विभिन्न प्रकार की कर श्रेणियाँ
नई संरचना के अनुसार अब तक कर की चार श्रेणियाँ 5, 12, 18, और 28% तय की गयी हैं। ये दरें विभिन्न प्रकार की सेवाओं जैसे टेलिकॉम, होटल और रेस्तरां आदि पर लागू होंगी। भारत की स्वतंत्रता के बाद से यह सबसे महत्वपूर्ण कर सुधार माना जा रहा है। अधिया ने यह भी कहा है कि इस तथ्य के बावजूद भी कानून 2% तक कर लेने की इजाजत देता है, भारत सरकार ने स्नैपडील और फ्लिपकार्ट जैसी ई-कॉमर्स इकाइयों के स्रोत (टीसीएस) पर एकत्रित रूप से 1% कर लगाने का फैसला किया है।
किसको होगा सबसे ज्यादा लाभ
ऐसा कहा जा रहा है कि स्टील निर्माताओं के साथ-साथ कुछ उपभोक्ता सामानों को इस मामले में शासन से सबसे अधिक लाभ मिलेगा। ऐसी उम्मीद की जा रही है कि व्यक्तिगत देखभाल की वस्तुओं जैसे सेनेटरी वेयर के साथ एयर कंडीशनरों के लिए भी कराधान की उच्चतम दर लागू होगी। इस मामले में तेजी से बढ़ते उपभोक्ता वस्तुओं (एफएमसीजी) को सबसे बड़ा विजेता माना जा सकता है। नियमित रूप से उपयोग किया जाने वाले उत्पादों जैसे दूध, अनाज, फलों और सब्जियों आदि को इस नई टैक्स संरचना से छूट दी गई है।
विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों के अनुसार, यह नई टैक्स संरचना व्यवसायों के सही प्रकार चलने में मुश्किल बना सकती है और उन्हें एक टैक्स नौकरशाही की दया पर निर्भर होना होगा जो हमेशा हर चीज में घुसपैठ करने की कोशिश किया करते हैं। वर्तमान प्रणाली में पूरे भारत में बेचे जाने वाले अधिकांश माल और सेवाओं पर 15% की एक फ्लैट दर पर कर लगाया जा रहा है। हालांकि, इसके समर्थकों का कहना है कि जीएसटी पहले की तुलना में कर संरचना और उसके अनुपालन को आसान बनाकर व्यवसाय करना आसान कर देगी।
टैक्स का कुछ विवरण
ऐसा उम्मीद की जा रही है कि टैक्सी एग्रीगेटर सेवाओं और सामानों के परिवहन पर सबसे कम श्रेणी 5% का कर लगाया जायेगा। हालांकि, होटल और रेस्तरां के लिए दर अलग-अलग होगी, यह रकिया जाने वाले व्यवसाय पर भी निर्भर करेगा।
व्यावसायिक श्रेणी की उड़ान में यात्रा करने के लिये आपको12% कर का भुगतान करना होगा। वित्तीय सेवाओं और दूरसंचार जैसे क्षेत्रों पर 18% की दर से कर लगाया जाएगा। सेवाओं के मामले में यह मानक दर है।