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जीएसटी कर की नई दरें 2017: जीएसटी दरों की संशोधित सूची

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जीएसटी कर की नई दरें 2017

10 नवंबर 2017 दिन शुक्रवार को 23 वीं जीएसटी परिषद की बैठक का आयोजन हुआ था और उस बैठक में परिषद ने देश के कर दाताओं को एक बड़ा उपहार देने का फैसला किया है। परिषद ने लगभग 200 वस्तुओं की जीएसटी दर घटा दी है, इनमें से 178 वस्तुओं को शीर्ष स्लैब (स्तर) 28 प्रतिशत से स्थानांतरित कर दिया गया और इन वस्तुओं को 18 प्रतिशत कर स्लैब में रखा गया है। अब शीर्ष स्लैब में (228 वस्तुओं की मूल सूची में से) केवल 50 वस्तुएं ही रह गई हैं। सरकार ने कहा है कि उपभोक्ताओं को जल्द ही इस निर्णय का लाभ दिखाई देगा, क्योंकि निर्माताओं को इन उत्पादों की कीमतों को घटाने के लिए मजबूर किया जाएगा। कर की दर कम करने पर सरकार को लगभग 20,000 करोड़ रुपये का वार्षिक राजस्व का नुकसान होगा।

200 वस्तुओं की जीएसटी दरों में गिरावट

कुछ महत्वपूर्ण वस्तुओं को 28 प्रतिशत के जीएसटी स्लैब से हटाकर, 18 प्रतिशत के स्लैब में रखा गया है –

12 प्रतिशत कर स्लैब में शामिल वस्तुएं-

5 प्रतिशत कर स्लैब में शामिल सेवाएं –

संग्रहीत मछलियों, मीठे आलू (शकरकंद) और सूखी सब्जियों जैसी खाने-पीने की वस्तुओं को 0 प्रतिशत कर स्लैब में स्थानांतरित कर दिया गया है।

चुनाव अभियान में विपक्षियों के कथन

कांग्रेस के नेता और पूर्व वित्तमंत्री ने ट्वीट के जरिए गुजरात की जनता को धन्यवाद कहा है। चिदम्बरम ने ट्वीट में कहा कि “थैंक यू गुजरात, तुम्हारे चुनाव ने वो कर दिखाया, जो संसद और कॉमन सेन्स नहीं कर सका।” चिदंबरम के व्यंग्यात्मक ट्वीट में केवल आलोचना की ही आवाज नहीं थी। विपक्षी नेताओं ने गुजरात राज्य विधानसभा चुनावों से पहले मतदाताओं को खुश करने के लिए यह परिकलित राजनीतिक कदम उठाया था।

महिलाओं के स्वच्छता उत्पाद में जीएसटी अप्रयुक्त

कई उत्पादों की जीएसटी की दरों में काफी गिरावट करने के बावजूद, जीएसटी परिषद और केंद्र सरकार ने महिलाओं की सैनिटरी नैपकिन (सैनिटरी पैड) जैसे स्वच्छता उत्पादों के कर की दर कम नहीं की है, जिसके कारण इन्हें काफी आलोचनाओं का सामना करना पड़ रहा है। सेनेटरी पैड विलासिता के सामान नहीं हैं। सेनेटरी पैड की उपलब्धता का महिलाओं के स्वास्थ्य और यहाँ तक ​​कि शिक्षा जैसे मुद्दों पर भी प्रभाव पड़ता है। इन्हें शुरू में 12 प्रतिशत कर स्लैब में रखा गया था और हालिया हुए संशोधन में भी यह 12 प्रतिशत कर स्लैब में रखे गए हैं। दूसरी तरफ सिंदूर और लाख की चूड़ियाँ जीएसटी मुक्त हैं और शून्य प्रतिशत कर स्लैब में स्थापित हैं। बालों में लगाने वाली क्रीम, कॉस्मेटिक और टॉयलेटरी आइटम (शौचालय की वस्तुएं), शेविंग क्रीम, श्रृंगार और सौंदर्य की वस्तुओं या सामानों पर काफी कम कर लगाया गया है, क्योंकि पहले इन पर 28 प्रतिशत कर लगाया गया था, लेकिन अब ये सामान 18 प्रतिशत कर स्लैब में स्थानांतरित कर दिए गए हैं। पुरुषों के कंडोम 0 प्रतिशत कर अर्थात कर मुक्त कर दिए गए हैं। हालाँकि, जीएसटी परिषद ने अपना इस आधार पर बचाव किया है कि सैनिटरी नैपकिन बनाने वाली कच्ची सामग्री 18 प्रतिशत जीएसटी कर स्लैब में रखी गई है। निर्मित उत्पादों में जीएसटी की दर को कम करने से उत्पादकों की लागत में वृद्धि होगी। इसके अलावा, इन उत्पादों पर जीएसटी की दर 13.5 फीसदी से कम है, जो पिछली कर व्यवस्था में लागू की गई थी।

बाहर का खाना – सस्ता या महँगा?

शुक्रवार को जीएसटी परिषद द्वारा किए गए नए कर संशोधन के हिसाब से, अब बाहर के खाने पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत और 12 प्रतिशत (वातानुकूलित और गैर-वातानुकूलित रेस्तरां) से 5 प्रतिशत कम हो जाएगी। फाइव-स्टार होटल के रेस्तरां में भोजन करना एकमात्र अपवाद है अर्थात जीएसटी की दर नियत हैं। हालाँकि, आम आदमी का किसी भी वास्तविक लाभ में अनुवाद नहीं किया जा सकता है।

ऐसा इसलिए है, क्योंकि जीएसटी परिषद ने इनपुट टैक्स क्रेडिट को रद्द करने का निर्णय लिया है। इनपुट टैक्स क्रेडिट नई जीएसटी शासन का एक रूप है, जो सेवा प्रदाताओं और निर्माताओं को छूट का दावा या कर देने पर छूट का दावा करने की अनुमति देता है। यह कटौती उस कर की राशि के बराबर होती है, जिसका उन्होंने पहले से खरीदे गए माल या कच्चे माल के लिए भुगतान किया था। रेस्तरां मालिकों के संगठनों ने कहा है कि वह अपने व्यवसायों की लाभप्रदता बनाए रखने के लिए भोजन-सूची के मूल्यों में बढ़ोत्तरी कर सकते हैं।

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