीटर
मौसम : गर्मियों में - गर्म, सर्दियों में - ठंडा
अधिकतम तापमान 31 डिग्री सेल्सियस
न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस
सालाना औसत बारिश 200 सेंटीमीटर
राजधानी कोहिमा
आबादी 19,88,636
भाषाएँ अंगामी, एओ, चखेसंग, चांग, खिामनीउंगन, कुकी, अंग्रेजी
धर्म ईसाई और आदिवासी
यात्रा का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई
पहनावा गर्मियों में ट्रॉपिकल, सर्दियों में ऊनी
नागालैंड कैसे पहुंचे
नागालैंड कैसे पहुंचें, इस राज्य में आनेवाले सैलानियों के लिए सबसे बड़ी चिंता का विषय होता है। हालाँकि यहाँ इस बात को ध्यान में रखना चाहिए कि नागालैंड में ट्रांसपोर्ट का शानदार नेटवर्क है। हालाँकि नागालैंड हिमालय की तलहटी में बसा है पर नागालैंड में यात्रा करना उतना ही आसान है जितना कि मैदानी इलाकों में यात्रा करना आसान है। इसके अलावा नागालैंड में हवाई, रेलवे और सड़क नेटवर्क इस इलाके में शानदार सेवा देने के लिए जाने जाते हैं। यहाँ के अच्छी तरह विकसित सड़क नेटवर्क के कारण नागालैंड की यात्रा आसान हो जाती है।

बसे पहले बात करे तो नागालैंड का अपना हवाई अड्डा दिमापुर में है जो कि कोहिमा से 74 किलोमीटर दूर है। दिमापुर का एयरपोर्ट भारत की अलग अलग जगहों से नियमित उड़ानों के ज़रिये जुड़ा है इसके अलावा यह दुनिया के भी अलग अलग हिस्सों से जुड़ा है। इस इलाके में सेवा देने वाली एयरलाइन्स में से इंडियन एयरलाइन्स एक है। इंडियन एयरलाइन्स कोलकाता से कोहिमा तक रोज़ उड़ाने संचालित करता है। इसके अलावा नागालैंड का रैलहेड दिमापुर में है। नागालैंड भारतीय रेलवे के नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के तहत आता है। गुवाहाटी से यात्रा करने की चाह रखने वाले सैलानियों के लिए डिमपुर तक रोशन रेल चलती है। नागालैंड के इलाके में सबसे मशहूर ट्रैन शताब्दी एक्सप्रेस है जो नागालैंड कैसे पहुंचे इस समस्या का हल करती है।

सबसे पहले बात करें तो नागालैंड का अपना हवाई अड्डा दिमापुर में है जो कि कोहिमा से 74 किलोमीटर दूर है। दिमापुर का एयरपोर्ट भारत की अलग अलग जगहों से नियमित उड़ानों के ज़रिये जुड़ा है, इसके अलावा यह दुनिया के अलग अलग हिस्सों से भी जुड़ा है। इस इलाके में सेवा देने वाली एयरलाइन्स में से इंडियन एयरलाइन्स एक है। इंडियन एयरलाइन्स कोलकाता से कोहिमा तक रोज़ उड़ाने संचालित करती है। इसके अलावा नागालैंड का रेलहेड दिमापुर में है। नागालैंड भारतीय रेलवे के नार्थ ईस्ट फ्रंटियर रेलवे के तहत आता है। गुवाहाटी से यात्रा करने की चाह रखने वाले सैलानियों के लिए डिमपुर तक रोशन रेल चलती है। नागालैंड के इलाके में सबसे मशहूर ट्रेन शताब्दी एक्सप्रेस है जो नागालैंड कैसे पहुंचे इस समस्या का हल करती है।

नागालैंड में सड़क का भी बहुत फैला हुआ नेटवर्क है। नागालैंड में सबसे मशहूर बस सर्विस नागालैंड स्टेट ट्रांसपोर्ट की है जो दिमापुर से चलती है। नागालैंड में चलने वाली प्रमुख बस सर्विस में ब्लू हिल्स और वॉल्वो बस शामिल हैं। रोड ट्रांसपोर्ट के अन्य साधन, जैसे मिनी कोच और टैक्सी के अलावा यह बसें सैलानियों को नागालैंड में अलग अलग स्थानो में पहुंचने में मदद करती हैं।

हवाई मार्ग से
नागालैंड की एक टूरिस्ट स्पॉट के तौर पर बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही नागालैंड तक हवाई मार्ग से पहुंचने के विकल्प बढ़ रहे हैं। नागालैंड का मुख्य हवाई अड्डा दिमापुर एयरपोर्ट है जो दिमापुर शहर के केंद्र से पांच किलोमीटर की दूरी पर है। दिमापुर एयरपोर्ट के कारण नागालैंड की हवाई यात्रा सबसे सुविधाजनक उपाय बन गया है। दिमापुर कई एयरलाइन्स के लिए आगमन और प्रस्थान का केंद्र है और साथ साथ यह नागालैंड के दूसरे टूरिस्ट स्पॉट्स और ज़रूरी जगहों से जुड़ा हुआ है। प्रमुख एयरलाइन्स जैसे इंडियन एयरलाइन्स और एयर डेक्कन नागालैंड में दिमापुर से नियमित उड़ाने संचालित करती हैं। कोलकाता और गुवाहाटी ऐसी दो जगहें हैं जहाँ से हवाई मार्ग से नागालैंड पहुंचना बहुत आसान है।

सड़क मार्ग से
सड़क मार्ग से नागालैंड के पूर्वोत्तर राज्य में पहुँचना बहुत ही आसान काम है। नागालैंड राज्य का सड़क नेटवर्क बहुत ही अच्छा है। नागालैंड की राजधानी कोहिमा इस देश के पूर्वोत्तर हिस्से के दो सबसे महत्वपूर्ण शहरों गुवाहाटी और शिलॉंग से अच्छी तरह कनेक्टेड है। नागालैंड के दूसरे शहर भी कोहिमा से सड़क मार्ग से जुड़े हैं। नागालैंड का सड़क नेटवर्क यहाँ की यात्रा को बहुत आसान बना देता है। नागालैंड के सड़क परिवहन में दिमापुर से कोहिमा तक चलने वाली राज्य परिवहन की बसें भी शामिल हैं। इस यात्रा में लगभग चार घंटे का समय लगता है। गुवाहाटी से आपके मनचाहे स्थान के लिए कई लक्ज़री और प्राइवेट बसें चलती हैं। दिमापुर से मिनी कोच और टैक्सी भी आसानी से मिल जाती है। हालाँकि इसका किराया थोड़ा ज़्यादा होता है पर यह यात्रा बहुत आरामदायक होती है।

किसी भी व्यक्ति को दिमापुर से कोहिमा तक कि टैक्सियां आसानी से मिल जाएँगी। रात में चलने वाली ऐसी कई बसें हैं जो दिमापुर और कोहिमा को गुवाहाटी और शिलांग से जोड़ती हैं। दिमापुर का टैक्सी स्टैंड इसके रेलवे स्टेशन के बिलकुल पास है जो सैलानियों के लिए काफी सुविधाजनक है। पीली टैक्सियों को किसी के साथ किराया बांटकर भी ले सकते हैं जिसे शेयर टैक्सी कहते हैं या फिर पूरी टैक्सी खुद ले सकते हैं जिसे फुल टैक्सी कहते हैं। कोई भी सैलानी गुवाहाटी से किराये पर कार लेकर कोहिमा जा सकता है। यह रास्ता करीब पांच से छह घंटे लम्बा है और इसकी यात्रा बहुत सुहानी होती है। सड़क के दोनों ओर बहुत सी हरियाली, पहाड़ और घने सुन्दर जंगल दिख जाते हैं। यह कहना ठीक होगा कि यहाँ अपनी यात्रा सुबह जल्दी शुरू करना चाहिए जिससे अपने डेस्टिनेशन तक रात होने के पहले पहुंचा जा सके।

ट्रेन से
पूर्वोत्तर राज्य नागालैंड तक ट्रेन से पहुचने के लिए ऐसी कोई भी ट्रेन ली जा सकती है जो दिमापुर रेलवे स्टेशन जाती हो। दिमापुर का यह रेलवे स्टेशन राज्य का मुख्य रेलहेड स्टेशन है और इससे नागालैंड की यात्रा बहुत आरामदायक हो जाती है। ट्रेन से नागालैंड की यात्रा करना सैलानियों के लिए बहुत सुविधाजनक होता है। राज्य का सबसे बड़ा रेलहेड दिमापुर में है। दिमापुर का रेलवे स्टेशन गुवाहाटी से जुड़ा हुआ है जो कि भारत के पूर्वोत्तर हिस्से का गेटवे है। गुवाहाटी का रेलवे स्टेशन कई रेलों के ज़रिये भारत के सभी महत्वपूर्ण हिस्सों से लिंक्ड है। देश के सभी प्रमुख शहरों में ऐसी कई ट्रेनें हैं जो नागालैंड को देश के दूसरे हिस्सों से जोड़ती हैं।

दिमापुर एयरपोर्ट
दिमापुर एयरपोर्ट नागालैंड का मुख्य हवाई अड्डा है। यह दिमापुर शहर के मध्य से पांच किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और दिमापुर हवाई अड्डे के कारण नागालैंड की हवाई यात्रा बहुत आसान हो जाती है। दिमापुर एयरपोर्ट एक पब्लिक एयरपोर्ट है और इसे एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया ऑपरेट करता है। दिमापुर शहर नागालैंड के दूसरे हिस्सों से बहुत अच्छी तरह जुड़ा हुआ है इसलिए नागालैंड आनेवाले कई लोग दिमापुर हवाई अड्डे पर उतरते हैं। दिमापुर एयरपोर्ट के टर्मिनल बहुत बड़े हैं और इनकी आगमन क्षमता 250 और प्रस्थान क्षमता 250 है। ऐसी कई प्रमुख एयरलाइन्स हैं जो दिमापुर एयरपोर्ट से नियमित उड़ाने संचालित करती हैं और इनमें इंडियन एयरलाइन्स और एयर डेक्कन शामिल हैं।

नागालैंड टैक्सिस
नागालैंड टैक्सिस नागालैंड में घूमने का सबसे ज़रूरी हिस्सा है। नागालैंड में टैक्सी लोगों को सड़क मार्ग से एक जगह से दूसरी जगह पहुचाने और नागालैंड की यात्रा करने में बहुत अहम भूमिका निभाती है और राज्य में टैक्सी स्टैंड पर जीप और मिनी कोच भी उपलब्ध रहती है। दिमापुर और कोहिमा के बीच बड़ी संख्या में टैक्सियां चलती हैं । कोहिमा से दिमापुर जाने के लिए सबसे सुविधाजनक तरीका किराये की टैक्सी या कार है। दिमापुर टैक्सी स्टैंड रेलवे स्टेशन के बहुत नज़दीक स्थित है। पीली रंग की टैक्सी किराये पर भी ली जा सकती है या फिर आप शेयर्ड टैक्सी भी ले सकते हैं। हालाँकि पूरी टैक्सी किराये पर लेना थोड़ा महंगा पड़ सकता है लेकिन इसके आरामदायक होने को भी ध्यान में रखना ज़रूरी है।

सैलानी गुवाहाटी से किराये पर कार ले सकते हैं जो किसी भी ट्रेवल एजेंट के पास उपलब्ध होती है। यह रास्ता करीब पांच से छह घंटे लम्बा है और इसकी यात्रा बहुत सुहानी होती है। यह कहना ठीक होगा कि यहाँ अपनी यात्रा सुबह जल्दी शुरू करना चाहिए जिससे अपने डेस्टिनेशन तक रात होने के पहले पहुंचा जा सके।

नागालैंड में शॉपिंग
नागालैंड के लोगों की कला और शिल्प की समृद्ध परंपरा रही है जो नागालैंड में खरीददारी के अनुभव को बहुत शानदार बनाती है। दरअसल यह परंपरा जिस प्राकृतिक माहौल में ये रहते हैं, उसके साथ घुलिमिली है और उनके लाइफस्टाइल में ही रची बसी है।

आदिवासी समुदाय सदियों से इस क्षेत्र में घने जंगलों पर आश्रित होकर रहे हैं। उनके लिए आमतौर पर लकड़ी, बेंत बांस जैसी चीज़ें उनके हस्तशिल्फ़ में रॉ मटेरियल का काम करती हैं जिसे ये अपने खाली समय में मनोरंजन के लिए बनाते हैं।

चाहे कोई इस्तेमाल करने की ज़रूरी चीज़ हो या कला का सामान, सब कुछ कारीगरी और सौंदर्य बोध को बयान करता है। बांस या बेंत की बारीक़ स्ट्रिप्स से ये सुन्दर टोकरियाँ, बैग, फर्नीचर बनाते हैं और कॉटन से ये शाल और जैकेट बनाते हैं। इनके रंग, डिज़ाइन और चित्र हर जनजाति की लोक कथाओं के मुताबिक अलग अलग होते हैं। यह लोग इन कलाकृतियों को सजाने के लिए प्राकृतिक रंग, मोतियों और शैल का इस्तेमाल करते हैं। यह सामान नागालैंड में शॉपिंग करने के लिए सबसे प्रमुख है।

नागालैंड में खरीददारी करते समय यह ज़रूर देखें :
  • टोकरी का काम
  • पोटरी
  • शाल, बैग और जैकेट, मेटल वर्क, लकड़ी का काम

हालाँकि यहाँ ऐसे कोई आलीशान कमर्शियल काम्प्लेक्स नहीं हैं जहाँ आप शॉपिंग कर सकें पर आप सरकारी एम्पोरियम और प्राइवेट दुकानों पर ज़रूर खरीददारी कर सकते हैं। यहाँ के रंगीन बाजार बहुत शानदार वैराइटी और अच्छे दामों पर मज़ेदार शॉपिंग का मज़ा देते हैं।

नागालैंड में यात्रा करने के टिप्स
इस पूर्वोत्तर राज्य की खूबसूरती का मज़ा लेने के लिए नागालैंड की यात्रा से जुड़ी टिप्स की डिटेल जानकारी होना ज़रूरी है।

नागालैंड पहले भारत का एक प्रतिबंधित इलाका होता था लेकिन अब इसमें ढील दे दी गयी है। हालाँकि इस पूर्वोत्तर राज्य की यात्रा करते समय नागालैंड के बारे में कुछ टिप्स दिमाग में रखना ज़रूरी हैं।

  • नागालैंड की यात्रा करते समय विदेशी सैलानियों को अपना पासपोर्ट ज़रूरी है। कभी भी पहचान पूछे जाने पर यह पासपोर्ट आपके परिचय पत्र का काम करता है।
  • हालाँकि नागालैंड की यात्रा साल में कभी भी की जा सकती है लेकिन अच्छा समय अक्टूबर से मई का है।
  • नागालैंड में पहनावे से सम्बंधित टिप्स यात्रा करने के समय के अनुसार बदलती हैं। हालाँकि सलाह यह दी जाती है कि गर्मियों में कुछ हलके और कुछ गर्म कपड़े साथ रखें और सर्दियों में भारी ऊनी कपड़े साथ रखें।
  • खरीददारी के शौकीनों के लिए नागालैंड में यात्रा की सबसे ज़रूरी टिप है कि नागालैंड के लोकल लोगों की कुशलता से बनाई हुई कलाकृतियां ज़रूर खरीदें।
  • नागालैंड में एडवेंचर की योजना बना रहे लोग ज़रूरी सामान ज़रूर रखें।
  • नागालैंड में ठहरने की जगह कोई समस्या नहीं है लेकिन यहाँ के हिल स्टेशन पर पांच सितारा जैसी लक्ज़री की उम्मीद ना करें, और नागालैंड की यात्रा की एक सबसे ज़रूरी टिप है कि वहां पहुचने से पहले होटल की बुकिंग ज़रूर करा लें।

ट्रेवल गाइड
नागालैंड की एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन के तौर पर लोकप्रियता बढ़ी है, इसलिए नागालैंड के बारे में एक जानकरी से भरी ट्रेवल गाइड होना ज़रूरी है। नागालैंड ट्रेवल गाइड इस राज्य के टूरिस्ट आकर्षणों की पूरी जानकारी देने के साथ साथ राज्य में ट्रांसपोर्ट और रहने की सुविधाओं की पूरी जानकारी देती है। नागालैंड ट्रेवल गाइड इस राज्य की प्राकृतिक वर्जिन ब्यूटी को हाईलाइट करती है। हालाँकि कुछ हद तक अनछुई और अनदेखी ऐसी कई जगहें हैं जिन्हे नागालैंड में देखा जा सकता है इनमे कुछ हैं :

दिमापुर: यह नागालैंड का बड़ा शहर है और यहाँ मध्ययुगीन काचरी राजवंश के खंडहर, उत्तर पूर्वी जोन सांस्कृतिक केंद्र संग्रहालय, चुमुकेदिमा और इंटंगकी वाइल्डलाइफ सेंचुरी हैं।
  • कोहिमा
  • मोकोकचुंग
  • मोन: यहाँ नागालैंड की कोन्याक जनजाति रहती है।
  • तुएनसांग
  • ज़ुन्हेबोटो

नागालैंड ट्रेवल गाइड इस राज्य में पहुंचने के अलग अलग तरीकों की विस्तार से जानकारी देती है। दिमापुर यहाँ का सबसे प्रमुख एयरपोर्ट है जिसकी गुवाहाटी और नियमित उड़ाने हैं। दिमापुर राज्य का मुख्य रेलहेड भी है जो गुवाहाटी से बहुत अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। गुवाहाटी भारत के पूर्वोत्तर हिस्से का गेटवे है। नागालैंड का सड़क नेटवर्क भी बहुत अच्छा है और दिमापुर, कोहिमा और इम्फाल को कई बसें आपस में जोड़ती हैं।

नागालैंड एक अलग थलग राज्य है जो अभी भी सैलानियों की भीड़ से प्रदूषित नहीं हुआ है। इसलिए अन्य हिल स्टेशन की तरह नागालैंड में फाइव स्टार होटलों की भीड़ नहीं है। नागालैंड में भले ही लक्ज़री रिसोर्ट ना हो लेकिन सभी होटल में एक समान क्वालिटी और साफ़ सफाई है। नागालैंड की सबसे पॉपुलर होटल में शामिल हैं :
  • होटल जप्फु
  • पोस्ट बॉक्स नंबर 140, पीआर हिल, कोहिमा
  • होटल पाइन
  • फुलबारी
  • होटल कैपिटल, एनएसटी कॉम्प्लेक्स के पास
  • होटल शेरोन, न्यू मार्किट

नागालैंड के पर्यटक आकर्षण
  • बांस के फर्नीचर
  • बेंत के फर्नीचर
  • चंग्तोंग्य
  • दज़ुको
  • फकीम सेंचुरी
  • हथकरघा बुनाई
  • इन्टांकी वाइल्डलाइफ सेंचुरी
  • जप्फु पीक
  • खोनोमा गेट


अंतिम संशोधन : जुलाई 24, 2018