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भारतीय राज्य और उनकी सरकारें

राजनीति चाहे भारत की हो या फिर कहीं और की, वास्तव में काफी उतार-चढ़ाव भरी होती है, जो अपने दिलचस्प मोड़ से सभी को आकर्षित करती है।  उदाहरण के तौर पर, जम्मू-कश्मीर का मामला ले लीजिए। किसने सोचा होगा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के रूप में दो अलग-अलग पार्टियां सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाना चाहती हैं? 2016 से पहले ऐसा कोई गठबंधन नहीं था। लेकिन, बीजेपी ने [...]

2018 की एक झलक

2019 के कैलेंडर को व्यवस्थित करने का समय आ गया है यह भी जरुरी है कि 2018 पर पुन: एक नजर डाली जाए। यही नए साल का सार है, सही कहा ना? पुन: नजर डालें और देखें कि हम कितना आगे आ गए हैं और इससे आगे क्या है। रुढ़ीवादिता या अनभिज्ञता, इनमें से किसी में भी कोई वृद्धि नहीं हुई। तो, आइए नजर डालें और 2018 को एक अंतिम रूप दें। इन 365 दिनों [...]

कांग्रेस और 1984 कब मिलेगा न्याय?

17 दिसंबर 2018 के दिन लोग तरह-तरह की बातें कर रहे थे। इस तारीख में इतना खास क्या है? कोई भी पूछ सकता है। खैर, बहुत सारे लोग इसे बिडंवनाओं या मुकाबले का दिन कहते हैं। यह वह दिन था जब कांग्रेस के चुने गए सदस्य तीन प्रमुख राज्यों राजस्थान, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के रूप में शपथ ग्रहण कर रहे थे। यह वह दिन भी था जब दिल्ली उच्च न्यायालय के बेंच [...]

जाति में क्या है? हमारे नेताओं से पूछिए! 

ब्रेड और मक्खन की तरह राजनीति और जाति भी साथ-साथ चलती है। हमारे “धर्मनिरपेक्ष” राष्ट्र की स्थापना के बाद से हमारी राजनीति धर्म के नाम पर ही चल रही है और आने वाले दशकों तक ऐसे ही चलती रहेगी। हालांकि, जैसा कि 2019 के लोकसभा चुनाव करीब हैं, जाति आधारित राजनीति की एक नई लहर भारत में दौड़ने लगी है। आपको लगता होगा कि विधानसभा चुनावों के साथ हमारी राजनीतिक पार्टियां घोषणा पत्र की खामियों [...]

भारत की आजादी के बाद से अब तक (इस पोस्ट का अद्यतन करने के समय तक – 25 अक्टूबर 2014 तक) 14  और कुल मिलाकर 15 पूर्णकालिक प्रधानमंत्री रह चुके हैं। आजाद भारत के पहले प्रधानमंत्री भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता पं जवाहरलाल नेहरू थे। कांग्रेस के नेतृत्व वाले संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) के डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल के बाद खाली पड़ी सीट का कार्यभार भाजपा के (2014 में 14 वें पूर्णकालिक प्रधान मंत्री) [...]

छत्तीसगढ़ सरकार की कार्य समीक्षा और मुख्य चुनावी मुद्दे

छत्तीसगढ़ में अगली सरकार के लिए नवंबर 2018 में चुनाव होने जा रहे हैं और राजनीतिक पार्टियां मतदान से पहले मतदाताओं का ध्यान आकर्षित करने की कोशिश में दावों और प्रतिवादों की बाजियां खेल रहीं हैं। उच्चस्तरीय चुनावी बयानबाजी के दिनों में, सत्तारूढ़ सरकार और चुनाव परिणामों की संभावनाओं का वास्तविक मूल्यांकन करने का यह अच्छा समय है। भाजपा के मुख्यमंत्री रमन सिंह 2003 से इस पद पर काबिज हैं और लगातार अपने तीसरे कार्यकाल [...]

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भारत बंद – समस्या का समाधान या खुद एक समस्या

राजनीति कभी भी एक टिकाऊ खेल नहीं रही है और राजनेता कभी भी हार न मानने वाले खिलाड़ी। अगर एक साल किसी एक पार्टी के हाथ में सत्ता है तो आप नहीं जान सकते कि अगले साल किसके हाथ में होगी। कभी “अग्रणी” पार्टी तो कभी “विपक्षी” पार्टी की भूमिका निभाने का यह खेल साल दर साल ऐसे ही चलता रहता है। यह हमारे लोकतंत्र का सार है, ना? हर दूसरे साल की तरह 2018 [...]

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तेलंगाना के मुख्यमंत्री ने राहुल गांधी को कहा "मसखरा"

भारतीय राजनीति बुद्धि और शिष्टता का खेल है, जिसे कोई चुनाव के समीप आते-आते खो देता है। प्रतिद्वंदियों ने बहुत ही चालाकी से दिल खोलकर शब्दों का प्रहार करने शुरू कर दिया है। 6 सितंबर को अटकलबाजियों से घिरे तेलंगाना में कुछ ऐसी ही घटना घटी। जब एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के अध्यक्ष और मुख्यमंत्री, कल्वाकुंतला चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्हें “देश का सबसे बड़ा [...]

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गौरी लंकेश: एक साहसी महिला

गौरी लंकेश- स्मरण का एक वर्ष लोग कहते हैं कि हर दिन को ऐसे जीना चाहिए जैसे कि यह आपका आखिरी दिन हो। लेकिन क्या होगा यदि आपका जीवन, भगवान की नहीं बल्कि उन लोगों की मर्जी से जो आपकी आवाज को दबाने की कोशिश करते हैं, आपसे दूर कर दिया जाए? किसी भी मामले में, गौरी लंकेश अपने दरवाजे पर मृत्यु की अनचाही दस्तक के बावजूद जीवन का उचित उपयोग करने में कामयाब रहीं। 5 सितंबर [...]

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किस-किस ने छोड़ी आम आदमी पार्टी?

आम आदमी पार्टी (आप), समय-समय पर पार्टी से अलग होने वाले पार्टी के सदस्यों द्वारा लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों के अनुसार यह नाम ही विरोधाभासी बन गया है। अन्ना हजारे के नेतृत्व में प्रारम्भ (इंडिया अंगेस्ट करप्शन) भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन, जिसका उद्देश्य जन लोकपाल विधेयक लाकर भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाना था, आम आदमी पार्टी दिल्ली और कुछ हद तक देश के लोगों के लिए आशा की एक लौ थी। आम आदमी पार्टी की [...]

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