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आरबीआई ने नए भारतीय रुपये 200 का नोट जारी किया

August 24, 2017


RBIभारत सरकार के वित्त मंत्रालय ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से घोषणा की है कि जल्द ही देश के केंद्रीय भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा एक नई मुद्रा- 200 रुपये का नोट जारी करेगी। अधिसूचना में कहा गया है, “भारतीय रिज़र्व बैंक अधिनियम की धारा 24 की उपधारा (1),1934 और रिजर्व बैंक के केंद्रीय निदेशक मंडल की सिफारिशों पर प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में केंद्र सरकार बैंक में दो सौ रुपये मूल्य के नोटों को निर्दिष्ट करेगी। ”

यह पहली बार है जब देश में 200 रुपये के नोट जारी किए जाएंगे। जबकि अभी तक वित्त मंत्रालय ने इन नए नोट को जारी करने की तारीख तय नहीं की है, ऐसा लगता है कि बैंकों से अगले हफ़्ते (2 सप्ताह) के अन्दर 200 रुपये के नोट चलन के लिए प्राप्त हो जाएंगे। भारतीय रिजर्व बैंक 200  रुपये के नोटों के साथ में एक नए 50 भारतीय रुपये का नोट जारी करने की भी संभावना जताई है। हालांकि, किसी भी नोट का चलन बंद नहीं होगा और पुराने 50 रुपये के नोटों को भी वैध मुद्रा के रूप में गिना जाएगा। नए जारी होने वाली मुद्रा नोट पर आरबीआई के गवर्नर डॉ. उर्जित आर. पटेल के हस्ताक्षर होने की संभावना है।

फासले को कम करना

विमुद्रीकरण अभियान से पहले, भारत में परिसंचरण के लिए लगभग 9000 करोड़ रुपये के नोटों की मुद्रा थी। भारतीय रिजर्व बैंक ने 1000 और 500 के पुराने नोटों के वापसी के समय उपलब्ध मुद्रा नोटों का 86 फीसदी से अधिक की राशि का भुगतान किया था। नए 2000 रुपये के नोट 500 रुपये के नोटों की अपेक्षा अधिक संख्या में परिसंचरण किये गए थे। समाचारों की रिपोर्ट ने उस समय दावा किया था कि नकदी की समस्या को पुनःस्थापित करने में भारत लगभग 7 महीने का समय लेगा, जो विमुद्रीकरण के कारण अव्यवस्थित हो गयी थी।

इस बीच, भारत के लोगों को परिवर्तन में बदलाव के कारण एक नई चुनौती का सामना करना पड़ा था अर्थात दिन-प्रतिदिन की छोटी-मोटी खरीददारी करना भी एक मुद्दा बन गया था। नए नोट चलन में पूर्ण रूप से पर्याप्त नहीं थे और घरेलू खरीदारी करना एक बड़ी चुनौती बन गई थी। बढ़ते महीनों के साथ (विशेष रूप से डिजिटल भुगतान, ऑनलाइन वॉलेट, प्लास्टिक मुद्रा (क्रेडिट कार्ड,  डेबिट कार्ड या रिटेलर कार्ड)आदि ने स्थिति को व्यवस्थित कर दिया लेकिन इस से भी समस्या का प्रभावी ढंग से समाधान नहीं हो पाया।

उम्मीद की जाती है कि नए 200 रुपये के नोटों के जारी हो जाने पर आम लोगों और छोटे व्यापारियों की जीवन शैली बहुत आसान हो जाएगी और भारतीय रुपये 500 और 100 रुपये के नोटों की उच्च माँग को कम करने में भी मदद मिल सकेगी।

अवैध गुप्त कोष को रोकना

भारतीय रिजर्व बैंक इन (मुद्रा) नोटों के किसी भी काले धन के विपणन की संभावना से बचने के लिए कड़ा रूख अपना रही है और उन्हें चलन में भेजने से पहले लगभग 50 करोड़ के नोट (200 रुपये के नोट) का भंडारण का ढेर बनाने का सोच रही है।

भारतीय रिजर्व बैंक ने कहा है कि इससे, किसी भी कमी, आतंक या इन नोटों के अवैध व्यापार को रोकने में मदद मिलेगी। पिछले साल नवंबर में, जब 2000 के नोटों को जारी किया गया था, तब उन्हें नोटों के अवैध जमाखोरी की खबर मिली थी। सरकार और आरबीआई ऐसी किसी भी घटना से बचने के लिए सख्त है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बड़ी संख्या में 200 रुपये के नोटों को जारी करने की इस घोषणा से यह परिणाम निकलता है कि इस नई मुद्रा को पेश करने का निर्णय विमुद्रीकरण के उसी समय जैसा होना चाहिए। इस प्रकार सरकार और आरबीआई जालसाजी को रोकने के एक अन्य उपकरण के रूप में इसे देख रही है।

सुरक्षा की विशेषताएँ
पिछले कुछ दशकों में, सरकार के सामने आने वाली सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक नकली मुद्रा का संचलन है। दरअसल, विमुद्रीकरण करने का मुख्य कारणों में से एक यह था कि नकली या जाली उच्च मूल्य के नोटों को प्रचलन से बाहर निकाला जाए। नकली नोटों ने न केवल अर्थव्यवस्था को कमजोर कर दिया बल्कि देश के विकास की गति भी मंद पड़ गई, जो कि देश में आतंकवादी के वित्तपोषण का भी स्रोत हैं। नए 200 रुपये के नोटों में उच्च सुरक्षा सुविधाओं से परिपूर्ण होने की संभावना है, जिससे यह माना जाता है कि इनको नकली बनाना असंभव होगा।

इन नए 200 रुपये के नोटों को जारी करने से एक और बड़ा लाभ करमुक्त काले धन की रोकथाम है। कर चोरी करने वाले और काले धन जमा करने वाले उच्च मूल्य वर्ग के मुद्रा नोटों को बड़ी मात्रा में छिपाना पसंद करते हैं। नई 1000 रुपये के नोटों के बजाय 200 रुपये के नोट को जारी करना इस तरह के कार्य को रोकने की संभावना है।

कुल मिलाकर, नए 200 रुपये के नोटों का डिजाइन और रंग को देखने के बारे में उत्सुकता बढ़ रही हैं, तो शायद आपको अपने पर्स और जेब में उन्हें खोजने के लिए लंबे समय तक इंतजार नहीं करना होगा।