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फुचका या पानीपुरी या गोलगप्पा रेसिपीः स्वाद महत्व रखता है नाम नहीं

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फुचका या पानीपुरी या गोलगप्पा

टहलते समय कभी रास्ते पर लगे हुए फुचका (पनीपूरी, गुप चुप, गोलगप्पा या पानी के बतासे – जिस नाम से आप परिचित हों) के ठेलों पर जाकर कम से कम 5 से 10 फुचके खाने की कोशिश करें। मैं इन्हें मुख्य रूप से फुचका कहती हूँ, बिल्कुल यदि आप कोलकाता में हों तो आप इनका कोई अन्य नाम सोच भी नही सकते। ऐसा कहा जाता है फुचके की मनमोहक सुगंध आपकी फुचकों को खाने की इच्छा को बढ़ा देती है और एक फुचका खाने के बाद में आप इसको खाने की इच्छा से उबर नहीं पाएंगे एवं एक के बाद एक फुचके गटकते चले जाएंगे।

ये नाम – गोलगप्पा, पानी पूरी और फुचका अपने-अपने क्षेत्र के शासक हैं।

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मुझे लगता है कि इनके नामों के बीच में जो असमानता है वो इनके अंदर भरे जाने वाले पानी की वजह से है। इनके स्वाद में मसालों के कारण भी विविधिता आती है। आप गोलगप्पे का पानी जलजीरा, पुदीना और सोंठ के स्वाद में पा सकते हैं। मुझे अभी मुंबई की पानी पूरी का स्वाद लेना है लेकिन जैसा कि मैंने सुना है वहाँ पानी पूरी में प्रयोग किया जाने वाला पानी अधिक चटपटा नहीं है।

यहाँ, मैं विश्लेषण करने की कोशिश नहीं कर रही हूँ कि कौन सा किसके लिए बेहतर है मुंबई वालों के लिए पानी पूरी, दिल्ली वालों के लिए गोलगप्पा और कोलकाता वालों के लिए फुचका। नाश्तों के विजेता फुचका यहाँ उपलब्ध हैं और यह इसलिए मशहूर हैं कि लोग इसके बारे में शर्त लगाते हैं कि वे एक बार में कितने फुचके खा सकते हैं। इसका एक और अनूठा पहलू यह है कि यदि फुचकों को सामान्य मात्रा में खाया जाए तो ये आपको कभी भी बीमार नहीं करते हैं। इमली का पानी इसे एक और अनोखा स्वाद प्रदान करता है।

अब अधिक मात्रा में कैलोरी का सेवन करने के लिए, 100 कैलोरी के बराबर चार फुचके काफी हैं। खैर फुचका खाने वालो के लिए ये आंकड़े कोई खास माइने नहीं रखते। अच्छा स्वाद महसूस करने के लिए अभी तुरंत कुछ फुचके गटक लें और अपने मन को फुचकों के स्वाद से भर लें।

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