प्राणी उद्यान जयपुर
राजस्थान की रंगीन और जीवंत राजधानी जयपुर शहर परंपरा, इतिहास, लोककथाओं, भव्यता और वास्तुकला के वैभव और मनोरम प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। जयपुर के विभिन्न बागों और अभयारण्यों में जयपुर प्राणी उद्यान या जयपुर चिडि़याघर का विशेष स्थान है।
प्राचीन शिल्प शास्त्र के नियमों के आधार पर विकसित देखने लायक स्थानों की जयपुर में कोई कमी नहीं है। इतिहास और लोककथाओं में डूबे जयपुर की भव्यता ना सिर्फ शानदार महलों, किलों और स्मारकों में है बल्कि इसका प्राकृतिक सौंदर्य हरेभरे बागों और अभयारण्यों में भी बसा है। हरी भरी हरियाली पर खेलती सूर्य की केसरिया रोशनी का
परिदृश्य देखने लायक नज़ारा है।
जयपुर का यह प्रसिद्ध प्राणी उद्यान शानदार और विशाल राम निवास बाग में स्थित है। मौसमी फूलों के बीच सुंदर और मनोरम आकर्षण से भरे लैंडस्केप वाले बागों की छटा के बीच चिडि़याघर, एक एवयरि, एक ग्रीनहाउस, एक वनस्पति संग्रहालय, एक संग्रहालय और एक खेल का मैदान भी मौजूद है। नज़ाकत भरी मूर्तियों वाले फव्वारों और सरोवरों के बीच सुंदर फूलों की क्यारी की सीमा वाले बाग के हरे लाॅन देखते ही बनते हैं।
इस पार्क में एक सदी पुराना प्राणी उद्यान है जिसमें तरह तरह के वनस्पति, विभिन्न प्रजातियों के जंगली जानवर और आकर्षक पक्षी हैं। इस चिडि़याघर का मगरमच्छ प्रजनन केंद्र पूरे देश में मशहूर है। दुर्लभ प्रजाति के जानवर होने के अलावा यहां विचित्र प्रजातियों के पक्षी भी हैं, जिनमें बतख, हंस, सफेद मोर, लोरी, तोता और तीतर शामिल हैं। इस चिडि़याघर में 71 किस्मों की विचित्र वनस्पतियों का भी संग्रह है और यह चिडि़याघर मंगलवार छोड़कर पूरे सप्ताह गर्मियों में सुबह 8ः30 से शाम 5ः30 तक खुला रहता है और सर्दियों में सुबह 9 से शाम 5 तक खुला रहता है।
भारत के इतिहास और विरासत में रुचि रखने वालों के लिए जयपुर की यात्रा इस प्राणी उद्यान को देखे बिना अधूरी है।
अंतिम संशोधन : नवम्बर 16, 2016