दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जो वहाँ के शिक्षा मंत्री भी हैं, उन्होंने मंगलवार 18 जुलाई 2017 को अम्बेडकर विश्वविद्यालय सहित दिल्ली के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में शैक्षणिक सत्र 2017-18 से छात्रों के लिए योग्यता के आधार पर छात्रवृत्ति योजना की घोषणा कर दी। 6 लाख रूपये तक वार्षिक आय वाले परिवार के छात्रों को फीस पर 25-30% की छूट मिलेगी और बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सूची में आने वाले परिवार के छात्रों को फीस पर 100% छूट मिलेगी। वास्तव में, यह उन जरूरतमंद छात्रों के लिए बहुत राहत भरा फैसला होगा, जो वित्तीय बाधाओं के कारण उच्च शिक्षा नही ले पाते हैं। वास्तव में, गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार के लगभग 20,000-25,000 छात्र-छात्राओं को इस योजना से लाभ होगा। आप (आम आदमी पार्टी) सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि सरकार ने शैक्षिक वर्ष 2017-18 के प्रयोजन के लिए 10 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। निम्नलिखित राजकीय संस्थान जरूरतमंद मेधावी छात्रों की आर्थिक सहायता करके, इस योजना का विस्तार करेंगे –
- जीजीएस इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय
- दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
- इन्द्रप्रस्थ सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान
- अम्बेडकर विश्वविद्यालय
- महिलाओं के लिए इंदिरा गाँधी दिल्ली प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय
- दिल्ली औषधि विज्ञान और अनुसंधान विश्वविद्यालय
- नेताजी सुभाष इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एनएसआईटी) को भी इस योजना के तहत शामिल किया जाएगा, जब संस्था एक राजकीय विश्वविद्यालय बन जाएगी।
योजना जरूरतमंद छात्रों के लिए छूट निम्नलिखित नियमों के अनुसार लागू होगी –
- राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कार्ड धारक परिवार के छात्रों को फीस पर 100 प्रतिशत की छूट दी जाएगी।
- प्रति वर्ष 2.5 लाख तक की आय वाले परिवार के छात्रों को 50 प्रतिशत फीस की छूट दी जाएगी।
- 5 लाख से अधिक पर 6 लाख से कम वार्षिक आय वाले परिवार के छात्रों को फीस पर 25% छूट प्राप्त होगी।
- इस योजना का लाभ उठाने के लिए छात्र को न्यूनतम 60% अंक अर्जित करना अनिवार्य होगा।
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति को अंको पर 5% की छूट मिलेगी।
- वर्तमान में, यह योजना स्नातक पाठ्यक्रमों के लिए लागू है।
- प्रत्येक वर्ष छात्रवृत्ति का लाभ उठाने के लिए, छात्रों को हर बार अच्छे अंक लाने होंगे और हर बार नवीनीकरण करवाना होगा।
- योग्य छात्रों को पाठ्यक्रम के लिए आवश्यक पुस्तकों और अन्य सामग्री के लिए 5,000 रुपये की अतिरिक्त राशि भी प्रदान की जाएगी।
दिल्ली सरकार, दिल्ली के 1029 सरकारी स्कूलों में कक्षा X (10), XI (11) और XII (12) के करीब 4 लाख छात्रों की मदद करने की प्रक्रिया में भी है, ताकि वे उच्चतर शिक्षा प्राप्त करने के लिए पर्याप्त अंक प्राप्त कर सकें। दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निम्नलिखित सुविधाओं की घोषणा की है –
- संबंधित स्कूलों में शैक्षिक और व्यावसायिक मार्गदर्शन (ईवीजीसी) के लिए, एक-एक परामर्शदाता उपलब्ध कराया जायेगा।
- डीओई के ईवीजीसी ब्यूरो में 480 काउंसलर होंगे और प्रत्येक को छात्रों की मदद करने के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा।
- छात्रों को एक मनोचिकित्सा कैरियर मूल्यांकन परीक्षा को पास करना होगा।
- दिल्ली सरकार ने भारत का सबसे बड़ा करियर परामर्श और मार्गदर्शन प्रोजेक्ट लॉन्च किया है जो यूएन डेवलपमेंट प्रोग्राम (यूएनडीपी), भारत और सेंट्रल वर्ग फाउंडेशन के समर्थन के साथ (आईडीसी) .com द्वारा लागू किया जाएगा।
- छात्रों के लिए व्यक्तिगत कैरियर के मार्गदर्शन के लिए एक ऑनलाइन डैशबोर्ड उपलब्ध कराया जायेगा। यह डैशबोर्ड छात्रों को 500 से अधिक कैरियर और 350 से अधिक प्रवेश परीक्षाओं से सम्बन्धित जानकारी प्रदान कराएगा।
- यह पोर्टल अंग्रेजी भाषा के साथ-साथ हिंदी भाषा में भी उपलब्ध होगा।
- ईवीजीसी के सलाहकार ऑनलाइन डैशबोर्ड के माध्यम से छात्रों की रिपोर्ट प्राप्त करेंगे। इससे परामर्शदाता को अभिगम कैरियर के बारे में जानकारी प्राप्त करने में मदद मिलेगी और उनके मैप किए गए स्कूल के छात्र के साथ बातचीत करने के लिए उन्हें सहायता मिलेगी।