एक “9 से 5” की नौकरी करने वाला व्यक्ति जो आमतौर पर हर दिन 6 बजे कार्यालय छोड़ देता है।
उसकी गर्दन में इतनी देर से बंधी हुई टाई उसे दिन के अन्त तक एक फंदे की तरह महसूस होने लगती है।
तो आप अपने बारे में बताएं कि यह कैसे होना चाहिए।लेकिन, क्या ऐसा वास्तव में है?
कार्यालय में प्रवेश करने से पहले ही हम एक लंबे दिन के बारे में सोचकर डरने लगते हैं। 2017 टाइम्स ऑफ इंडिया सर्वेक्षण में यह पता चला है कि 5 में से 3 कर्मचारी अपनी नौकरी से नाखुश हैं। आश्चर्यजनक रूप से, इनमें ऐसे कई लोग शामिल हैं जो बताते हैं कि वे शुरुआत से ही अपनी पसंद के नौकरी कर रहे हैं। समाज के रूप में हम क्या गलत कर रहे हैं? अधिकांश लोग दुखी क्यों हैंऔर यहाँ तक की कभी-कभी लोग परेशान होकर अपनी नौकरी से नफरत करने लगते हैं,हम इन सब चीजों को कैसे बदल सकते हैं?
एक अव्यवस्थित कार्य जीवन शैली
कार्यालय के कर्मचारी,विशेष रूप से डेस्क नौकरियों वाले लोग शिकायत करते हैं कि वे अपने करियर की ओर से संतुष्ट नहीं हैं। हर दिन एक ही केबिन, उसी निश्चित घंटों में दुनिया और वातावरण और लाचारी में घूमते हैं। जबकि वे शुरुआत में नौकरी का भरपूर आनंद लेते हैं, समय के साथ आंनद खत्म होने लगता है।
कर्मचारी की एक अन्य समस्या यह है कि उनको व्यक्तिगत और व्यावसायिक जीवन के बीच सामंजस्य बनाए रखना पड़ता है। ऐसा प्रतीत होता है जैसे कि दोनों में से किसी को भी बिना नुकसान के बनाए रखा नहीं जा सकता है। कर्मचारी या तो ‘परिवार के साथ रात के भोजन को त्याग देता हैया फिर’ऑफिस के तय समय सीमा पर कार्य नहीं’ दे पाता है। संतुलन कहाँ है जहाँ हमें इसे व्यवस्थित करने की जरूरत है?
यहाँ,हम कुछ युक्ति और तरकीब को सूचीबद्ध कर रहे हैं जिनका उपयोग आप अपनी वर्किंग लाइफ में बहुत आवश्यक मजेदार और संतुलन को बनाने के लिए कर सकते हैं।
बदलाव का दृष्टिकोण
जब कोई भी नौकरी “धूप और बारिश” की तरह नहीं हैऔर कुछ दिन सुस्त महसूस करने के लिए बाध्य हैं, अभी भी हमारा दृष्टिकोण नौकरी को व्यवस्थित कर सकता है या अव्यवस्थित सकता है।आप अपने काम और करियर को लेकर अधिक सकारात्मक (यथार्थवादी रूप से) हैं, तो व्यक्तिगत और व्यावसायिक विकास की संभावना श्रेष्ठतर है।यदि आप अपने आप को नौकरी की वजह से बर्बाद और फंसा हुआ सोचते हैं, तो अंत में आप कैसे निकल पाएंगे।इसलिए, इस बंधन को तोड़ना जरूरी हो जाता है।सुस्त विचारों को अपने मस्तिष्क के अंदर स्थायी रूप से घुसपैठ न करने दे।यथा संभवअपने आप को सकारात्मक रखें,जितना संभव हो उतने अवसरों का लाभ उठाएं।
अपने समय को अच्छी तरह से व्यवस्थित करने का तरीका जानें
कार्यालयों में लोग फुरसत से अपने समय का एक बड़ा हिस्सा बातें करने में बिता देते है और फिर जब ऑफिस का समय समाप्त होने लगता है तो उन्हें काम पूरा करने की चिंता होने लगती है। यदि आप अपने पूरे दिन की योजना बुद्धिमानी से बनाते हैं तो आप उस चिंतित स्थिति से बच सकते हैं, साथ ही आप अधिक काम भी कर सकते हैं।जैसा कि सुनने में अच्छा लग रहा है उतना आसान नहीं है, लेकिन हाँ अगर आप अपने योजनाओं के अनुरूप कार्य करने लगे तो परिणाम बहुत ही अच्छे मिल सकते हैं।
“न” कहने की कला
अक्सर ऐसा होता है कि बस एक केबिन की लाइट जल रही होती है और ऑफिस के बाकी कर्मचारी अपने पसंदीदा शो देखने या शाम की खबरें सुनने के लिए घर वापस जा चुके होते हैं लेकिन क्या वो आप है जो देर तक कार्य करते हैं।कुछ दिनों में अवश्य ही आपको यह एहसास होगा कि अन्य लोगों के साथ ऐसा नहीं हो रहा है।तो सुनिश्चित करें कि आप कैसे स्वयं को व्यर्थ के कार्य करने से बचाएंगे तथा सीखें कि कैसे “न” बोले।लेकिन सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि स्मार्ट तरीके से “हाँ” कैसे कहें।
सुस्पष्टता और छोटी मीटिंग्स
कार्यालय की मीटिंग्स अक्सर घंटों और देर रात तक चल सकती हैं, जिससे सभी शामिल कर्मचारी निढाल हो जाते हैं।जबकि ये महत्वपूर्ण और समान रूप से आवश्यक हैं। फिर भी आप जितना संभव हो उतनी कुशलता से मीटिंग जल्दी समाप्त करें। इसमें दो विकल्प हैं- या तो आप घुमा फिरा कर बोल सकते हैं या फिर सीधे मुद्दे की बातकर सकते हैं।सुस्पष्टता और मीटिंग्स छोटी (कम समय वाली ) मीटिंग्स, इसके लिए बेहतर परिणाम है।
अपने कार्यालय के कार्य को घर न लाएं
जब लोग अपनी नौकरी के बारे में शिकायत करते हैं, तो वे आम तौर पर अपनी नौकरी ही नहीं बल्कि तनाव के बारे में भी शिकायत करते हैं। ऐसा कहा जाता है कि कार्यालय के कार्यों का बोझ के कारण व्यक्ति अपने स्वस्थ व्यक्तिगत जीवन के लिए बहुत कम समय दे पाता है।हालांकि, समस्या यह है कि लोग अपने पेशेवर और व्यक्तिगत जीवन को अलग नहीं कर पाते हैं। शायद ही कभी कोई स्पष्ट सीमा निर्धारित की हो, जिसके परिणामस्वरूप आपने सभी कार्य समय पर पूरा कर लिया हो।इसका समाधान यह है कि आप अपने कार्यालय को अपने घर में न लाएं, अर्थात कार्य को वहीं पूरा करें जहाँ का वह हो।हाँ,कभी-कभी परिस्थिति आपको अपने घर पर कार्य की मांग कर सकती है,लेकिन याद रखें, यह ब्लू मून की तरह ही साल में एक या दो बार ही होना चाहिए।यदि आप कार्य-संबंधी समस्या का समाधान आज नहीं कर सकते हैं, तो आप जानते हैं कि कल हमेशा होता है।
तनाव को दूर भगाना
अध्ययनों से पता चलता है कि जब भी आप किसी भी चीज जो आपको प्रसन्न करती है, से संतुष्ट होते हैं तो तनाव धीरे-धीरे कम होने लगता है। यह कार्य आपका एक शौक भी हो सकता है, जैसे कुछ लोगों को संगीत, कभी-कभी पुस्तक पढ़ना यहां तक कि कुछ लोगों के लिए एक डरावनी फिल्म देखना का शौक होता है।यह आपके करीबी लोगों के साथ समय बिताने के लिए आसान तरीका हो सकता है। यह आप के अन्दर शांति और सुरक्षा की भावना लाता है, तो सुनिश्चित करें और इसके लिए कुछ समय निकालें।
तनाव को प्रभावी ढंग से दूर करने के लिए नियमित व्यायाम और ध्यान करना बताया जाता है।हालांकि आपकी दिनचर्या व्यस्त हो सकती है। सुनिश्चित करें कि आप अपने स्वास्थ्य के लिए हर दिन कुछ समय निकालें।
आपको पेशेवर और व्यक्तिगत दोनों की देखभाल करनी है।स्वयं को लगातार अनुस्मारक के साथऔर अपने अव्यवस्थित दिनों की जाँच करती रहे।वास्तव में ऐसा करने से आप स्वयं को एक बेहतर और सुखी जिंदगी में पा सकते हो जहाँ ऑफिस का काम इतना घृणास्पद प्रतीत नहीं लगेगा।
याद रखें,”जीवन सही नहीं है, लेकिन इसके प्रति हमारे दृष्टिकोण से यह सही हो सकता है।