भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण के जन्म के उपलक्ष्य में जन्माष्टमी उत्सव मनाया जाता है। पूरे भारत में इस त्यौहार को जुलाई या अगस्त के महीने में बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। जब हम छोटे थे तो बच्चों के रूप में इस त्यौहार की प्रतीक्षा किया करते थे क्योंकि यह अपने दोस्तों के साथ रहने का और भगवान कृष्ण के जीवन पर आधारित विभिन्न झांकियों को सजाने का एक बढ़िया दिन था। इसके अलावा व्रत के दौरान खाई जाने वाली विभिन्न वस्तुएं भी थीं। लम्बे समय से फलों के साथ जिन चीजों का इन्तजार था उनमें से एक थी कूटू और सिंघाड़े की पकौड़ी।
ये पकौड़ियाँ कूटू और सिंघाड़े के आटे को पानी में घोल कर गोल बनाई जाती हैं और सादे दही या हरे धनिया की चटनी के साथ इसका स्वाद बहुत बढ़िया लगता हैं। जैसा कि उपवास के दौरान नियमित नमक खाने की अनुमति नहीं होती है तो हम सेंधा नमक का उपयोग कर सकते हैं। मैं इन्हें बहुत पसंद करती हूँ और मुझे यकीन है कि जन्माष्टमी के अवसर पर मैं अपने परिवार के लिए फिर से इस तरह की पकौड़ी बना सकती हूँ। मुझे यकीन है कि आप में से बहुत से लोग इन्हें पसंद करेंगे और आप अपने लिए कुछ स्वादिष्ट कुटटू और सिंघाड़े की पकौड़ी बनाने के लिए इस नुस्खे का प्रयास कर सकते हैं। हैप्पी जन्माष्टमी!
कुटटू और सिंघाड़े की पकौड़ी बनाने के लिए सामग्री
- कुटटू का आटा – 1/2 कप
- सिंघाड़े का आटा – 1/2 कप
- उबला और कसा हुआ आलू – 1 कप
- सेंधा नमक स्वादानुसार
- हरा धनिया
- हरी मिर्च – 1 (बारीक कटी हुई)
- तलने के लिए तेल
कुटटू और सिंघाड़े की पकौड़ी कैसे बनाएं
- एक कटोरे में पानी के साथ पूरी सामग्री को अच्छी तरह से मिला कर पकौड़ी के लायक घोल तैयार कर लें।
- एक पैन में तेल को गर्म करें, जब तेल गर्म हो जाए तो उसमें छोटी- छोटी पकौड़ी टपकाएं और सुनहरा भूरा होने तक भूनें।
- रसोई के तौलिये पर एक प्लेट में इन्हें निकालकर रखें।
- गर्म-गर्म दही के साथ परोसें।