पंजाब के पर्यटन स्थलों का नक्शा

पंजाब पर्यटन


पंजाब की पहचान पांच नदियों की जमीन और इसके पकवानों, इतिहास और संस्कृति की चकित कर देने वाली विविधता के लिए है। चमकदार हरी उर्वर खेती की जमीन, पानी की झिलमिलाहट, आकाश में नीले रंग के विभिन्न प्रकार आपको कभी खत्म न होने वाले जीवंत अनुभव का अहसास कराते हैं।

पंजाब की चमत्कारी धरती पर उत्साही, सक्रिय और हमेशा खुश रहने वाले लोग रहते है। जो आपका खुली बांहों और चेहरे पर मुस्कान से स्वागत करते हैं। पुरुष सतरंगी पगड़ियां पहनते हैं, वहीं महिलाएं बहुरंगी परिधान, चूड़ियां, रिबन और दुपट्टे पहनती हैं। यहां का संगीत भांगड़ा भी इस रंगबिरंगी और जिंदादील संस्कृति को और बढ़ा देता है।

राज्य के आकर्षक शहर इसके पर्यटन स्थलों को आपस में जोड़ते हैं। इनमें शामिल हैं- मनमोहक स्मारक, गुरुद्वारे, पवित्र देवस्थल, मंदिर, आश्रम, चौड़ी झीलें, अभयारण्य जो संग्रहालय और प्रवासी पक्षियों की कई दुर्लभ प्रजातियों व जानवरों के घर हैं। पर्यटकों के लिए प्राचीन सभ्यता, समृद्ध संस्कृति, मुंह में पानी ला देने वाले पकवानों और बेहतरीन खरीदारी के लिए यह एक आदर्श पर्यटन स्थल है।

पंजाब का परिचय
स्थिति भारत का उत्तर-पश्चिमी हिस्सा पश्चिम में पाकिस्तान उत्तर में जम्मू-कश्मीर पूर्वोत्तर में हिमाचल प्रदेश दक्षिण में राजस्थान और हरियाणा
अक्षांश 29°30' और 32°32' के बीच उत्तर
देशांतर 73°55 और 76°50 के बीच पूर्व
क्षेत्रफल 50362 वर्ग किलोमीटर
जलवायु गर्मियां- गरम सर्दियां- ठंडी
अधिकतम तापमान 47° सेल्सियस
न्यूनतम तापमान -4°सेल्सियस
औसतन सालाना बारिश 58 से 96 सेंमी के बीच
राजधानी चंडीगढ़
आबादी 24289296
भाषा पंजाबी, हिंदी, उर्दू और अंग्रेजी
धर्म सिख, हिंदू और मुस्लिम
यात्रा का सबसे अच्छा वक्त अक्टूबर से मार्च
कपड़े गर्मियां- सूती सर्दियां- हल्की ऊन या सूती
पंजाब कैसे पहुंचें
पंजाब भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्से में स्थित है। यह धरती पांच नदियों और सबसे महत्वपूर्ण सिख धर्मस्थल की है। पंजाब के बड़े शहरों में अमृतसर, जालंधर, लुधियाना, पटियाला और बठिंडा आदि शामिल है। इन शहरों के अलावा भी राज्य में कई आकर्षक पर्यटन स्थल हैं। समूचा पंजाब राज्य ही इतना आकर्षक है कि आप इसकी अनदेखी नहीं कर सकेंगे।

हवाई मार्ग से
राज्य में छह एयरपोर्ट हैं। इनमें से तीन मुख्य व्यवसायिक एयरपोर्ट्स हैं:

स्पाइसजेट, एयर इंडिया, जेट एयरवेज और जेट कनेक्ट जैसी तकरीबन सभी महत्वपूर्ण एयरलाइंस इन एयरपोर्ट्स से फ्लाइट्स संचालित करती हैं, जो उन्हें सभी बड़े भारतीय शहरों से जोड़ती हैं।

रेल मार्ग से
राज्य में अच्छा रेल नेटवर्क हैं। तकरीबन सभी शहर आपस में रेलवे से जुड़े हैं। राज्य के मुख्य रेलवे स्टेशन हैं- चंडीगढ़, लुधियाना, फिरोजपुर, जालंधर, अमृतसर और बठिंडा।

सड़क मार्ग से
पंजाब में व्यापक सड़क नेटवर्क है, जो देश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों की सभी महत्वपूर्ण जगहों से राज्य को सीधे जोड़ता है। राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 1 (ग्रांड ट्रंक रोड या जीटी रोड), 15, 19, 20, 21, 71, 54 और 1ए के साथ ही कई राज्यीय राजमार्ग आपस में एक-दूसरे को काटते हैं। जिससे राज्य में सड़क से परिवहन बहुत आसान हो जाता है। राज्य में आने वाले राष्ट्रीय राजमार्गों को अपने अच्छी बुनियाद की वजह से भारत में श्रेष्ठ रैंक दी जाती है।

पंजाब में खरीदारी
पंजाब में हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों की एक असाधारण परंपरा है। जो इस राज्य में खरीदारी के अनुभव को अद्भुत बनाती है। भारत के हस्तशिल्प, हथकरघा और होजरी उत्पादों के सबसे बड़े निर्माता और निर्यातक का तमगा पंजाब के पास है।

पंजाब में खरीदारी के लिए जगहें
राज्य में पारंपरिक से समसामयिक तक, सभी तरह की वस्तुएं मिलती हैं; हर एक पर राज्य की अपनी समृद्ध संस्कृति की छाप है। कोई भी व्यक्ति पंजाब में किसी भी जगह खरीदारी कर सकता है। हालांकि, अमृतसर, चंडीगढ़, लुधियाना, पठानकोट जैसे बड़े शहरों में भी खरीदारी की विस्तृत रेंज पर्यटकों को मिलती है।

परांदी (बालों की एसेसरीज)
यह आकर्षक लटकन होती हैं, जो ग्रामीण इलाकों में रहने वाली पंजाबी महिलाएं पहनती हैं। महिलाएं अपने लंबे बालों की चोटी गूंथती हैं और उसके सिरे पर परांदी लगाती हैं। रेशम से बुने यह धागे आपस में कलात्मकता से जुड़े होते हैं। इसके कई पैटर्न और डिजाइंस उपलब्ध हैं।

शॉल्स
पंजाब में पश्मीना, कैश्मीलियोन, जैकर्ड जैसी कई तरह की शॉल्स उपलब्ध हैं।
नके आकर्षक डिजाइन, आराम और उचित कीमतों की वजह से खासी लोकप्रिय भी हैं। इन शॉल्स को बनाने के मुख्य केंद्र हैं- अमृतसर, जालंधर और लुधियाना।

जड़ाऊ फर्नीचर
पंजाब में जड़ाऊ फर्नीचर की विस्तृत रेंज उपलब्ध है। जिन्हें अनूठी डिजाइन से बनाया जाता है। यहां कोई भी पर्यटन फर्नीचर का सबसे अलग और खास कलेक्शन बनवा सकता है। जड़ाऊ फर्नीचर बनाने के मुख्य इलाके हैं- जालंधर, अमृतसर, भेरा और होशियारपुर।

विविध
इन प्रसिद्ध कलाकृतियों के अलावा यहां कई तरह की वस्तुओं की खरीदारी की जा सकती हैं, जैसे- चमड़े के कपड़े, पंजाबी गुड़िया, जेवर, हाथ से चलने वाले पंखे, बास्केट्स, पारंपरिक खिलौने आदि।

पंजाब में घूमने लायक जगहें
हरे-भरे खेतों वाले सुंदर राज्य पंजाब या पांचाल को किसी ने सही ही नाम दिया है- भारत की मुस्कराती आत्मा। रावी, बीज, सतलज, चेनाब और झेलम जैसी राजसी नदियों के पानी से सिंचित उर्वर धरती और उसके ईर्द-गिर्द की प्राकृतिक सुंदरता साफ झलकती है। इस तरह पंजाब के पास दुनियाभर के पर्यटकों को देने के लिए काफी कुछ है।

पंजाब में सूर्यास्त का नजारा अपने आप में खास है। आसमान का एक कोना सुनहरा हो चुका है। पहाड़ियों पर भी नीली, इंडीगो और बेंगनी रंग चढ़ गया है। पहाड़ी से नीचे की ओर आ रहे पत्थरों को आधा खजूर के पेड़ों ने ढंका है। शांत माहौल में चमकते किसी गहने की ही तरह सूरज की रोशनी फूट रही है। यह एक ऐसा दृश्य है, जिसे कोई भी हमेशा अपने दिल के करीब रखना चाहेगा।

पंजाब सरकार के पर्यटन विभाग ने भी कुछ व्यापक पैकेज टूर्स बनाए हैं। इनमें काफी कम खर्च पर एक इलाके के प्रसिद्ध पर्यटन स्थलों के लुभावने नजारे देखना शामिल है। राज्य प्रसिद्ध है शाही स्वर्ण मंदिर के लिए, जिसमें शांति और पवित्रता आज भी कायम है। राम तीर्थ, अमृतसर और बाल्मिकी का तपोवन हिंदुओं के दो प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। जबकि इस धर्मनिरपेक्ष राज्य में पीर बाबा हाजी रत्तन की मजार काफी प्रसिद्ध है।

पंजाब किसी जमाने में भारत की एक रियासत था। यहां महाराजा रणजीत सिंह का राज था। राजसी महलों की भव्यता और ठाठ देखते ही बनते हैं। इसके अलावा यह राज्य जलियावाला बाग हत्याकांड का मूकदर्शक भी रहा है।

इस राज्य तक पहुंचना मुश्किल नहीं है। चंडीगढ़ और अमृतसर में हवाई अड्डे हैं। कई रेलवे स्टेशन हैं, जो देश के अलग-अलग हिस्सों से राज्य को जोड़ते हैं। पंजाब से कई राष्ट्रीय राजमार्ग भी जुड़े हैं। इस रंगीन और आकर्षक राज्य में विविध प्राकृतिक विरासतें तो हैं ही। सालभर चलने वाले बहुरंगी त्योहार और उत्सव भी हैं। जिस राज्य के भांगड़ा संगीत और ढाबा संस्कृति देश-विदेश पर छाई हो, यह खरीदारी का स्वर्ग तो है ही। ऊनी और होजयरी प्रोडक्ट्स, कारपेट्स, जूती और अन्य हस्तशिल्पों का अपना बाजार है।

नदियों और सांस्कृतिक विविधता की धरती पंजाब अपने खान-पान, संस्कृति और इतिहास के लिए भी पहचाना जाता है। चटक हरी उर्वर खेती की जमीन, टिमटिमाता पानी, नीले रंग के विविध प्रकारों का आसमान आपको सदा के लिए याद रहने वाला सजीव अनुभव देता है। आकर्षक शहरों में प्रेरक स्मारक, गुरुद्वारा, पवित्र धर्मस्थल, मंदिर, आश्रम, चौड़ी झीलें, संग्रहालय, शॉपिंग सेंटर और वन्य जीव अभयारण्य की एक शृंखला आपको मिलेगी।

पंजाब में देखने लायक जगहें

स्वर्ण मंदिर
स्वर्ण मंदिर प्रसिद्ध तीर्थस्थल है। पंजाब और भारत का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन आकर्षण भी हैं। सिख धर्म के सबसे पुराने और पवित्र धर्मस्थल के प्रति दुनियाभर के सभी धर्मों को मानने वाले लाखों लोगों की आस्था जुड़ी है। यह मंदिर चारों ओर से अमृत सरोवर से घिरा है। मंदिर के गुंबद पर सोने का आवरण है, जो गर्मियों में चमचमाते सूर्य की धूप से चमक उठता है। इसी वजह से इस मंदिर को गोल्डन टेंपल या स्वर्ण मंदिर कहा जाता है।

जलियांवाला बाग
जलियांवाला बाग वह स्थान है, जहां ब्रिटिश सेना ने 13 अप्रैल 1919 को सैकड़ों निर्दोष और निहत्थे प्रदर्शनकारियों को घेरकर मौत के घाट उतार दिया था। दीवारों पर गोलियों के निशान आज भी है। बाग के बीच में शहीदों का कुआं है, जहां खुद को ब्रिटिश सेना की गोलियों से बचाने के लिए सैकड़ों लोग कूद पड़े थे। यह जगह भारत के सबसे बड़े हादसे का साक्षी रहा है। .

वाघा बॉर्डर
अमृतसर से 28 किलोमीटर दूर स्थित वाघा बॉर्डर भारत और पाकिस्तान को अलग करती है। ध्वजों को नीचे उतारने का रोज होने वाला समारोह प्रमुख पर्यटन आकर्षण है। दोनों देशों के सैनिक इस समारोह को अंजाम देते हैं। भारत का सीमा सुरक्षा बल और पाकिस्तान का पाकिस्तान रेंजर्स।

शीश महल
भारत की मुस्कराती आत्मा कहलाने वाला पंजाब बगीचों और किलों के शहरों वाला राज्य भी है। पंजाब के आलीशान महल टेढ़े-मेढ़े खेतों और भव्य मंदिरों की खूबसूरती को और बढ़ा देते हैं। शीश महल भी पटियाला में ऐसा ही एक अति-सुंदर महल है, जो तत्कालीन महाराजाओं की भव्य जीवनशैली को दिखाता है।

गुरुद्वारा आनंदपुर साहिब
सिख धर्म के पवित्र संदेश की व्याख्या करता आनंदपुर साहिब चंडीगढ़ के उत्तर-पश्चिम हिस्से में स्थित है। खालसा की जन्मस्थली के तौर पर इस जगह का धार्मिक महत्व है। समझा जाता है कि श्री गुरु तेग बहादुर जी ने 1664 में इसी जगह पर जन्म लिया था।

हरमंदिर साहिब
अमृतसर में हरमंदिर साहिब को ही गोल्डन टेम्पल या स्वर्ण मंदिर के तौर पर जाना जाता है। इसे श्री दरबार साहिब के तौर पर भी जाना जाता है। यह गुरुद्वारा अमृतसर के मध्य भाग में स्थित है। हरमंदिर साहिब अमृत सरोवर के पानी से घिरे एक आयताकार प्लेटफार्म पर स्थित है। इसी झील के नाम पर शहर को अमृतसर नाम मिला है।

हरमंदिर साहिब की स्थापत्य कला हिंदू और मुस्लिम शैली का मिश्रण है। यह संगमरमर का दो मंजिला ढांचा है। हरमंदिर साहिब तक गुरु के सेतु से होकर पहुंचा जा सकता है। इस मंदिर की ऊपरी मंजिल सोने से ढंकी है। इस पर ताज के तौर पर सुनहरा गुंबद है। सुनहरा गुंबद उल्टे रखे कमल के आकार का ढांचा है।

पुष्पा गुजराल साइंस सिटी
पुष्पा गुजराल साइंस सिटी जालंधर-कपूरथला मार्ग पर 72 एकड़ क्षेत्रफल में फैली है। यह उत्तरी भारत के सबसे बड़े साइंस पार्क में से एक है। यह प्रोजेक्ट सरकारी सहयोग से अस्तित्व में आया है। जिसने 70 करोड़ रुपए की भारी-भरकम राशि इसके लिए रखी है। .

गुरुद्वारा किरतपुर साहिब
गुरुद्वारा किरतपुर साहिब की स्थापना 1627 में छठे सिख गुरु श्री हर गोबिंद साहिब ने की थी। वह भी पंजाब में शिवालिक पर्वत शृंखला की तलहटी पर बसे छोटे शांतिपूर्ण शहर में।

उन्होंने अपने जीवन के अंतिम वर्ष किरतपुर में ही बिताए थे। यह जगह सतलज नदी के किनारे स्थित है। आज यह जगह रोपड़ जिले में है। इस पवित्र जगह का अन्य सिख गुरुओं से भी गहरा नाता रहा है। सातवें सिख गुरु, गुरु हर राय और आठवें सिख गुरु, गुरु हर किशन देव जी यहीं पर जन्मे और बड़े हुए। यहां तक कि पहले गुरु, गुरु नानक जी भी अपने जीवनकाल में इस जगह पर आए थे, ऐसा बताया जाता है। यह जगह प्रसिद्ध मुस्लिम संत पीर बुद्दन शाह की यादों के लिए भी जानी जाती है, जिन्होंने यहां लंबा वक्त गुजारा।

डेरा बाबा नानक
डेरा बाबा नानक पंजाब के गुरुदासपुर के पश्चिम में 35 किलोमीटर दूर स्थित है। यह रावी नदी के बाएं किनारे पर स्थित पर है। महान गुरु नानक देव जी ने अपनी जिंदगी के अंतिम 12 वर्ष यहीं पर बिताए थे। इसी वजह से इसे डेरा बाबा नानक के तौर पर जाना जाता है।

यह जगह गुरु नानक जी का आवास रहा है। वह नदी किनारे ही ध्यान लगाया करते थे। आज उनकी याद में इस जगह पर खूबसूरत गुरुद्वारा खड़ा है। .
 
गोइंदवाल साहिब
सिखों के धार्मिक तीर्थस्थलों के संबंध में गोइंदवाल शहर महत्वपूर्ण है। यह शहर अमृतसर के दक्षिण-पूर्वी हिस्से में स्थित है। सिर्फ 30 किलोमीटर की दूरी पर। गोइंदवाल शहर में कुछ महत्वपूर्ण गुरुद्वारे हैं। उनमें गोइंदवाल साहिब सबसे महान है। पंजाब में गोइंदवाल साहिब गुरुद्वारा राज्य का गर्व है। सबसे बड़ा तीर्थ स्थल और पर्यटन केंद्र भी।