कौन क्या है ।

भारत के प्रसिद्ध वेट-लिफ्टिंग खिलाड़ी

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वेटलिफ्टिंग, यह एक बहुत ही लोकप्रिय खेल है जो कि आमतौर पर यह भार उठाने के रूप में जाना जाता है, इसमें, प्रतियोगी लोहे से बनी भारी सलाखों को भार स्वरूप उठाने की कोशिश करते हैं जिन्हें ‘बारबेल’ कहा जाता है। वेटलिफ्टिंग, में अधिक शक्ति (ताकत) और कुशलता (तकनीक) की आवश्यकता होती है। शक्ति और कुशलता को दो भाग “भार को बल पूर्वक पकड़ना” और “उचित ढंग से व झटके से उठाने” में वर्गीकृत किया जा सकता है। वर्ष 1972 के ओलंपिक तक वेटलिफ्टिंग एक अलग ढंग से की जाती थी,उस समय वेट लिफ्टिंग “क्लीन एंड प्रेस या सिम्पली प्रेस” के आधार पर की जाती थी,लेकिन उचित निर्णय देने में परेशानी होने के कारण यह प्रक्रिया समाप्त कर दी गई थी।

भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ का मुख्यालय नई दिल्ली में है। यह भारतीय ओलंपिक संघ (दिल्ली) और एशियाई वेटलिफ्टिंग संघ (तेहरान) का सदस्य है और अंतर्राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग संघ (बुडापेस्ट) का भी सदस्य है। भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ के वर्तमान महासचिव बलबीर सिंह हैं।

अंतर्राष्ट्रीय वेटलिफ्टिंग संघ ने भारतीय वेटलिफ्टिंग संघ पर एक वर्ष के लिए सभी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग लेने वाले खिलाड़ियों पर प्रतिबंध लगा दिया, क्योंकि तीन भारतीय महिला वेटलिफ्टिंग खिलाड़ी- एस सुनैना, सानमचा चानू और प्रतिमा कुमारी, जिन पर एक ही साल में कई बार अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में डोपिंग करने के आरोप लगाए गए थे।

भारतीय वेटलिफ्टिंग और उनकी कुछ महत्वपूर्ण उपलब्धियाँ है, जो कि निम्न प्रकार वर्णित हैं।

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