जिसने एक शक्तिशाली साम्राज्य के रूप में में चोल साम्राज्य की नींव रखी, वह व्यक्ति महान राजराजा (शासन काल 985 से 1014 ईसवी) के अलावा कोई नहीं है। कला और धर्म के संरक्षक, वह एक संगठनात्मक और राजनीतिक प्रतिभाशाली भी थे।
जब राजराजा शासक बने,उन्होंने दक्षिण की सीमा तक में दक्षिणी भारत और श्रीलंका के राज्यों  और कलिंग पूर्वोत्तर में (उड़ीसा) पर विजय प्राप्त की। उन्होंने उत्तर में चालुक्यों तथा दक्षिण में पंड्या से अनेको युद्ध लड़े।
उन्होंने दक्षिण पश्चिम में पारंपरिक चेरा विरोध का भी दमन किया। दक्षिण भारत का अधिपति बनने में उन्हें एक दशक से भी काम समय लगा।

उन्होंने अपने साम्राज्य को विभिन्न जिलों में विभाजित कर दिया और व्यवस्थित भूमि सर्वेक्षण कर राजस्व संग्रह का मानकीकरण किया।अपने ही तरीके से उन्होंने सुचारू रूप से प्रशासनिक व्यवस्था को बनाए रखा। उन्होंने स्थानीय इकाइयों को भी स्वायत्तता की अनुमति दी।

उनके सबसे बड़े कामों  में से एक है तंजौर में शानदार राजराजेश्वर मंदिर का निर्माण। शक्तिशाली टॉवर (216 फुट) और बेस पर पत्थर की मूर्ति चोल कला का बेहतरीन उदाहरण में से एक है।
राजराजा के बाद उनके पुत्र राजेंद्र चोल ने सिंहासन संभाल और अपने पिता के पदचिन्हों का अनुसरण कर चोल साम्राज्य को और भी अधिक गौरवान्वित किया।

राजराजा के बारे में कुछ आवश्यक जानकारी

शासन काल: 985 ईसवी से 1014 ईसवी तक
पदवी: राजकेसरी
राजधानी: तंजौर
रानियाँ: लोकमहादेवी, चोलमहादेवी, त्रैलोकमहादेवी, पँचवान्महादेवी, अभिमानावल्ली, ईअदमादेवीयर, पृथ्वीमहादेवी
बच्चे: राजेंद्र चोल प्रथम, कुंदवाई मदेवादिगल
पूर्वाधिकारी: उत्तम चोल
उत्तराधिकारी: राजेन्द्र चोल प्रथम
पिता: सुन्दर चोल
मृत्यु: 1014 ईसवी

राजराजा चोल प्रथम के बारे तथ्य और जानकारी

 

 जन्म का नाम  अरुलमोजहीवर्मन 
अन्य नाम  राजराजा शिवपाड़ा शेखर, तेलुंगाना कुल कला, पोन्नियन सेलवन (केसरी नदी का पुत्र) 
शासन काल  985 से 1014 ईसवी 
जातीयता तमिल 
पद्वियाँ  परकेसरी, राजकेसरी, मुम्मुड़ी चोलन 
जन्म  947 ईसवी 
मृत्यु  1014 तमिल के माका महीने में
पूर्वाधिकारी उत्तम चोल
उत्तराधिकारी राजेन्द्र चोल प्रथम 
पत्नी  वानाथी (कोड़मबालुर की राजकुमारी)
अन्य पत्नियां  लोकमहादेवी
चोलमहादेवी
त्रैलोकमहादेवी
पँचवान्महादेवी
अभिमानावल्ली
ईअदमादेवीयर
पृथ्वीमहादेवी 
वंश  चोल वंश 
पिता  सुन्दर चोल 
माता  वानवां मादेवी 
भाई  आदित्य द्वितीय 
बहन  अलवर श्री परांतकन, श्री कुंदवाई पिरट्टियार 
पुत्रियाँ  राजराजा कुंदवाई अलवर, माथेवाल्ज़गल 
धार्मिक विश्वास हिन्दू, शैव 

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