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मुद्रा बैंक : प्रधानमंत्री मुद्रा योजना

July 9, 2018


मुद्रा बैंक - Pradhan Mantri mudra yojana in hindi

मुद्रा बैंकः प्रधान मंत्री मुद्रा योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने वादे के मुताबिक 8 अप्रैल 2015 को 20 हजार करोड़ रुपए के कॉर्पस फंड और 3,000 करोड़ रुपए के क्रेडिट गारंटी कॉर्पस के साथ माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी लिमिटेड (मुद्रा) बैंक का उद्घाटन किया। वित्तमंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 के बजट भाषण में इसकी घोषणा की थी, जिसे धरातल पर उतारा गया है।

मुद्रा बैंक किस तरह अर्थव्यवस्था में अंतर पैदा कर सकता है?

ज्यादातर लोग, खासकर भारत के ग्रामीण और दूरस्थ हिस्सों में रहने वाले, औपचारिक बैंकिंग प्रणाली के लाभों के दायरे से बाहर हैं। इस वजह से वे छोटे व्यापार शुरू करने या उन्हें बढ़ाने में मदद के लिए बीमा, कर्ज, उधार और अन्य वित्तीय उपकरणों तक पहुंच ही नहीं पाते। उधार के लिए ज्यादातर लोग स्थानीय साहूकारों पर निर्भर रहते हैं। कर्ज पर बहुत ज्यादा ब्याज चुकाना होता है। अक्सर परिस्थितयां असहनीय हो जाती हैं। इस वजह से पीढि़यों तक यह गरीब लोग कर्ज के तले दबे रहते हैं। जब व्यापार में नाकामी हाथ लगती है तो यह साहूकार अपनी ताकत और अन्य अपमानजनक तरीकों से कर्ज लेने वालों का जीना दूभर कर देते हैं।

एनएसएसओ के 2013 के सर्वे के मुताबिक, तकरीबन 5.77 करोड़ लघु व्वयसायिक इकाइयां हैं। इनमें से ज्यादातर एकल स्वामित्व के तहत चल रही हैं। इनमें व्यापार, निर्माण, रिटेल और छोटे स्तर की अन्य गतिविधियां शामिल हैं। आप इसकी तुलना संगठित क्षेत्र और बड़ी कंपनियों से कीजिए जो 1.25 करोड़ लोगों को रोजगार देते हैं। स्पष्ट तौर पर इन लघु व्यवसायों के पोषण और दोहन की विशाल संभावनाएं हैं और सरकार भी इसे अच्छे-से समझती है। आज, इस क्षेत्र में न तो कोई नियामक है और न ही संगठित वित्तीय बैंकिंग प्रणाली से वित्तीय सहयोग या सहारा मिलता है।

मुद्रा बैंक के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैः

1. सूक्ष्म वित्त के ऋणदाता और कर्जगृहिता का नियमन और सूक्ष्म वित्त प्रणाली में नियमन और समावेशी भागीदारी को सुनिश्चित करते हुए उसे स्थायित्व प्रदान करना।
2. सूक्ष्म वित्त संस्थाओं (एमएफआई) और छोटे व्यापारियों, रिटेलर्स, स्वसहायता समूहों और व्यक्तियों को उधार देने वाली एजेंसियों को वित्त एवं उधार गतिविधियों में सहयोग देना।
3. सभी एमएफआई को रजिस्टर करना और पहली बार प्रदर्शन के स्तर (परफॉर्मंस रेटिंग) और अधिमान्यता की प्रणाली शुरू करना। इससे कर्ज लेने से पहले आकलन और उस एमएफआई तक पहुंचने में मदद मिलेगी, जो उनकी जरूरतों को पूरी करते हो और जिसका पुराना रिकॉर्ड सबसे ज्यादा संतोषजनक है। इससे एमएफआई में प्रतिस्पर्धात्मकता बढ़ेगी। इसका फायदा कर्ज लेने वालों को मिलेगा।
4. कर्ज लेने वालों को ढांचागत दिशानिर्देश उपलब्ध कराना, जिन पर अमल करते हुए व्यापार में नाकामी से बचा जा सके या समय पर उचित कदम उठाए जा सके। डिफॉल्ट के केस में बकाया पैसे की वसूली के लिए किस स्वीकार्य प्रक्रिया या दिशानिर्देशों का पालन करना है, उसे बनाने में मुद्रा मदद करेगा।
5. मानकीकृत नियम-पत्र तैयार करना, जो भविष्य में सूक्ष्म व्यवसाय की रीढ़ बनेगा।
6. सूक्ष्य व्यवसायों को दिए जाने वाले कर्ज के लिए गारंटी देने के लिए क्रेडिट गारंटी स्कीम बनाएगा।
7. वितरित की गई पूंजी की निगरानी, कर्ज लेने और देने की प्रक्रिया में मदद के लिए उचित तकनीक मुहैया कराएगा।
8. छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को प्रभावी ढंग से छोटे कर्ज मुहैया कराने की प्रभावी प्रणाली विकसित करने के लिए प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत उपयुक्त ढांचा तैयार करना।

प्रमुख उत्पादों की पेशकश

मुद्रा बैंक ने कर्ज लेने वालों को तीन हिस्सों में बांटा हैः व्यवसाय शुरू करने वाले, मध्यम स्थिति में कर्ज तलाशने वाले और विकास के अगले स्तर पर जाने की चाहत रखने वाले।

इन तीन हिस्सों की जरूरतों को पूरा करने के लिए मुद्रा बैंक ने तीन कर्ज उपकरणों की शुरुआत की हैः

1. शिशुः इसके दायरे में 50 हजार रुपए तक के कर्ज आते हैं।
2. किशोरः इसके दायरे में 50 हजार से 5 लाख रुपए तक के कर्ज आते हैं।
3. तरुणः इसके दायरे में 5 से 10 लाख रुपए तक के कर्ज आते हैं।

शुरुआत में कुछ ही क्षेत्रों तक योजनाएं सीमित हैं, जैसे- “जमीन परिवहन, सामुदायिक, सामाजिक एवं वैयक्तिक सेवाएं, खाद्य उत्पाद और टेक्सटाइल प्रोडक्ट सेक्टर”। समय के साथ नई योजनाएं शुरू की जाएंगी, जिनमें और ज्यादा क्षेत्रों को शामिल किया जाएगा।

भविष्य में की जाने वाली कुछ पेशकशः

1. मुद्रा कार्ड
2. पोर्टफोलियो क्रेडिट गारंटी
3. क्रेडिट एनहांसमेंट

क्या मुद्रा वाकई में भारत के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है?

हां, यह ऐसा कर सकता है। मौजूदा जनसांख्यिकीय को देखें। भारत की बहुसंख्य आबादी गरीब है। यह भारत के ग्रामीण और दूर-दराज के क्षेत्रों में रहते हैं। इनमें से ज्यादातर को तो वह सुविधाएं भी नहीं मिलती, जिन्हें बुनियादी कहा जाता है, यहां तक कि भारतीय मानकों में भी।

ज्यादातर लोगों के पास खेती के लिए जमीन नहीं है और नौकरियों के अभाव में खुद को खाना खिलाने और जिंदा रखने के लिए उन्हें अपनी सृजनात्मकता पर निर्भर रहना पड़ता है। वे विषम कामों को करने के रास्ते तलाशते हैं। पैसे की खातिर या सेवाओं के बदले वस्तुएं लेकर वे अपनी आजीविका चलाते हैं। इनमें से ज्यादातर लोग अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्गों के हैं। सबसे महत्वपूर्ण ध्यान देने योग्य बात यह है कि ज्यादातर छोटे कारोबार, रिटेल या व्यापारिक गतिविधियां, महिलाएं शुरू करती हैं और नियंत्रित भी। जबकि उनके पास शिक्षा, औपचारिक प्रशिक्षक या किसी भी तरह का बैंकिंग सहयोग नहीं रहता।

अब आप इसकी कल्पना कीजिए। यदि भारत उद्यम की इस मुक्त भावना का दोहन करें। कुछ मार्गदर्शन, सहयोग, प्रशिक्षण और वित्तीय सहयोग दिया जाए तो जीडीपी में तत्काल उछाल आ सकता है। नरेंद्र मोदी ने इसे पहचाना। उन्हें कम ऊंचाई पर लटके इस फल की क्षमता स्पष्ट त©र पर पता थी।
यदि मुद्रा वंचित तबके पर अपना फोकस कायम रख पाया और अंदरूनी इलाकों तक अपनी पहुंच बना पाया तो, यह बांग्लादेश ग्रामीण बैंक से बड़ी सक्सेस स्टोरी के तौर पर सामने आ सकती है।

पुरानी कहावत हैः “एक व्यक्ति को मछली खिलाओ। उसे मछली पकड़ना सिखाओ और वह कभी भूखा नहीं रहेगा”। मुद्रा बैंक सरकार का एक कदम है, जो गेम चेंजर हो सकता है। नए उद्यमियों को जन्म दे सकता है। उनमें से कुछ ऊंचाइयों को छू सकते हैं, जिनकी आज कल्पना भी नहीं की जा सकती। यह सब्सिडी देने से कहीं बेहतर है। जो शुरुआत में तो स्वागतयोग्य लगती है लेकिन बेहतर जिंदगी के प्रयासों में बहुत कम मदद करती है। मुद्रा ही एक ऐसा रास्ता है जिस पर आगे बढ़ा जा सकता है।

मुद्रा बैंक के कामकाज के तौर-तरीके तय हो चुके हैं। यह निर्णय लिया गया है कि सूक्ष्म वित्त संस्थानों की ओर से पैसा उपलब्ध कराया जाएगा। हालांकि, छोटे व्यवसायों को मुद्रा बैंक से जुड़ी पूरी जानकारी हासिल करने और कर्ज के लिए कौन पात्र है और इस योजना का लाभ किस तरह लिया जा सकेगा, इसकी स्पष्टता के लिए इंतजार करना होगा।

हालिया घटनाक्रम

केंद्रीय वित्तीय सेवा सचिव हंसमुख अधिया ने कहा कि मुद्रा बैंक शुरुआत में भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक (सिडबी) के सहयोगी के तौर पर बनाया जाएगा और बाद में इसे संसद के कानून के जरिए पूर्ण बैंक में तब्दील किया जाएगा। अधिया ने यह घोषणा ‘राउंडटेबल ऑन फाइनेंसिंग ऑफ इनोवेशंस’ (नवाचार के वित्तपोषण पर गोलमेज) के दौरान की। इस बैठक में बैंकों और वित्तीय संस्थाओं के प्रमुखों के साथ-साथ भारत के राष्ट्रपति ने भी भाग लिया था। अधिया ने मुद्रा बैंक बनाने के संबंध में विस्तार से जानकारी तो नहीं दी, लेकिन इतना जरूर कहा कि प्रधानमंत्री जल्द ही इसका उद्घाटन करेंगे।

मुद्रा बैंक पर ज्यादा जानकारी के लिए

लाॅग आॅन करेः http://pmindia.gov.in/en/news_updates/pm-launches-pradhan-mantri-mudra-yojana/

मुद्रा बैंक सम्पर्क करने का विवरण:

रजिस्टर्ड ऑफिस सिडबी, ग्राउंड फ्लोर, वीडियोकॉन टॉवर, झंडेवाला एक्सटेंशन, ई -1, रानी झांसी रोड, नई दिल्ली – 110055 मुख्य व्यवसायिक कार्यालय एमएसएमई डेवलपमेंट सेंटर, सी -11, जी-ब्लॉक, बांद्रा कुर्ला कॉम्प्लेक्स, बांद्रा ईस्ट, मुंबई – 400 051

मुद्रा बैंक टोल फ्री नंबर   

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के लिए राज्यवार टोल फ्री नम्बर

क्र.सं.

राज्य/यू.टी का नाम

     टोल फ्री नम्बर

1 अंडमान-निकोबार द्वीप समूह 18003454545
2 आंध्र प्रदेश 18004251525
3 अरुणाचल प्रदेश अंडर प्रोसेस
4 असम अंडर प्रोसेस
5 बिहार 18003456195
6 चंडीगढ़ 18001804383
7 छत्तीसगढ़ 18002334358
8 दादरा नगर हवेली 18002338944
9 दमन-दीव 18002338944
10 गोवा अंडर प्रोसेस
11 गुजरात 18002338944
12 हरियाणा 18001802222
13 हिमाचल प्रदेश 18001802222
14 जम्मू और कश्मीर 18001807087
15 झारखंड 18003456576
16 कर्नाटक 180042597777
17 केरल 180042511222
18 लक्षद्वीप 0484-2369090
19 मध्यप्रदेश 18002334035
20 महाराष्ट्र 18001022636
21 मणिपुर अंडर प्रोसेस
22 मेघालय अंडर प्रोसेस
23 मिजोरम अंडर प्रोसेस
24 नागालैंड अंडर प्रोसेस
25 एनसीटी ऑफ दिल्ली 18001800124
26 ओडिशा 18003456551
27 पांडुचेरी 18004250016
28 पंजाब 18001802222
29 राजस्थान 18001806546
30 सिक्किम 18003453256
31 तमिलनाडु अंडर प्रोसेस
32 तेलंगाना 18004258933
33 त्रिपुरा 18003453344
34 उत्तरप्रदेश 18001027788
35 उत्तराखंड 18001804167
36 पश्चिम बंगाल 18003453344
क्र. सं. राष्ट्रीय टोल फ्री नम्बर
 1 18001801111
2 1800110001

http://www.mudra.org.in/ContactUs

मुद्रा ऋण के लिए पात्रता मानदंड / आवश्यक दस्तावेज  

  1. पहचान का प्रमाण – मतदाता पहचान पत्र / ड्राइविंग लाइसेंस / पैन कार्ड / आधार कार्ड / पासपोर्ट की स्व प्रमाणित प्रतिलिपि।
  2. निवास का प्रमाण – हालिया टेलीफोन बिल, बिजली बिल, संपत्ति कर रसीद (2 महीने से अधिक पुरानी न हो), मतदाता पहचान पत्र, आधार कार्ड और मालिक / भागीदारों / निदेशकों के पासपोर्ट।
  3. अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति / अन्य पिछड़ा वर्ग / अल्पसंख्यक का जाति प्रमाणपत्र।
  4. व्यावसायिक उद्यम की पहचान / पते का प्रमाण- संबंधित लाइसेंस / पंजीकरण प्रमाण पत्र / व्यापार इकाई के मालिक, पहचान और पते से संबंधित अन्य दस्तावेजों की प्रतियाँ।
  5.  आवेदक को किसी भी बैंक / वित्तीय संस्था का ऋणी नहीं होना चाहिए।
  6. मौजूदा बैंकर से, यदि कोई, खातों का विवरण (पिछले छह महीनों का)।
  7. आयकर / बिक्री कर रिटर्न आदि के साथ यूनिटों की पिछले दो वर्षों की बैलेंस शीट (2 लाख और इससे ऊपर के सभी मामलों के लिए लागू)।
  8. कार्यशील पूंजी की सीमा के मामले में और अवधि ऋण के मामले में ऋण की अवधि के लिए एक वर्ष के लिए अनुमानित बैलेंस शीट (2 लाख और इससे ऊपर के सभी मामलों के लिए लागू)।
  9. आवेदन जमा करने की तारीख तक मौजूदा वित्तीय वर्ष के दौरान प्राप्त बिक्री की रसीद।
  10. परियोजना रिपोर्ट (प्रस्तावित परियोजना के लिए) जिसमें तकनीकी और आर्थिक व्यवहार्यता का विवरण शामिल है।
  11. ज्ञापन और कंपनी के संगठन का लेख / साझीदारों आदि के साझेदारी के दस्तावेज।
  12. तीसरे पक्ष की गारंटी के अभाव में, निदेशकों और सहयोगियों सहित उधारकर्ता से संपत्ति और देयता कुल मूल्य पता करने की मांग की जा सकती है।
  13. मालिक / भागीदारों / निदेशकों के फोटो (दो प्रतियों में)।

हालिया विकास

  • 4 जुलाई को, कारपोरेशन बैंक ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (पीएमएमवाई) के तहत पहले मुद्रा कार्ड लान्च किया।
  • 1 जुलाई को, आईडीबीआई ने ऋण की पुनर्वित्त के लिए मुद्रा के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया।
  • संघ के वित्तीय सेवा सचिव हंसमुख अधिया ने कहा कि मुद्रा बैंक को पहले भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक के सहायक के रूप में स्थापित किया जाएगा और बाद में इसे संसद के एक अधिनियम के माध्यम से एक पूर्णतया बैंक में रूपांतरित किया जाएगा। हंसमुख अधिया ने ‘नवाचारों के वित्तपोषण पर गोलमेज’ के दौरान यह घोषणा की थी, जिसमें बैंकों और वित्तीय संस्थानों के प्रमुख और भारत के राष्ट्रपति भी शामिल थे। हालांकि हंसमुख अधिया ने मुद्रा बैंक की स्थापना के बारे में जानकारी नहीं दी, उन्होंने सिर्फ इतना ही कहा कि प्रधानमंत्री शीघ्र ही इसका शुभारंभ करेंगे।
  • मुद्रा बैंक ने 19 राज्य और क्षेत्रीय स्तर समन्वयकों से हाथ मिला लिया है ताकि उन छोटे उद्यमियों तक पहुँच सकें, जिनके वहाँ पर सीमित बैंक शाखा उपलब्ध हैं और सामान्य बैंकिंग प्रणाली से काम चला रहे हैं। सरकार द्वारा की गई पहल से छोटे और सूक्ष्म व्यवसायों को सहायता मिलने की उम्मीद है। यह भी उम्मीद की जाती है कि ये व्यवसाय 10 गुना ज्यादा नौकरियों के अवसर उत्पन्न करेंगे जो आम तौर पर वर्तमान में बड़े व्यावसायिक फर्मों/ कंपनियों द्वारा उत्पन्न होते हैं।
  • मुद्रा बैंक ने मोबाइल प्लेटफॉर्मों में अपनी बैंकिंग सेवाओं के दायरे का विस्तार करने के लिए आई-एक्साइड ऐपजिलोन ऐप की सेवाएं शुरू की है। एपजिलोन ऐप संगठनों को समर्थन देने के लिए डिजिटल पहल के रूप में सब-चैनल एप्लिकेशन डेवलपमेंट प्लेटफॉर्म है।
  • मुद्रा बैंक के मुख्य कार्यकारी जीजी मममेन ने कहा है कि 2016-17 के वित्तीय वर्ष के दौरान बैंकों को माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेन्स एजेंसी (मुड़्रा) बैंक की योजना के तहत 1.80 लाख करोड़ रुपये का ऋण देने की उम्मीद है।
  • सरकार ने मुद्रा बैंक के माध्यम से 1.22 लाख करोड़ रुपये तक के मुद्रा ऋण देने के अपने लक्ष्य को पूरा कर लिया है और 2016-17 वित्तीय वर्ष के लिए 1.8 लाख करोड़ रुपये का एक नया लक्ष्य निर्धारित किया है।

मुद्रा बैंक के बारे में अधिक जानकारी के लिए, कृपया लॉग ऑन करें: http://www.mudra.org.in

अंग्रेजी में प्रधान मंत्री मुद्रा योजना पढ़ने के लिए यहाँ क्लिक करें- MUDRA Bank

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