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सीएजी के अनुसार भारतीय रेलवे का भोजन मानव उपभोग के लिए अयोग्य

July 27, 2017


Railways-Food-Unfit-for-Human-Consumption-hindiभारतीय नियंत्रक और महालेखा परीक्षक (सीएजी) ने संसद में एक रिपोर्ट दायर की है, जिसके अनुसार भारतीय रेल द्वारा उपलब्ध कराया जाने वाला भोजन मानव उपभोग के लिए उपयुक्त नहीं है।

विश्व में भारतीय रेल चौथा सबसे बड़ा रेलवे नेटवर्क है, इसमें हर रोज लगभग 22.2 मिलियन यात्री सफर करते हैं। यह मामला एक बहुत ही दुखद समाचार के रूप में सामने आया है, सीएजी ने पता लगाया था कि रेल यात्रियों को परोसा जाने वाला भोजन अस्वस्थ और उपभोग के लायक नहीं है।

सीएजी ने यह सर्वेक्षण 74 रेलवे स्टेशनों में 80 ट्रेनों पर किया है। सीएजी द्वारा किये गये सर्वेक्षण में भारतीय रेलवे द्वारा यात्रियों को परोसे जाने वाले भोजन में स्वच्छता, सामर्थ्य, गुणवत्ता और भोजन की उपलब्धता के मानदंडों को शामिल किया गया था। ट्रेनों में परोसे जाने वाले भोजन में सीएजी को निम्नलिखित कमियां मिलीं:

  • कई लंबी दूरी वाली ट्रेनों में पेंट्री कारों (ट्रेन के एक डिब्बे) में रसोई भण्डार उपलब्ध नहीं है।
  • ट्रेनों में फेरीवाले अनाधिकृत खाद्य पदार्थों को बेच रहे हैं।
  • पेय पदार्थों को बनाने में शुद्ध जल के बजाय सीधे नल से प्राप्त जल का उपयोग किया जा रहा है।
  • कूड़े के डिब्बे खुले रहते हैं, इनको नियमित रूप से खाली और साफ नहीं किया जा जाता है।
  • तैयार भोजन को मक्खियों, धूल और कीड़ों से बचाने के लिए सही ढंग से ढका नहीं जाता है।
  • इसके अलावा ट्रेनों में चूहे और कॉकरोंच भी पाए गए।
  • ट्रेनों में एकसमान टैरिफ कार्ड (भोजन के लिए एक समान कीमत) का अभाव है और भोजन को बिना बिल दिये बेचा जा रहा है।
  • यहाँ के कई क्षेत्रीय रेलवे स्टेशनों में पाया गया कि भोजन को बाहरी रसोईघरों से मंगवाया जा रहा था, जहाँ किसी भी प्रकार से भोजन की गुणवत्ता की जाँच नहीं हुई थी।
  • रेलवे स्टेशन परिसर में केवल 16 मूल रसोईघर स्थित थे। 115 मूल रसोईघर रेलवे परिसर के बाहर स्थित थे, जिनमें पकाये जाने वाले भोजन में किसी भी प्रकार की गुणवत्ता की जाँच नहीं की जा रही थी।
  • यहाँ की कई पेंट्री कारों (ट्रेन के डिब्बे में स्थित रसोई भण्डार) में अभी तक गैस बर्नर को बिजली के उपकरण में नहीं बदला गया है।

सीएजी द्वारा सिफारिशें

सीएजी ने इस मुद्दे को सुधारने के लिए कुछ दिशानिर्देश तैयार किए हैं –

  • खाना बनाने और खाना वितरण करने की व्यवस्था प्रणाली को पूरा बदला जाये।
  • रसोईघरों और खाने की गुणवत्ता से संबंधित मामलों को आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन) को स्थानांतरित किया जाये।
  • स्टेशनों पर जनता को उपलब्ध कराया जाने वाला भोजन कम लागत का हो।
  • स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए एक निगरानी तंत्र बनाया जाये।
  • कैटरिंग कॉन्ट्रेक्ट की दरों को बढ़ाया जाये ताकि पकाये जाने वाले भोजन की गुणवत्ता के साथ कोई समझौता न हो, खाना पकाने वाले श्रमिकों को अच्छा भुगतान किया जाये।
  • रिपोर्ट के अनुसार, रसोईघरों, स्थिर खानपान इकाइयों और ट्रेन में बेचने की व्यवस्था के मामले में आवश्यक बुनियादी ढाँचे की कमी है।

भारतीय रेलवे ने सुधार लाने के लिए उठाये कदम

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने खानपान में सुधार लाने के लिए एक जीरो टॉलरेंस (शून्य सहिष्णुता नीति) की स्थापना की है। रेल मंत्रालय ने इन कदमों को सूचीबद्ध किया है जिसके जरीये खानपान की सेवाओं को बेहतर बनाया जाएगा।

  • भारतीय रेलवे ने भोजन प्रणाली की गुणवत्ता में सुधार लाने और केटरिंग सेवाओं से संबंधित सभी समस्याओं की पहचान करने व् उसको स्थायी रूप से खत्म करने के लिए आवश्यक कदम उठाये हैं।
  • भारतीय रेलवे ने पिछले 6 महीनों में, 7 ठेके समाप्त कर दिए हैं, 16 ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया है, 21 अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है तथा 4.5 करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना भी वसूल किया है।
  • इस साल फरवरी में जारी नई वेंडिग पॉलिसी 2017 के अनुसार, आईआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉर्पोरेशन) को कहा गया है कि मौजूदा रसोईघरों को नवीनीकृत और नए रसोईघरों को स्थापित किया जाये।
  • ट्रेनों पर खाना बेचने के लिए विक्रेताओं के पास परिचय पत्र होना आवश्यक होगा। विक्रेताओं के पात्रता मानदंडों को भी फिर से देखा जा रहा है।
  • ट्रेनों में टेक्नोलोजी का उपयोग भी किया जाएगा ताकि यात्रियों से अधिक भुगतान न लिया जा सके।
  • सभी ट्रेनों में यात्रियों को भोजन का अधिक खर्च देने से बचाने के लिए भोजन की पूर्व बुकिंग करने का प्रयास किया जाएगा और यात्रियों की प्रतिक्रियाओं को भी प्राप्त किया जायेगा ताकि विक्रेताओं का प्रदर्शन पता चल सके।
  • ट्रेन के यात्रियों को भोजन की बुकिंग में सुविधा प्रदान करने के लिए आईआरसीटीसी एक विशेष फोन नंबर / वेबसाइट / एसएमएस / मोबाइल एप्लिकेशन आदि उपलब्ध करवा रहा है।
  • स्टेशनों पर सस्ती कीमतों पर पीने योग्य जल उपलब्ध करवाने के लिए आरो वाटर वेंडिंग मशीनें स्थापित की जा रही हैं।
  • रेलवे द्वारा लंबे समय तक सुरक्षित रखने वाले भोजन को तैयार किया जा रहा है।
  • आईआरसीटीसी ने डीआरडीओ के साथ निर्जलित भोजन प्रौद्योगिकी के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है जो बेहतर और पैक भोजन को तैयार करने में मदद करेगा।
  • ट्रेन में छोटे बच्चों के साथ यात्रा करने वाली माताओँ को रेलवे स्टेशनों पर नामांकित खानपान स्टालों पर बेबी फूड, दूध और गर्म पानी उपलब्ध कराया जाएगा।
  • स्व-सहायता समूह (एसएचजीएस) आरंभ करने के लिए कदम उठाए जा रहे हैं, जो सार्वजनिक यात्रा करने वाले यात्रियों को ई-केटरिंग के माध्यम से सस्ती कीमत पर पौष्टिक क्षेत्रीय व्यंजन परोसेगा।
  • भारतीय रेल निजी क्षेत्र के साथ डोमिनोज आदि जैसी फूड कम्पनियों से सहयोग लेने के लिए बातचीत की प्रक्रिया में है ताकि ट्रेन यात्रियों को अपनी यात्रा के दौरान पहले से किये गये ऑर्डर पर पिज्जा और बर्गर उपलब्ध कराया जा सके।
  • रसोईघरों में व्यक्तिगत सफाई, स्वच्छता, खाद्य सुरक्षा और भंडारण सुविधाएं आदि जैसे मापदंडों का पता लगाने के लिए एक निश्चित अंतराल पर खानपान की सेवाओं को तीसरी पार्टी जाँच करेगी।
  • दो ट्रेनों में वैकल्पिक ऑन बोर्ड कैटरिंग का पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है, जिसमें अगर यात्री खानपान की सेवाएं नहीं लेना चाहते हैं, तो उनके टिकटों पर इसका शुल्क नहीं लिया जाएगा।
  • केटरिंग सेवाओं के बारे में शिकायतों को ट्विटर हैंडल @IRCATERING पर दर्ज किया जा सकता है और साथ ही चलती ट्रेन में रेल उपयोगकर्ताओं के लिए एक अखिल भारतीय हेल्पलाइन नंबर – 138 उपलब्ध होगा।