कौन क्या है ।

व्यालार रवि की जीवनी

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व्यालार रवि का जन्म 4 जून 1937 को हुआ था। वह भारतीय राजनीतिज्ञ और वर्तमान में भारतीय मामलों के केंद्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री और राज्यसभा के सदस्य हैं। उन्होंने अखिल भारतीय कांग्रेस पार्टी (एआईसीसी) के महासचिव और केरल प्रदेश से कांग्रेस पार्टी (केपीसीसी) के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है। उन्होंने कानून में स्नातक और स्नातकोत्तर किया है।

व्यालार रवि का जन्म केरल में हुआ था। उनके पिता श्री एम. के. कृष्णन एक अनुभवी स्वतंत्रता सेनानी और सामाजिक कार्यकर्ता थे। उनकी माँ श्रीमती देवकी कृष्णन केरल कांग्रेस पार्टी की नेता और केरल राज्य की महिला कांग्रेस की अध्यक्ष थीं। वर्ष 1969 में व्यालार रवि ने दया के साथ शादी की और उनकी दो बेटियाँ और एक बेटा है। गुर्दे की विफलता (किडनी फेल) के कारण सितंबर 2009 में उनकी पत्नी की मृत्यु हो गई थी।

व्यालार रवि ने 1960 के दशक के शुरुआती दौर में केरल छात्र संघ (केएसयू), जो केरल में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के छात्रों की शाखा है, के संस्थापक अध्यक्ष के रूप में अपने राजनैतिक जीवन की शुरुआत की थी।

वर्ष 1969 के कांग्रेस विभाजन ने उन्हें ‘यंग तुर्क’ के रूप में एक प्रसिद्ध व्यक्ति बना दिया था। वर्ष 1971 में, वह तिरुवनंतपुरम जिले के चिरैयींकिल से 5वीं लोकसभा के लिए चुने गए थे। वर्ष 1977 में वह फिर से 6वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए और वर्ष 1979 तक कार्यभार संभाला।

वर्ष 1982 में व्यालार रवि केरल विधान सभा के लिए निर्वाचित हुए थे और मुख्यमंत्री के साथ असहमति के कारण उस पद से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 1986 तक उन्होंने केरल के गृह मंत्री के रूप में कार्य किया। वर्ष 1987 में वह केरल विधान सभा के लिए फिर से निर्वाचित हुए और वर्ष 1991 तक जनता की सेवा की। वह राज्यसभा के लिए दो बार, एक बार जुलाई 1994 में और दूसरी बार अप्रैल 2003 में चुने गए।

व्यालार रवि ने 30 जनवरी 2006 को विदेशी मामलों के केन्द्रीय मंत्रिमंडल में मंत्री बने और वर्ष 2009 में वह पुन: कांग्रेस के मंत्रिमंडल में मंत्री के रूप में पेश हुए तथा प्रवासी भारतीय मामलों के पद को बरकरार रखा। 19 जनवरी 2011 को उन्हें नागरिक मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई थी।

व्यालार रवि ने 21 अगस्त 2012 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री के रूप में कार्यभार ग्रहण किया। उन्होंने जिम्मेदारी लेते हुए देश के विकास में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के महत्व पर ध्यान केंद्रित किया।

व्यालार रवि द्वारा संभाले गए पदः

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