उनके बारे में

रतन टाटा सबसे अधिक विख्यात और सम्मानित भारतीय व्यवसायियों में से एक हैं। उन्होंने 1991 से 2012 तक एक अध्यक्ष के रूप में टाटा ग्रुप की सेवा की और चार साल बाद अक्टूबर 2016 में अंतरिम अवधि के लिए उसी पद पर वापस आए। वह मुंबई में स्थित एक समूह के रूप में भारतीय उद्योगपतियों और समाज-सेवियों के प्रमुख टाटा परिवार के एक सदस्य भी हैं।

व्यक्तिगत जीवन

रतन टाटा का जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था। जब वह एक छोटे बच्चे थे, उनके माता पिता अलग हो गए और उनका पालन पोषण उनकी दादी लेडी नवजबाई द्वारा किया गया था। उन्होंने मुंबई में कैम्पियन स्कूल से ,शिमला में बिशप कॉटन स्कूल से और मुंबई में कैथेड्रल और जॉन कॉनन स्कूल सें अपनी पढ़ाई पूरी की। उन्होंने 1962 में कार्नेल विश्वविद्यालय से वास्तुकला और संरचना अभियांत्रिकी ( स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग)  की डिग्री के साथ स्नातक किया और 1975 में हार्वर्ड बिजनेस स्कूल से उन्नत प्रबंधन कार्यक्रम भी किया। वह संयुक्त राज्य अमेरिका के येल विश्वविद्यालय के अल्फा सिग्मा फी भाईचारे के एक सदस्य भी रहे हैं।

करियर (व्यवसाय)

1962 में रतन टाटा ने अपने व्यवसाय की शुरुआत टाटा ग्रुप से की। सबसे पहले उन्होंने टाटा स्टील की दुकान में चूना पत्थर खोदना और पिघलाने वाली भट्टी ( ब्लास्ट फर्नेस ) को संभालने का कार्य किया। 1991 में, जेआरडी टाटा ने टाटा इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और रतन टाटा को अपने उत्तराधिकारी के रूप में नामित किया। रतन के नेतृत्व में टाटा टी ने ‘टेटली’ को प्राप्त किया, टाटा मोटर्स ने ‘जैगुआर लैंड रोवर’ और टाटा स्टील ने ‘कोरस’ को प्राप्त किया। ये जीत विदेशों से प्राप्त 65% आय के साथ एक बड़ी भारत-केंद्रित कंपनी टाटा को एक वैश्विक व्यवसाय के रुप में बदल देती है। उन्होंने ‘इंडिका’ और ‘नैनो’ कार के विकास कार्यो में भी अपना योगदान दिया।

रतन टाटा भारत और विदेशों में विभिन्न संगठनों के साथ भी कार्य कर चुके हैं। वह व्यापार और उद्योग में प्रधानमंत्री परिषद के एक सदस्य भी हैं और वह पूर्व- पश्चिम केन्द्र के राज्यपालों की समिति में भी शामिल हैं जो रैंड सेंटर के रुप में एशिया प्रशांत नीति की सलाहकार समिति है। वह बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन इंडिया एड्स की पहल से सम्बन्धित कार्यक्रम की समिति में भी काम करते हैं।

उन्हें भारत सरकार द्वारा जनवरी 2000 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया। वह भारत में सार्वजनिक और निजी दोनों क्षेत्र से सम्बन्धित कई अग्रणी संगठनों की समितियों में कार्य करते हैं। वह दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति द्वारा स्थापित अंतर्राष्ट्रीय निवेश परिषद के एक सदस्य हैं और बिल एंड मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन इंडिया एड्स की पहल से सम्बन्धित कार्यक्रम समिति पर भी कार्य करते हैं। रतन टाटा को कोरस, एंग्लो डच स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादन में प्रमुख टाटा की सफलता के लिए श्रेय दिया जाता है, जिसे टाटा संस द्वारा अनुमानित 6.7 अरब में अधिग्रहण किया गया था।

28 दिसंबर 2012 को रतन टाटा, टाटा ग्रुप से सेवामुक्त हो गए। उसी दिन उनका 75वां जन्मदिन भी था। रतन टाटा को पल्लोनजी मिस्त्री जो शापुरजी पल्लोनजी ग्रुप के प्रबंध निदेशक थे, उनके पुत्र साइरस मिस्त्री के द्वारा अनेक सफलताए प्राप्त  हुई।

उन्होंने, सायरस मिस्त्री को हटाए जाने के बाद अक्टूबर 2016 में वापसी की। उत्तराधिकारी ढूढने के उद्देश्य से अन्य चार महीनों में पहले से ही एक चयन समिति बनाई जा चुकी थी।

पुरुस्कार और उपलब्धियां

  • 2001 में, ओहियो राज्य विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन से सम्मानित
  • 2004 में, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी द्वारा डॉक्टर ऑफ टेक्नोलॉजी की उपाधि से सम्मानित
  • 2005 में, वारविक विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस से सम्मानित
  • 2006 में, उत्तरदायी पूंजीवाद के लिए पहला पत्रिका पुरुस्कार
  • 2006 में, कार्नेल विश्वविद्यालय द्वारा आर्थिक शिक्षा में 26वें रॉबर्ट एस. हैटफील्ड फेलो के पुरुस्कार से सम्मानित किया गया
  • 2007 में, अंतरराष्ट्रीय शांति के लिए कार्नेगी एंडामेंट के द्वारा परोपकार कार्नेगी पदक
  • 2008 में, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, खड़गपुर द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस से सम्मानित
  • 2008 में, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ लॉ से सम्मानित
  • 2008 में नैसकाम ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड्स में ‘ग्लोबल इंडियन अवार्ड’ के प्राप्तकर्ता
  • 2009 में, ब्रिटिश साम्राज्य के आदेश पर रतन टाटा को शूरवीर सेनापति (नाइट कमांडर) के रुप मे एक शूरवीर (नाइट) की उपाधि दी गई थी।
  • 2010 में, वर्ष के बिजनेस लीडर का एशियाई पुरुस्कार
  • 2010 में, पेपरडिन विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ़ लॉ से सम्मानित
  • 2010 में, येल विश्वविद्यालय द्वारा लिजेंड इन लीडरशिप पुरुस्कार
  • 2012 में, न्यू साउथ वेल्स विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि से सम्मानित
  • 2012 में, जापान की सरकार द्वारा ग्रैंड कॉर्डन ऑफ द ऑर्डर ऑफ द राइजिंग से सम्मानित
  • 2013 में, भारत नेतृत्व सम्मेलन द्वारा भारतीय मामलों में दशक के परिवर्तनकारी नेता के रुप में सम्मानित
  • 2013 में, अर्नस्ट और यंग द्वारा अर्नस्ट एंड यंग एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर लाइफटाइम अचीवमेंट
  • 2013 में, कार्नेगी मेलॉन विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ईन बिजनेस प्रैक्टिस से सम्मानित
  • 2013 में, एम्स्टर्डम विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टरेट की उपाधि से सम्मानित
  • 2014 में, सिंगापुर प्रबंधन विश्वविद्यालय द्वारा डॉक्टर ऑफ बिजनेस की उपाधि से सम्मानित
  • 2014 में, बड़ौदा प्रबंधन संस्था द्वारा सायाजी रत्न पुरुस्कार
  • 2014 में, ब्रिटिश साम्राज्य के सबसे उत्कृष्ट आदेश ( जीबीई ) से संयुक्त राज्य सरकार द्वारा नाइट ग्रैंड क्रॉस से सम्मानित
  • 2014 में, यॉर्क विश्वविद्यालय, कनाडा द्वारा डॉक्टर ऑफ लॉ की उपाधि से सम्मानित
  • 2015 में, क्लेम्सन यूनिवर्सिटी द्वारा डॉक्टर ऑफ ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग की उपाधि से सम्मानित
  • 2015 में, ऑनरिस कौसा एचईसी पेरिस की बड़ौदा प्रबंधन संस्था द्वारा सायाजी रत्न पुरुस्कार से सम्मानित
  • 2016 में फ्रांस की सरकार द्वारा सेना के सेनाअध्यक्ष का सम्मान

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