जन्म और मृत्यु की वर्षगांठ पर कोई अवकाश नहीं
25 अप्रैल 2017 को उत्तर प्रदेश (यूपी) सरकार ने 15 सार्वजनिक छुट्टियों को दूर करने का फैसला किया है जिन्हें कुछ प्रसिद्ध व्यक्तियों के जन्म और मृत्यु की वर्षगांठ के रूप में चिह्नित किया गया है। अवकाश के स्थान पर विद्यार्थियों को संबंधित व्यक्ति की महानता पर शिक्षण दिया जाएगा। यह एक राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में तय किया गया था जिसका नेतृत्व मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ ने किया था। मंत्री श्रीकांत शर्मा नें बैठक के बाद मीडिया को बताया कि इस संबंध में कई कार्यक्रम किए जाएंगे।
इन छुट्टियों को खत्म कर दिया गया हैः
दिनाँक | महत्व |
24 जनवरी | कार्पूरी ठाकुर जयंती |
29 मार्च | चेती चंद |
05 अप्रैल | महर्षि कश्यप और महाराज गुहा जयंती |
14 अप्रैल | हजरत ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती अजमेरी उर्स |
17 अप्रैल | चन्द्रशेखर जयंती |
28 अप्रैल | परशुराम जयंती |
09 मई | महाराणा प्रताप जयंती |
23 जून | जमात-उल-अलविदा (रमजान का अंतिम शुक्रवार) |
17 सितंबर | विश्वकर्मा पूजा |
21 सितंबर | महाराजा अग्रसेन जयंती |
05 अक्तूबर | महर्षि वाल्मीकि जयंती |
26 अक्तूबर | छठ पूजा |
31 अक्तूबर | सरदार वल्लभ भाई पटेल और आचार्य नरेन्द्र देव जयंती |
02 दिसंबर | ईद-ए-मिलादुल्नबी |
23 दिसंबर | चौधरी चरण सिंह जयंती |
दिल्ली नें भी अपनाया नियम
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों से प्रभावित होकर दिल्ली इस ओर बढ़ चुकी है और कई प्रतिष्ठित व्यक्तियों के जन्म और मृत्यु की वर्षगांठ पर छुट्टियां रद्द कर दी हैं। यह घोषणा 28 अप्रैल को की गई थी। दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्विटर पर कहा कि आम आदमी पार्टी (एएपी) की अध्यक्षता वाली राज्य सरकार हमेशा दूसरे राज्यों द्वारा उठाए गए अच्छे कदमों से सीखने को तैयार थी। उन्होंने अपने ट्वीट में इस संबंध में मुख्य सचिव एमएम कुट्टी को भी निर्देश दिए। उक्त अधिकारी को लिखित संदेश में, सिसोदिया ने उनसे सरकारी कार्यालयों और स्कूलों के कैलेंडरों में छुट्टियाँ निर्धारित करने के लिए कहा है, जिन्हें दूर किया जा सकता है।
अधिक जानकारी
7 दिसंबर 2016 को जारी एक अधिसूचना में, दिल्ली सरकार ने 13 जन्म और मृत्यु की वर्षगांठ की छुट्टियों को 2017 की छुट्टियों के रूप में चिह्नित किया था। इनमें से छः राजपत्रित छुट्टियों और अन्य को प्रतिबंधित किया जाना है। राजपत्रित अवकाशों पर सरकारी कार्यालय बंद रहते हैं। जहाँ तक प्रतिबंधित छुट्टियों का संबंध है, सरकारी अधिकारियों की ऊपरी सीमा दो छुट्टियों की तय कर दी गई है। संयोग से, आम आदमी पार्टी ने मोहल्ला क्लीनिक जैसी कुछ अन्य सराहनीय पहल भी की हैं, जिससे स्थानीय क्षेत्रों में मुफ्त स्वास्थ्य सेवा प्रदान की जा रही है।
अच्छाई और बुराई
इस की बुराई से शुरुआत करते हुए यह कहा जा सकता है कि यह सरकारी कार्यालयों के क्रमचारियों के साथ-साथ सरकारी स्कूलों के शिक्षकों को निश्चित रूप से असंतुष्ट करेगा कि वे एक हल्के कार्यक्रम के लिए कैसे उपयोग किए गए थे । यद्यपि अच्छाइयाँ बुराइयों से ज्यादा महत्वपूर्ण हैं। शुरुआत के लिए, कार्य संस्कृति- कई लोगों के लिए सरकारी प्रतिष्ठानों के साथ समस्या का एक बड़ा क्षेत्र, सुधार करने के लिए बाध्य है। कम छुट्टियों के बावजूद, वे अभी भी निजी क्षेत्र के पेशेवरों की तुलना में एक हल्का कार्यक्रम तैयार करेंगे। जहाँ तक छात्रों का सवाल है, उनका जीवन निश्चित रूप से इन शिक्षाओं से समृद्ध होगा जो वे प्रश्न में महान व्यक्तियों के जीवन से सीखते हैं। शीघ्र ही, समय पर, वे उपर्युक्त गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दिखाए गए मार्ग का अनुकरण करने में सक्षम होंगे और हमारा देश इसके लिए और अमीर होगा।