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भारत में उगाए जाने वाले 10 विदेशीफल जो हैं स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

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भारत में उगाए जाने वाले 10 विदेशीफल जो हैं स्वास्थ्य के लिए लाभदायक

फल मानव जीवन के आहार का अनिवार्य भाग होते हैं, जो पोषण में अपना विशेष योगदान देते हैं क्योंकि फलों में फाइबर, विटामिन सी और पानी की भरपूर मात्रा मौजूद होती है। भारत, अपनी विविध जलवायु की परिस्थितियों के साथ, हिमालयी बेल्ट से लेकर दक्षिणी भारत के उष्णकटिबंधीय बेल्ट तक, दुनिया के दूसरे सबसे बड़े फल के उत्पादक होने का गौरव प्राप्त करता है।

आजकल सुपरमार्केटों में ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व में इन मूल्यवान फलों का भारत से निर्यात होता है। इन फलों की खूशबू और रंग इतना अच्छा होता है कि कोई भी व्यक्ति इन फलों का थोड़ा सा टुकड़ा खाने के लिए उत्साहित हो जाता है। लेकिन अनुसंधान की खोजों से पता चला है कि पोषण आहार के लिए जैविक स्थानीय उत्पाद अधिक महत्वपूर्ण हैं और भारत में स्थानीय स्तर पर विदेशी फल उगाए जाते है। इन मूल्यवान फलों को प्रकृति से खोजा गया है और अधिकतर स्थानीय लोगों द्वारा इन का सेवन किया जाता है। लेकिन आजकल उप महादेश में गर्मियों व सर्दियों के दौरान बाजार में इन फलों का तेजी से व्यापार होता हैं। यहाँ कुछ मूल्यवान विदेशी फलों का विवरण प्रस्तुत है जो भारत में आहार पोषण की दृष्टि से महत्वपूर्ण है-

1. जंगल जलेबी / कूदुकापूली (कैमाचीइल)

जंगल जलेबी, भारतीय मिठाई जलेबी के समान होती है। इसका मटर के समान घुमावदार आकार होता है और इसमें 6 से 10 काले रंग के बीजों के ऊपर गुलाबी रंग का मीठा गूदा होता है। कच्चा या फिर नींबू शिकंजी, बनाने के लिए टेंगी बीज औऱ करी पत्तो के साथ इस्तेमाल करके इसका आनन्द लिया जा सकता है।

2. कारम्बोला (स्टारफ्रूट)

कारम्बोला फल अत्यधिक कोमल होता है इसे कच्चा खाने के साथ-साथ इसका अचार या मुरब्बा भी बनाया जाता है। जबकि कारम्बोला कच्चा हरे रंग का, बहुत खट्टा होता है। पकने पर यह पूर्णतय: पीला हो जाता है, थोड़ा भूरा होने पर यह खाने में मीठा लगता है। यह फल पूरे भारत में सभी जगहों पर मिलता है लेकिन, विशेष रूप से दक्षिणी भागों में अधिक उगता है। इस फल के पोषण संबंधी निम्नलिखित फायदे होते हैं-

3. हैंड ऑफ बुद्धा फल (फिगरीडसिट्रन)

यह विदेशी फल लम्बे नींबू के आकार के समान दिखाई देता है और जिसमें पीले रंग के छिलके, जो बुद्ध की लम्बी अंगुलियों की भाँति प्रतीत होते हैं। यह फल हल्की खूशबू के साथ स्वाद में चटपटा होता है। कुछ विद्वानों का मानना है कि 400 ईसवी पहले भारत के बौद्ध सन्यासियों ने चीन के साथ मिलकर इस फल को लगाया था। पूर्वी भारत में विकसित हैंड ऑफ बुद्धा फल के निम्नवत गुण हैं-

4. लांग्सा /लोटका (लैंगसैट)

यह छोटा, पारदर्शी गोल आकार का फल होता है, जिसे कच्चा खाने पर कड़वा लगता है। लेकिन, जब यह पूर्ण रूप से पक जाता है, तो अंगूर की तरह अत्यधिक मीठा स्वादिष्ट हो जाता है। पूर्व और दक्षिण भारत (विशेषकर नीलगिरि पहाड़ियों) के क्षेत्रों में कम मात्रा में इस लांग्सा या लैंगसैट फल की खेती होती है। इस फल के गुण निम्नवत हैं-

5. मंगुस्तान (मँगोस्टीन)

यह उष्णकटिबंधीय फल खुशबूदार होता है। यह चारो ओर से गहरे बैंगनी, लाल रंग के कठोर आवरण से ढका होता है। मेंगुस्तान मोटा और हिमश्वेत रंग का होता है, जिसका आंतरिक भाग अधिक मीठा होता है। इस फल का स्वाद आम की तरह लगता है। मँगोस्टीन थाईलैंड का राष्ट्रीय फल है। जो भारत के पूर्वी और दक्षिण एशिया में अधिक उपजता है इसके गुण निम्नलिखित हैं-

इस फल में एंटी ऑक्सिडेंट सूक्ष्म जीव निवारक और रोगाणु रोधक की क्षमता होती है।

6. जापानीफल (पेर्सिम्मों)

यह जपान का स्थानीय समशीतोष्ण, हिमाचल का विदेशी फल है। यह गहरे नारंगी और लाल रंग का होता है। इसे शीरीन खुरमा भी कहते हैं। पक जाने पर यह नरम हो जाता है और खाने में मीठा और लजीज लगने लगता है। इस फल की अत्याधिक खेती चीन में की जाती है इसलिए मूलतया: इसे चीन का फल कहते है। भारत में इसे 20वीं शताब्दी पहले यूरोपीयवासियों ने इस फल को उगाया था। इसके अतिरिक्त हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, उत्तराखंड और नीलगिरी पहाड़ियों में भी पाया जाता है। इस फल के लाभकारी गुण निम्नलिखित हैं-

7. आमरा (भारतीय हॉगबेर)

इस फल को जंगली आम भी कहते हैं और कच्चे आमरा में कच्चे आम की तरह खट्टापन भी होता है, लेकिन यह फल पक जाने पर अनन्नास जैसी मिठास और सुगंध देता है। आमरा फलों के ऊपर नमक लाल मिर्च छिड़क कर विविध रूप से प्रयोग कर आनन्द लिया जा सकता है जैसे अचार, फलों का स्वादिष्ट कॉकटेल, सिंपल स्लाइस आदि। विशेष रूप से यह फल तमिलनाडु, केरल, कर्नाटक, महाराष्ट्र और गोवा में उगाए जाते हैं इस फल की विशेषताएं निम्नलिखित हैं-

8. करौंदा (कैरेंडसचैरी)

पोषण से युक्त करौंदे को जंगली बेर भी कहते हैं, कच्चा करौंदा खाने में स्वादिष्ट लगता है और पक जाने पर आप इसका क्रैन बेरी जूस भी तैयार किया जा सकता है। सामान्य रूप से करौंदे का जैम, मिठाई और अचार बनाया जाता है। यह पौधा बिहार और पश्चिम बंगाल के शिवालिक पहाड़ियों, पश्चिमी घाटी और नीलगिरि पहाड़ियों में विकसित होता है, जिसके निम्नवत गुण हैं-

9. ताड़गोला / ताड़ (आइस एप्पल या चीनी पामफ्रूट)

यह बाहर से कठोर और भूरे रंग का होता है। इस फल का आंतरिक भाग जैली के समान होता है और भारत के गर्म मौसम में इसका सेवन बहुत अच्छा माना गया है। इस फल की बनावट लीची के समान होती है, जिसका स्वाद ताजे नारियल जैसा लगता है। इसका प्रयोग भारतीय मादक पेय पदार्थ और ताड़ी बनाने के लिए किया जाता है। यह फल तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, गोवा और केरल में उगाया जाता है, यह फल स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है जिसके निम्नलिखित गुण हैं-

10. फालसा (भारतीय पेय फल)

फालसा फल खट्टे और मीठे दोनों फ्लेवर में होते हैं। यह अत्यधिक शीतलता का अनुभव देता है, पके हुए फलों पर नमक और काली मिर्च छिड़क कर इसका आनन्द लिया जा सकता है। इस फल का उपयोग सीरप स्क्वैश बनाने में किया जाता है। फालसा फल पूरे भारत में उगाया जाता है। यह फल स्वास्थ्य के लिए गुणकारी है जिसके निम्नलिखित लाभ हैं-

भारत वास्तव में अनेक विदेशी फलों का भारी मात्रा में उत्पादन करता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यन्त लाभदायक है।

जब भारतीय लोग फल के उत्पादन में विश्व में अपना स्थान ऊपर बनाए हुए हैं, तो क्यों न हम अच्छे स्वास्थ्य के लिए स्थानीय उत्पादनों की ही खरीद्दारी करें और स्वस्थर हें?

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