आज हम हमारे सपनों में पश्चिमी भारत की यात्रा करते हैं और दाल बाटी, जो राजस्थान का प्रसिद्ध और सबसे अधिक प्रचलित व्यंजनों में से एक है, इसको बनाना सीखते हैं। हालाँकि, दाल बाटी के व्यंजन को बनाने के लिए विभिन्न दालों का उपयोग किया जाता है और इस व्यंजन में पांच प्रकार की दाल को मिलाकर बनाने की आम परंपरा है, इसे सख्त आटे की गेंद के आकार की बनी बाटी में गर्म देशी घी डालकर परोसा जाता है और इसका स्वाद इतना लाजबाव होता है कि उसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है। तो चलिए दाल बाटी बनाने के लिए इस रेसिपी को देखें और किसी भी दिन बनाकर अपने परिवार या दोस्तों के साथ इसका आनंद उठाएं।
आवश्यक सामग्री (4 व्यक्तियों के लिए)
दाल के लिए
- दाल – 2 और 1/2 कप (मैंने इसमें काली उरद, हरी मूंग, गुलाबी मसूर और पीले चने के बराबर मिश्रण का इस्तेमाल किया है)
- नमक – स्वादानुसार
- हल्दी पाउडर – 1 चम्मच
तड़के के लिए
- देशी घी – 1 बड़ा चम्मच
- हींग – 1 चम्मच
- लहसुन – 4/5 जवे (छोटे टुकड़ों में कटे हुए)
- हरी मिर्च – 1 (छोटे टुकड़ों में कटी हुई)
- समूची सूखी लाल मिर्च – 3 से 4
- सजाने के लिए धनिया की ताजी पत्तियाँ
बाटी के लिए
- गेहूँ का आटा – 2 कप
- अजवाइन – 1 चम्मच
- नमक – स्वादानुसार
- देशी घी – 1 कप
बनाने की विधि-
दाल के लिए
- प्रेशर कुकर में थोड़ा अधिक मात्रा में पानी के साथ सारी दालें डाल दें।
- नमक और हल्दी पाउडर डालें।
- प्रेशर कुकर की 1 सीटी आने के बाद आँच को कम करें।
- 2 सीटी आने तक पकाएं और दाल को ठंडा होने दें।
तड़के के लिए
- एक पैन में तड़के के लिए देशी घी गर्म करें।
- लहसुन डालें और तब तक भूनें, जब तक सुनहरा भूरा न होने लगें।
- सूखी लाल मिर्च और हरी मिर्च डालें, तब तक भूनें जब तक पूरी तरह से सुनहरे भूरे रंग की न हो जाए।
- हींग डालें और जब यह चिटकने लगें, तो तड़के को दाल में डाल दें।
- ताजी धनिया पत्तियों के साथ सजाएं।
बाटी के लिए
- गेहूँ के आटे में नमक, 1/2 कप घी और अजवाइन को मिलाकर, सख्त आटा गूथ लें (आवश्यकतानुसार पानी का उपयोग करें)। लगभग एक घंटे के लिए एक तरफ रखें।
- आटे से नींबू के आकार की लोईयां बनाएं।
- ओवन को पहले 200 सेल्शियस तक गर्म करें।
- गेहूँ के आटे से बनी गेंदों (लोइयों) को तब तक सेंके, जब तक बाटी हल्के सुनहरे भूरे रंग की न हो जाएं।
- एक पैन (बर्तन) में बचा हुआ घी गर्म करें और घी में बाटी डुबोएं।
- दाल बाटी परोसें।