दुनिया भर में विश्व रंगमंच दिवस (वर्ल्ड थिएटर डे) 27 मार्च को मनाया जाता है, जैसा कि यह दिन विश्व की नामी हस्तियों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय विश्व रंगमंच दिवस के रूप में संदेश का प्रसार करने के उद्देश्य से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष विश्व थिएटर दिवस के संदेश को जनता के बीच प्रसारित करने के लिए इंटरनेशनल थियेटर इंस्टीट्यूट, 90 से अधिक देशों में अपने समस्त संस्थानों के साथ रंगमंच से संबंधित अनेक संस्थाओं और समूहों द्वारा इस दिन को विशेष दिवस के रूप में आयोजित करता है।
1961 में, इंटरनेशनल थियेटर इंस्टीट्यूट ने विश्व रंगमंच दिवस के लिए 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस के रूप में कलाकारों को सम्मान देने और उनके कला प्रदर्शन का प्रोत्साहन करने के लिए, विश्व रंगमंच दिवस की शुरुआत की। रंगमंच (थिएटर) उपेक्षित मतों को सशक्त बनाने में सक्षम हो गए हैं और कलाकारों को उनकी भावनाओं तथा संदेशों को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने के लिए एक मंच प्रदान किया है।
दुनिया के सबसे बड़े प्रदर्शनकारी कला संगठन, इंटरनेशनल थिएटर इंस्टीट्यूट, के रूप में कई देशों में 90 से अधिक संस्थान हैं। आईटीआई की स्थापना 1948 में विभिन्न प्रदर्शनकारी कलाकारों और यूनेस्को द्वारा की गई थी, विशेष रूप से यूनेस्को लक्ष्य मार्ग के अनुसार कला प्रदर्शन की बेहतरी और सुधार के लिए समर्पित है।
प्रत्येक वर्ष विश्व रंगमंच दिवस पर अंतर्राष्ट्रीय संदेश को संबोधित करने के लिए, विशेष रूप से प्रदर्शन कला के क्षेत्र से, उल्लेखनीय व्यक्तियों को चुना जाता है। दुनिया भर में, देश के आईटीआई सदस्यों द्वारा कई कार्यक्रम और रंगमंच कार्यक्रम (थियेटर शो), कला प्रदर्शन के मूल्य और महत्व को चिह्नित करने एवं दुनिया भर में सरकार को कैसे रंगमंच समूहों को विस्तारित करना चाहिए इसे समझाने के उद्देश्य से आयोजित किए जाते हैं। प्राचीन काल से, थिएटर न केवल कलाकारों के रूप में उनकी प्रतिभा का प्रदर्शन करने बल्कि कलाकारों के लिए एक मंच तैयार करने के रूप में काम कर रहा है, थियेटर सामाजिक मुद्दों को उजागर करने के लिए एक मंच तैयार कर रहा है जो आम जनता से संबंधित है और उन्हें उनके सामने मौजूद स्थितियों के बारे में जागरूक कर रहा है। इसने समाज में मौजूद रूढ़िवादी विचारों को चुनौती दी है और कुछ ऐतिहासिक अवसरों में रंगमंच (थिएटर) समाज में सदियों पुरानी प्रचलित कट्टरपंथियों के खिलाफ आक्रोश का एक मंच दिया है।
प्रत्येक वर्ष की भाँति, भारत में, यह दिन आईटीआई इंडिया और विभिन्न रंगमंच समूहों द्वारा पूरे देश में मनाया जा रहा है। सूरत शहर विश्व रंगमंच दिवस को मनाने के लिए एक रंगमंच (थियेटर) (रंगमंच मैराथन) का आयोजन कर रहा है, यह आयोजन 27 मार्च की मध्यरात्रि से शुरू होगा और 28 मार्च की मध्यरात्रि तक समाप्त हो जाएगा। 250 से अधिक कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन करने के लिए मंच पर उपस्थित होंगें। ‘रंगहोत्र- थिएटर मैराथन’ 24 घंटों में 80 से अधिक नाटकों, और वह भी छह अलग-अलग भाषाओं हिंदी, संस्कृत, मराठी, गुजराती, अंग्रेजी और बंगाली भाषाओं, में आयोजन करेगा।
सारांश |
लेख का नाम- विश्व रंगमंच दिवस का महत्व
लेखक का नाम- वैभव चक्रवर्ती विवरण- प्रत्येक वर्ष विश्व रंगमंच दिवस 27 मार्च को कला प्रदर्शन के महत्व और उसके अर्थ को चिह्नित करने के लिए विभिन्न देशों में मनाया जाता है। |