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सलमान खान के नवीनतम विवाद

सलमान खान के नवीनतम विवाद
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सलमान खान के नवीनतम विवाद

25 जुलाई 2016, को ट्विटर पर बहस गरमाई हुई थी। कई तरह के कमेंट्स और प्रश्न। उदाहरण के लिए- “अब सलमान ‘सुल्तान’ खान को ब्लैकबक शिकार केस में बरी कर दिया गया है और नरसिंह यादव डोपिंग के केस में फंस गए हैं। क्या हम खान को ओलिम्पिक भेज सकते हैं?”, “बधाई #सलमानखान, मैं पहले से जानता था कि वह आप नहीं थे बल्कि #ब्लैकबक ही कार चला रहा था। बहुत अच्छे #सुप्रीम कोर्ट।”

हां, सलमान खान को 1998 के चिंकारा शिकार से जुड़े मामलों में राजस्थान हाईकोर्ट ने बरी कर दिया है। हालांकि, ब्लैकबक के शिकार के केस में अभी मुकदमा खत्म नहीं हुआ है। सलमान खान पर ब्लैकबक और चिंकारा का शिकार करने के दो मामले दर्ज थे। यह मामले 1998 के हैं, जब सलमान साथी कलाकारों के साथ जोधपुर में “हम साथ साथ हैं” फिल्म की शूटिंग कर रहे थे।

शिकार किए हुए जानवरों के बारे में हम क्या जानते हैं?

हम केस की गहराइयों में जाएं, उससे पहले आपके लिए यह जानना जरूरी है कि जिन जंगली जानवरों की सिर्फ खेल के लिए हत्या की गई, वह क्या थे।

चिंकारा

चिंकारा या भारतीय हिरण एक लुप्तप्राय प्रजाति का हिरण है। इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अधिसूचित किया गया है। चिंकारा मूल रूप से ईरान, पाकिस्तान और भारत के जंगलों में पाए जाते हैं। एक साल में सिर्फ एक बार ही बच्चों को जन्म देते हैं और इसी वजह से उनके बढ़ने की गति बहुत धीमी हैं। तेंदुएं और बाघ जैसे जंगली जानवर चिंकारा का शिकार करते हैं। यह हिरण बहुत शर्मीले होते हैं और मनुष्यों की बसाहटों से काफी दूर रहते हैं। लेकिन दुर्भाग्य से चिंकारा को सिर्फ जंगली जानवरों का शिकार बनने का डर नहीं होता बल्कि उन शिकारियों से भी डर रहता है जो खाने के लिए नहीं बल्कि सिर्फ मौज-मस्ती के लिए शिकार करने पहुंच जाते हैं।

ब्लैकबक

ब्लैकबक एक भारतीय हिरण है और यह भारत में पाया जाता है। यह विलुप्त होती जीनस हिरणों का एक सदस्य है। ब्लैकबक का औसत जीवनकाल 10 से 15 साल होता है। वैसे तो यह सालभर बच्चे दे सकते हैं। लेकिन गर्भधारण की अवधि छह महीने की होती है और एक बार में सिर्फ एक ही बच्चा पैदा होता है। इस वजह से इनकी संख्या बढ़ाना बहुत आसान नहीं है। बहुत ज्यादा शिकार होने की वजह से बांग्लादेश में तो यह लगभग लुप्त ही हो गए हैं। अब सिर्फ भारत में ही मिलते हैं। पहले यह हिरण बड़ी तादाद में मिलते थे लेकिन अब इनकी संख्या काफी कम हो गई हैं। संरक्षित क्षेत्रों में बंटे हुए समूहों में ही दिखाई देते हैं। ब्लैकबक को भी वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत अनुसूची 1 के तहत संरक्षित प्राणी घोषित कर रखा है।

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972

वन्यजीव संरक्षण अधिनियम में पशुओं, पक्षियों और पौधों के संरक्षण के प्रावधान हैं और इसका दायरा जम्मू-कश्मीर छोड़कर पूरा देश है। जम्मू-कश्मीर का अपना वन्यजीव संरक्षण कानून है। कानूनन, अनुसूची 1 में शामिल जानवरों यानी चिंकारा और ब्लैकबक का शिकार करने पर न्यूनतम तीन साल का कारावास हो सकता है, जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है। इसके साथ ही अधिकतम 10 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।

सलमान खान के खिलाफ केस

सलमान खान पर भावद गांव में 26-27 सितंबर, 1998 को दो चिंकारा और मथानिया में 28-29 सितंबर 1998 को एक चिंकारा का शिकार करने का आरोप था। केस इस तरह आगे बढ़ाः

  • सलमान खान के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण कानून की धारा 51 के तहत दो अलग-अलग केस दर्ज हुए थे
  • मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने 2006 में उन्हें एक मामले में एक और दूसरे में पांच साल की सजा सुनाई थी। साथ ही 25 हजार रुपए का जुर्माना भी किया था।
  • सत्र न्यायालय ने सलमान खान की फैसले के खिलाफ दाखिल अपील ठुकरा दी थी।
  • फिर सलमान खान ने मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के फैसले को राजस्थान हाईकोर्ट में क्रमिनल रिविजन पिटीशन के जरिए कर दिया।
  • हाईकोर्ट ने पाया कि हरीश दुरानी, अपराध का कथित प्रत्यक्षदर्शी, बचाव पक्ष के वकील के सामने प्रति-परीक्षण के लिए उपस्थित ही नहीं हुआ। यह प्रत्यक्षदर्शी की भूमिका पर ही सवाल उठाता है।
  • हाईकोर्ट ने यह भी पाया कि सलमान खान ने जिस वाहन का इस्तेमाल किया था, उसमें मिले छर्रे उनके रूम में मिले छर्रों से मेल नहीं खाती।
  • पशु का शव या कंकाल भी बरामद नहीं हुआ। उसका पोस्टमार्टम भी नहीं हो सका।

ऊपर बताए गए आकलन के आधार पर, हाईकोर्ट ने सोमवार को सलमान को उन पर लगे सभी आरोपों से बरी कर दिया।

बचाव पक्ष के वकील हस्तीमल सारस्वत ने बार-बार दोहराया कि सलमान खान निर्दोष है और उन्हें न्याय मिला है। राज्य के कानून मंत्री राजेंद्र राठौर कहते रहे कि राज्य सरकार हाईकोर्ट के फैसले का अध्ययन करेगी। उसके बाद ही तय किया जाएगा कि हाईकोर्ट की डबल बेंच या सुप्रीम कोर्ट में अपील करनी चाहिए या नहीं।

सलमान खान के खिलाफ कांकणी गांव में एक लुप्तप्राय ब्लैकबक के शिकार और अवैध हथियारों को अपने पास रखने का एक मामला अभी भी लंबित है।

सवाल और संदेह

सलमान को संदेह का लाभ मिला, लेकिन उनके बरी होने के बाद भी कई सवालों का जवाब अब तक नहीं मिल सका हैः

  • प्रत्यक्षदर्शी हरीश दुरानी कहां है? वह प्रति-परीक्षण यानी क्रॉस एग्जामिनेशन के लिए पेश क्यों नहीं हुआ?
  • पशु का शव क्यों नहीं मिला? जब तक वह नहीं मिलता पोस्टमार्टम भी नहीं हो सकता था।
  • क्या पुलिस और वन विभाग ने सलमान खान को अपराधी ठहराने वाले महत्वपूर्ण सबूतों को खराब कर दिया?
  • क्या चश्मदीद गवाह हरीश दुरानी ने जान-बूझकर अपने बयान बदले या वह दबाव में आ गए?

सलमान खान 2002 में हिट-एंड-रन केस को लेकर खबरों में आए थे। पिछले साल उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट ने उस मामले में भी बरी कर दिया था। सुप्रीम कोर्ट खान को बरी करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई कर रहा है। भारत में, जब तक आरोप साबित नहीं हो जाता, तब तक उसे बेगुनाह माना जाता है। ऐसा लगता है कि रईस और नामचीन लोग बिना किसी अपराध बोध के अपराध करके बच जाते हैं।

ट्विटर पर युवाओं की प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई। यहां उनमें से कुछ दे रहे हैं-

#सलमानखान भारत में टेक्नोलॉजी डेवलपमेंट के सच्चे एम्बेसडर हैं। बिना ड्राइवर की कारें, खुद चलने वाली बंदूकें!!!

हिरण को किसी ने नहीं मारा। फुटपाथ पर सो रहे लोगों को भी किसी ने नहीं मारा। वह सिर्फ गायब हो गए हैं। #सलमानवर्डिक्ट #सलमानखान

भारत दुनिया का इकलौता ऐसा देश है, जहां आतंकियों को स्वतंत्रता संग्राम सेनानी और दोषी अभिनेताओं को भगवान माना जाता है…!!! #सलमानखान

—  विजि आत्रेय

Categories: Government India
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