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भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12

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article-12-of-indian-constitutionभारतीय संविधान एक समकालीन दस्तावेज और भारत का सर्वोच्च कानून है जो सरकारी प्रणाली और लोकतंत्र के काम में सहायक है। दस्तावेज मौलिक अधिकारों और निर्देशक सिद्धान्तों, नागरिकों के कर्तव्यों के साथ-साथ बुनियादी ढाँचों, राजनीतिक सिद्धांतों की  शक्तियों और सरकार के कर्तव्यों को निर्धारित करता है। डॉ. भीमराब अंबेडकर भारत के संविधान के निर्माता हैं, जिसे 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा अपनाया गया था और 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था।

भारतीय संविधान का अनुच्छेद 12

अनुच्छेद 12 में दी गई व्यापक परिभाषा के अनुसार शब्द ‘राज्य’ का अर्थ संघ है एवं राज्य सरकारें, संसद एवं राज्य विधायिकाएं सभी स्थानीय या अन्य अधिकारियों को भारत के क्षेत्र में या भारत सरकार के नियंत्रण में दर्शाता है।

सरकारी निकाय अनुच्छेद 12 के मानदंड के अधीन हैं

पिछले कुछ वर्षों में निम्नलिखित निकायों, जो कानून बनाने की शक्ति से निहित हैं और भारत के संविधान द्वारा बनाए गए हैं, इनको भी राज्य के दायरे में शामिल किया गया है।

इस प्रकार, किसी भी वैधानिक या गैर सांविधिक निकाय पर सरकार की एक मात्र नियामक शक्ति इसे एक राज्य के रूप में समझने के लिए पर्याप्त नहीं है। संबंधित निकाय को आर्थिक रूप से, कार्यात्मक और प्रशासकीय एवं व्यापक रूप से सरकार द्वारा नियंत्रित होना चाहिए।

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