Home / India / इंदिरा आवास योजना क्या है?

इंदिरा आवास योजना क्या है?

October 14, 2017
by


भोजन, कपड़ा और मकान मानव जीवन की मूलभूत आवश्कताएँ हैं और इन्हें प्राप्त करना प्रत्येक व्यक्ति का समान अधिकार है। भारत सरकार का ग्रामीण विकास मंत्रालय, ग्रामीण विकास की देखभाल और ग्रामीण जरूरतों का ख्याल रखता है। ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा ग्रामीणों के विकास के लिए चलाई जा रही कई योजनाओ में से एक इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) है। इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) आवास के मुद्दों से संबंधित योजना है और यह योजना जिन लोगों के पास रहने के लिए घर नहीं है, उन्हें आवास (घर) प्रदान करने का कार्य करती है। यह योजना गरीबी रेखा (बीपीएल) के नीचे जीवन यापन करने वाले गरीब ग्रामीणों को आवास प्रदान करती है।

इंदिरा आवास योजना का शुभारंभ वर्ष 1985-86 में हुआ था और यह योजना ग्रामीण भूमिहीन रोजगार गारंटी योजना (आरएलईजीपी) का ही एक स्वरूप है। इस योजना का शुभारंभ ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को एक समान आवास प्रदान करने के लिए किया गया था। इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) से पहले भी कई अन्य योजनाएं थीं, जिसमे कुछ योजनाओ के अंतर्गत आवास प्रदान किए जाते थे और कई योजनाओ के अंतर्गत आवास निर्माण की लागत भी वसूली जाती थी। इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) को जवाहर रोजगार योजना (जेआरवाई) की उप योजना माना जाता है। शुरूआत में इंदिरा आवास योजना को, जेआरवाई के द्वारा केवल 6 प्रतिशत धन आवंटित किया गया था, जिसे बाद में जेआरवाई ने दोगुना कर दिया था। केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों ने 75:25 के अनुपात में इस योजना को धन वितरित करके अपना-अपना योगदान दिया है। सिक्किम और उत्तर-पूर्वी राज्यों ने 90:10 के अनुपात में इस योजना को धन आवंटित करके अपना योगदान दिया है।

इस योजना का शुभारंभ गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापने करने वाले परिवारों को आवास प्रदान करने लिए किया गया था, जिसमें मैदानी क्षेत्रों में घर बनाने वाले परिवारों के लिए 45,000 रुपये और पहाड़ी और ऊंचे क्षेत्रों में घर बनाने वाले परिवारों के लिए 48,500 रुपये का निर्धारण किया गया था। 1 अप्रैल 2013 से वित्तीय सहायता की राशि बढ़ाकर 70,000 रुपये और 75,000 रुपये कर दी गई है। इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) के लाभार्थी घर बनाने के लिए मात्र 4 प्रतिशत के वार्षिक ब्याज पर 20,000 रूपए तक का ऋण लाभ भी ले सकते हैं। इस प्रकार, इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) द्वारा दिए जाने वाले ऋण लाभ को कच्चे घरों में रहने वाले लोग भी प्राप्त कर सकते हैं।

इंदिरा आवास योजना की मुख्य विशेषताएं

इस योजना के तहत धनराशि आवंटित करते समय, आवास की कमी वाले क्षेत्रों को 75 प्रतिशत महत्व और गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों को 25 प्रतिशत महत्व दिया जाता है। इंदिरा आवास योजना द्वारा अनुसूचित जाति या अनुसूचित जनजाति के लोग 60 प्रतिशत धन लाभ प्राप्त करने के हकदार होते हैं, शारीरिक रूप से विकलांग लोगों को इस धन में 3 प्रतिशत हिस्सा अलग से प्रदान किया जाता है और सम्पूर्ण धन का 15 प्रतिशत अतिरिक्त हिस्सा अल्पसंख्यकों के लिए निर्धारित किया गया है।

इस योजना के अंतर्गत साधारणतयः महिलाओं या पति और पत्नी दोनों के नाम आवास आवंटित किए जाते हैं।

प्राकृतिक आपदाओं या दंगों आदि जैसी आपातकालीन स्थितियों के लिए कुल राशि का 5 प्रतिशत अलग रखा जाता है। यह राशि एक राज्य से दूसरे राज्य में आसानी से संचालित की जा सकती है।

इंदिरा आवास योजना के तहत लाभार्थियों का चयन या तो ग्राम सभा द्वारा या गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करने वाले लोगों की सूची द्वारा या स्थायी इंदिरा आवास योजना की सूची द्वारा किया जाता है।

इस योजना में, घरों के निर्माण में ठेकेदारों की भागीदारी नहीं होती है अर्थात् लाभार्थी ठेकेदारों की निगरानी के बिना खुद अपने घरों का निर्माण करवाते हैं। हालाँकि इसके लिए कोई मापदंड का निर्धारण नहीं किया गया है, लेकिन फिर भी घर में एक साफ-स्वच्छ शौचालय और धुआँ-रहित चूल्हा होना चाहिए। इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) के तहत, शौचालय के निर्माण के लिए 9,000 रुपये तक की अतिरिक्त सहायता प्रदान की जाती है।

सफलता

वर्ष 1985 से, अब तक इंदिरा आवास योजना के अंतर्गत, 25.2 मिलियन घरों का निर्माण हो चुका है। ग्रामीण आवास योजना भारत निर्माण कार्यक्रमों के अंतर्गत चलायी जा रही छ: योजनाओं में से एक है। इस योजना के पहले चरण के तहत पूरे देश में वर्ष 2005-06 से वर्ष 2008-09 तक 60 लाख घरों का निर्माण होने की उम्मीद थी। इस योजना ने दी हुई अवधि में 21720.39 करोड़ रुपये खर्च करके, लक्ष्य से कहीं अधिक 71.76 लाख घरों का निर्माण करवाया था। इस योजना ने वर्ष 2009-10 से अगले पाँच वर्षों के लिए, दुगुना यानि लगभग 120 लाख घरों के निर्माण का लक्ष्य रखा है। इसके दूसरे चरण के दौरान, पिछले तीन सालों में लगभग 85 लाख घरों का निर्माण हुआ है।

जाँच

इंदिरा आवास योजना की जाँच, मासिक समीक्षा और वार्षिक रिपोर्ट जैसे दो पहलुओं के साथ की जाती है।

राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के क्षेत्रीय अधिकारियों ने अपने-अपने नियत राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का यह पता लगाने के लिए दौरा किया कि योजना से संबंधित दिशा-निर्देशों के अनुसार सब कार्य हो रहे हैं या नहीं। वे अलग-अलग जगहों पर जाकर यह जाँच करते हैं कि क्या इस योजना से उचित लोग भलीभाँति लाभान्वित हो रहे हैं या नहीं। क्षेत्रीय अधिकारी, नीति निर्माताओं और कार्यान्वयन शाखाओं के बीच एक कड़ी के रूप में कार्य करते हैं।

वर्ष 2007 में, ऑनलाइन जाँच प्रक्रिया को सर्वोपरि रखा गया है। इस योजना की सहायता से डीआरडीए मंत्रालय की वेबसाइट पर आसानी से मासिक प्रगति रिपोर्ट अपलोड की जा सकती है। एमआईएस प्रोग्राम ‘आवास सॉफ्ट’ ने जाँच प्रणाली को अत्यधिक सरल बना दिया है।

वित्तीय वर्ष 2012-13 में ग्रामीण आवास के लिए, आवंटित बजट 11075 करोड़ रुपये था। इंदिरा आवास योजना (आईएवाई) के तहत 27.27 लाख घरों के निर्माण के लिए 10513.20 करोड़ रुपये की राशि आवंटित की गई है। वास्तव में यह सभी गरीब ग्रामीणों को आवास उपलब्ध कराने वाली एक बड़ी योजना के रूप में उभर कर सामने आई है।