बुधिया सिंह बोर्न टू रन फिल्म समीक्षा और रेटिंग
रिलीज की तारीखः 5 अगस्त 2016
कलाकारः मनोज बाजपेयी, मयूर पटोले, तिलोत्तमा शोमे, श्रुति मराठे, छाया कदम, गोपाल सिंह और प्रसाद पंडित
निर्देशकः सौमेंद्र पाधी
निर्माताः वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स और कोड रेड फिल्म्स
कहानीः सौमेंद्र पथी
संगीतः सिद्धांत माथुर और इशान छाबड़ा
अवधिः एक घंटा 52 मिनट
जेनरः बायोग्राफी, ड्रामा, स्पोर्ट्स
सेंटर रेटिंगः यू
फिल्म बुधिया सिंहः बोर्न टू रन के बारे में…
यह एक चमत्कारी बच्चे बुधिया सिंह की कहानी है। जैसा कि टाइटल में बताया गया है, यह कहानी एक पांच साल के लड़के बुधिया के ईर्द-गिर्द घूमती है, जो 48 मैराथन में भाग ले चुका है। फिल्म में मनोज बाजपेयी (बिरंची दास) ने बुधिया के कोच की भूमिका निभाई है। बुधिया की भूमिका स्क्रीन पर मयूर पटोले ने निभाई है। पहले इस फिल्म का नाम ‘दूरंतो’ रखा गया था, लेकिन बाद में टाइटल बदल दिया गया। इस फिल्म ने 2016 की सर्वश्रेष्ठ बाल फिल्म का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार भी हासिल किया। बुधिया सिंहः बोर्न टू विन, फिल्म में दरअसल एक पांच साल के बच्चे बुधिया और उसके कोच के आपसी संबंधों को ही बड़े परदे पर उतारा गया है।
कथानक
बुधिया सिंहः बोर्न टू रन, एक बायोपिक है। बुधिया सिंह नाम के दुनिया के सबसे सबसे छोटे मैराथन धावक की जीवनी (जिसकी भूमिका मयूर पटोले ने निभाई है)। यह फिल्म इस वंडर किड की प्रतिभा को पहचानने और उसे निखारने में उसके कोच बिरंची दास (फिल्म में मनोज बाजपेयी का किरदार) की कोशिशों को दिखाती है, जिसकी बदौलत बुधिया की प्रतिभा दुनिया के सामने आ सकी। यह कहानी शुरू होती है भुबनेश्वर में स्थित पुरी की पृष्ठभूमि से। वहां महज 650 रुपए के लिए एक गरीब मां ने अपने बच्चे बुधिया को किसी स्थानीय व्यापारी को बेच रही है। उसके बाद सामाजिक कार्यकर्ता बिरंची दास दृश्य में आता है और बुधिया को बचा लेता है। वह उसकी मां को इस बात के लिए राजी कर लेता है कि जब तक उसे नौकरी नहीं मिल जाती तब तक बुधिया की देखरेख वह करेगा। बाद में बिरंची दास को अहसास होता है कि बुधिया एक चमत्कारिक बच्चा है, जो कई मीलों तक बिना थकान के दौड़ सकता है। वह विश्व रिकॉर्ड को ध्यान में रखकर उसे दौड़ाना और प्रैक्टिस कराना शुरू कर देता है।
विश्व रिकॉर्ड के लिए बुधिया को ट्रेनिंग देते वक्त कोच बिरंची दास उसके परिवार की अनदेखी करता है। इसके बाद बिरंची दास और बुधिया सिंह पर बाल कल्याण बोर्ड की कमेटी के सदस्यों के आरोप लगते हैं। बुधिया सिंह और उसके करियर का क्या होता है। क्या कोच बिरंची दास बुधिया के जरिए ओलिम्पिक पदक जीतने के ख्वाब को पूरा कर पाता है, यह फिल्म का मुख्य कथानक है।
प्रदर्शन
राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता मनोज बाजपेयी ने बिरंची दास के तौर पर अपने किरदार को बेहतरीन अंदाज में निभाया है। उन्होंने हर दृश्य में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। बुधिया सिंह के कोच के तौर पर उन्होंने फिल्म को गहराई भी दी है।
मयूर पटोले ने फिल्म के शीर्षक को निभाया है। पूरी फिल्म में उन्होंने खुद को साबित किया है और कई लोगों के दिलों को जीतने में कामयाबी भी पाई है।
बुधिया की मां की भूमिका में तिलोत्तमा शोमे के डायलॉग्स सीमित हैं, लेकिन उन्होंने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है। उसके बाद छाया कदम की बारी आती है, जिन्होंने ओडिशा की बाल कल्याण समिति की
प्रमुख के किरदार के साथ पूरी तरह न्याय किया है।
बुधिया सिंहः बोर्न टू रन- संगीत
बुधिया सिंहः बोर्न टू विन फिल्म का एलबम शुरू होता है बोर्न टू रन एंथम से। जिसे युवा प्रतिभा सिद्धार्थ महादेवन और अरशान खान ने बखूबी गाया है। प्रशांत इंगोले ने गाने को बोल दिए हैं और यह गाना पूरी तरह से प्रेरणादायी है। गाने के दौरान बुधिया और उसके कोच के टचिंग मूमेंट्स को फिल्माया गया है।
“सुनापुआ थू दौड दौड” भी एक और प्रेरणादायक गाना है, जिसे रितुराज मोहंती ने गाया है।
इसके बाद आता है “उड़ी जा” जिसे के मोहन ने गाया है। बैकग्राउंड पर दिखाए जाने वाले दृश्यों से पूरी तरह मेल खाता है।
“भीड़” एक इमोशनल गाना है, जिसमें दुनियाभर के लिए रनिंग सेंसेशन बनने की दौड़ में बुधिया सिंह के सामने आई चुनौतियों को विस्तार से बताया गया है।
फिल्म का आखिरी गाना “उत्कल जननी (एंथम)” है, जो निश्चित तौर पर दर्शकों के जहन में लंबे समय के लिए दर्ज होने वाला है।
फिल्म के गानों का विवरणः
1.“बोर्न टू रन (एंथम”
गायकः अरहान खान और सिद्धार्थ महादेवन
अवधिः 03:43
2. “सुनापुआ थू दौड़ दौड़”
गायकः रितुराज मोहंती
अवधिः 03:09
3. “उड़ी जा”
गायकः के. मोहन
अवधिः 04:40
4. “भीड़”
गायकः सिद्धांत माथुर
अवधिः 03:42
5. “उत्कल जननी (एंथम)”
गायकः चिंतन कालरा, आशना और नानकी
अवधिः 04:19
अच्छा क्या है?
बुधिया के कोच के तौर पर मनोज बाजपेयी का प्रदर्शन असाधारण की श्रेणी में आता है। पहला हाफ बहुत ज्यादा रोचक बन पड़ा है। इसमें बुधिया और उसके कोच के बीच बनते रिश्ते को दिखाया गया है। जो दर्शकों को बांधे रखता है। मयूर की डायलॉग डिलीवरी भी बहुत अच्छी है।
खराब क्या है?
यह फिल्म बॉलीवुड की अन्य खेलकूद से जुड़ी फिल्मों जैसी ही है। कुछ दृश्यों को देखकर चिढ़ होती है। दूसरे हाफ में कुछ दृश्य ज्यादा ही मेलोड्रामिक नजर आते हैं।
फैसला
इस सबके बावजूद बुधिया सिंह की कहानी सुनना और सुनाना बनता है। बुधिया सिंहः बोर्न टू विन, में यह काम बखूबी किया गया है। फिल्म का कथानक बेहद सामान्य है। किसी भी और चीज के मुकाबले यह फिल्म के कलाकारों के प्रदर्शन पर आगे बढ़ता है।
बुधिया सिंहः बोर्न टू रन
रेटिंगः ***
—- माधवी रैना
ढिशुम फिल्म समीक्षा
29 जुलाई 2016
लेखक रेटिंगः NA
ढिशुम फिल्म समीक्षा और रेटिंग
रिलीज की तारीखः 29 जुलाई 2016
कलाकारः जॉन अब्राहम, वरुण धवन, जैकलीन फर्नांडीज और अक्षय खन्ना
निर्देशकः रोहित धवन
निर्माताः साजिद नाड़ियादवाला और सुनील ए. लुल्ला
कहानीः रोहित धवन
संगीतः प्रीतम
अवधिः 2 घंटे 4 मिनट
जेनरः एक्शन, एडवेंचर और कॉमेडी
सेंटर रेटिंगः यू/ए
फिल्म ढिशुम के बारे में
एक एक्शन एडवेंचर फिल्म के तौर पर यह 2015 की मलयालम फिल्म “मुंबई पुलिस” का रीमेक है। ढिशुम मध्य पूर्व पर आधारित है और पुलिस के कारनामों की कहानी है। अरब सागर के दोनों ओर के दो पुलिस अधिकारी टीम बनाकर 36 घंटे तक भारत के शीर्ष बल्लेबाज की खोज करते हैं, जो मध्य पूर्व में गायब हो गया है।
ढिशुम एक एक्शन-पैक्ड फिल्म है। इसमें कई सारे स्टंट शामिल हैं। पहला स्टंट तो अपने आप में पहला है। ढिशुम ही निश्चित तौर पर बाइक लवर्स को पसंद आएगी। एड्रेनलाइन जंकीज को तो यह खूब अच्छी लगेगी। वरुण धवन, जॉन अब्राहम और जैकलीन फर्नांडीज ने मुख्य भूमिका निभाई है। अक्षय खन्ना को एंटागोनिस्ट का रोल करते हुए आप देख सकते हैं। यह एक एक्शन-पैक चेज ड्रामा है। कॉमेडी सेंस भी फिल्म में अच्छी तरह इस्तेमाल किया गया है।
प्लॉट
ढिशुम की कहानी विराज, भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज के ईर्द-गिर्द घूमती है। वह भारत-पाकिस्तान के बीच होने वाले फाइनल मैच से पहले गायब हो गया है। कबीर शेरगिल (जॉन अब्राहम) और जुनैद अंसारी (वरुण धवन) मिलकर उसे ढूंढने में लग जाते हैं। स्पेशल टास्क फोर्स टीम का नेतृत्व करते हुए हैं और विराज (साकिब सलीम) को ढूंढने निकल पड़ते हैं। उसे राहुल वाघा (अक्षय खन्ना) ने किडनैप कर रखा है।
अभिनय
इस तेज गति से दौड़ती फिल्म में इसका स्क्रीनप्ले और कुछ छोटे-छोटे किरदार खास बन गए हैं। जैसे कि अक्षय कुमार, नरगिस फाखरी और विजय राज। वरुण धवन जब भी स्क्रीन पर होते हैं, कोई भी पल को बोझिल नहीं होने देते। एक सच्चे एंटरटेनर के तौर पर आगे बढ़ते हैं। एक्शन सीक्वेंस की कोरियोग्राफी और फिल्मांकन भी खूब अच्छा बन पड़ा है। पश्चिम एशिया के खूबसूरत लोग बैकड्रॉप में बहुत अच्छे नजर आते हैं। फिल्म का प्लॉट पानी की तरह पतला है। मूल स्वरूप की कमी है और कुछ हद तक चिढ़चिढ़ा भी बनाता है। जॉन अब्राहम (कबीर), वरुण धवन (जुनैद) और जैकलीन फर्नांडीज (इशिका) ने कुछ बेहतरीन पलों को स्क्रीन पर उतारा है। कई दृश्यों में रोमांच कायम रहता है, लेकिन कुछ में नहीं। आगे की कहानी आप बयां करने लगते हैं। यह जिप-जैप-जूम में नाकाम रही है।
ढिशुम संगीत
फिल्म में कुछ गाने ऐसे हैं, जो निश्चित तौर पर डांस फ्लोर पर राज करेंगे। संगीतप्रेमियों की ओर से फिल्म के एलबम को बहुत अच्छा रेस्पांस मिला है। पहला ट्रैक “सौ तरह के” एक कैची नंबर है और जोनिता गांधी और अमित मिश्रा की आवाज में और अच्छा बन पड़ा है। यह गाना दो वर्जन में है। दूसरा वर्जन अभिजीत सावंत और अदिति सिंह शर्मा ने गाया है। यह गाना डिस्कोथैक्स में तत्काल हिट होने वाला है।
इसके बाद “तो ढिशुम” गाना है, जो एक पंजाबी गाना है। इसे रफ्तार और शाहिद माल्या ने गाया है। ‘देसी बॉयज’ से ‘तो ढिशुम’ मिलता-जुलता गाना है। यह गाना लंबे वक्त तक श्रोताओं के ध्यान में रहने वाला है।
इसके बाद परिणिति चोपड़ा और वरुण धवन का एक आइटम सांग है, जो काफी चर्चित है। इस ट्रैक में वैसे तो कुछ भी नया नहीं है। “सौ तरह के”, इस गाने में दो अलग-अलग वर्जन है। दूसरा वर्जन अंतरा मित्रा और नाकाश अजीज ने गाया है। दोनों ही ट्रैक्स आपको नाचने को मजबूर कर देंगे। किशोरों में खास तौर पर काफी लोकप्रिय भी है।
इसके बाद आता है “इश्का”, जिसकी कम्पोजिशन औसत है। इस पर अंग्रेजी गानों का असर साफ नजर आता है। निराश करने वाले बोल और बोरियत भरा संगीत है। यह गाना सुनने वालों के साथ कनेक्ट करने में नाकाम रहता है।
आखिरकार ढिशुम में भी लोकप्रिय देसी बॉयज सॉन्ग है- “सुबह होने ना दे”, जिसे रिमिक्स वर्जन में दिया है। ओरिजिनल ट्रैक के गायकों को इस गाने में शामिल किया गया है। लेकिन ईडीएम बीट्स के बीच मेरा मानना है कि ओरिजिनल “सुबह होने ना दे” इससे तो बहुत अच्छा है।
फिल्म में शामिल गानों का विस्तृत विवरण
1. “सौ तरह के”
गायकः जोनिता गांधी और अमित मिश्रा
अवधिः 03:58
2. “तो ढिशुम”
गायकः रफ्तार और शाहिद माल्या
अवधिः 04:02
3. “जानेमन आह (वर्जन 1)”
गायकः अमन त्रिखा और अंतरा मित्रा
अवधिः 03:50
4. “सौ तरह के रिविजिटेड”
गायकः अभिजीत सावंत और अदिति सिंह शर्मा
अवधिः 03:59
5. “जानेमन आह (वर्जन 2)”
गायकः नाकाश अजीज और अंतरा मित्रा
अवधिः 02:47
6. “इश्का”
गायकः अभिजीत सावंत और अंतरा मित्रा
अवधिः 02:47
7. “सुबह होने ना दे (रिमिक्स)”
गायकः मीका सिंह और शेफाली अल्वारेस
अवधिः 04:59
क्या अच्छा है?
फिल्म का स्क्रीनप्ले, 1970 के दशक की खूबसूरती को साथ लिए है। फिल्म का बैकग्राउंड स्कोर भी मजेदार बन पड़ा है। साथ ही अक्षय कुमार ने ऐसा अवतार लिया है, जैसा इससे पहले कभी नहीं लिया। स्वैगर और स्टाइलिश। सरप्राइज पैकेज है अक्षय खन्ना की वापसी। खलनायक जो पैसे के लिए कुछ भी कर सकता है।
क्या खराब है?
फिल्म का लेखन बेहद ढीला-ढाला है। एक्शन भी बहुत अच्छे नहीं कहे जा सकते। यदि फिल्म में कुछ पैरों को थिरकने वाले गाने न होते और सितारों के छोटे-छोटे किरदार न होते – इसे अक्षय कुमार का शो-स्टॉपिंग स्पेशल अपीयरेंस पढ़े- फिल्म में कोई चमकदार पल नहीं होते।
फैसलाः
यह फिल्म बहुत ज्यादा प्रभावित नहीं करती। ऐसे में 124 मिनट की अवधि ही एक अच्छा पहलू है। यदि बहुत जरूरी हो तो ही फिल्म देखें!
ढिशुम रेटिंग ***
—अमन
मदारी फिल्म समीक्षा
22 जुलाई 2016
समीक्षक रेटिंग ***
मदारी फिल्म समीक्षा और रेटिंग
रिलीज की तारीखः 22 जुलाई 2016
कलाकारः इरफान खान, जिमी शेरगिल, विशेष बंसल, तुषार दलवी, नितेश पांडेय और साधिल कपूर
निर्देशकः निशिकांत कामत
निर्माताः इरफान खान, शैलेष सिंह, मदन पालीवाल, सुतापा सिकदर और शैलजा केजरीवाल
कहानीः शैलजा केजरीवाल
संगीतकारः विशाल भारद्वाज, सनी-इंदर बावरा
अवधिः 2 घंटा 14 मिनट
शैलीः साहसिक, अपराध, ड्रामा
सेंसर रेटिंगः यू/ए
फिल्म मदारी के बारे में…
निशिकांत कामत के निर्देशन में यह तीसरी फिल्म है। इससे पहले उन्होंने दृश्यम और रॉकी हैंडसम जैसी फिल्मों का निर्देशन किया है। मदारी मूल रूप से मुंबई के मेट्रो ब्रिज के ढहने पर आधारित है। आपको याद ही होगा कि मुंबई के उपनगर मारोल में 2012 में मेट्रो ब्रिज ढह गया था। एक व्यक्ति निर्मल इस मानवनिर्मित आपदा में अपना सबकुछ गंवा देता है। वह इस जनसंहार के लिए जवाबदेही से जुड़े जवाब तलाशता है और इस सफर के दौरान वह खतरनाक रास्ते पर आगे बढ़ते हुए बदला लेने की रणनीति बनाता है। निर्मल का किरदार स्क्रीन पर सुपर टेलेंटेड इरफान खान ने निभाया है। मदारी एक भावनाओं की कहानी है, जिसे रोमांचक अंदाज में पेश किया गया है।
कहानी
मदारी भ्रष्टाचार के खिलाफ आम आदमी के जुझारूपन का बेहतरीन प्रस्तुतीकरण है। नायक, अ वेडनस्डे और रंग दे बसंती की तर्ज पर मदारी भी एक संदेश देती है। फिल्म में, इरफान खान (निर्मल कुमार के किरदार में) गृह मंत्री प्रशांत गोस्वामी (जिस किरदार को तुषार दलवी ने स्क्रीन पर उतारा है) के इकलौते बेटे रोहन गोस्वामी (किरदार को विशेष बंसल ने निभाया है) का अपहरण कर लेता है। रोहन के अपहरण से पूरी तरह हिल चुका प्रशांत नचिकेत वर्मा (यानी जिमी शेरगिल) को अपने बेटे को वापस लाने की जिम्मेदारी सौंपता है। प्रशांत गोस्वामी को उम्मीद रहती है कि बेटे के बदले में अपहर्ता पैसा मांगेगा, लेकिन जब निर्मल कुमार अपनी फिरौती के तौर पर अजीब मांग उसके सामने रखता है तो वह स्तब्द रह जाता है। निर्मल की यह असामान्य मांग क्या थी? क्या निर्मल अपने पास रोहन को सुरक्षित रख पाया? क्या प्रशांत अपने बेटे को वापस ला सका? इन सभी सवालों के जवाब आपको सिर्फ मदारी फिल्म ही दे सकती है।
अभिनय
जब फिल्म में इरफान खान है तो अदाकारी पर सवाल उठाना नामुमकिन-सा हो जाता है। उनकी बेहतरीन अदाकारी को सलाम। उन्होंने एक दुर्घटना में खो चुके अपने बेटे के गुस्से को बखूबी स्क्रीन पर उतारा है। उनका दर्द सजीव, वास्तविक लगता है। सीधे-सीधे दर्शकों के दिल को छू जाता है। उनकी आंखों में हजारों भावनाएं प्रवाहित होती हैं जो सामने वाले तक जस की तस पहुंचती है।
गृह मंत्री प्रशांत गोस्वामी के तौर पर तुषार दलवी ने कोशिश खूब की लेकिन जरूरत के मुताबिक अपना प्रदर्शन दे नहीं पाए। ऐसा लगा ही नहीं कि वह हकीकत में गृह मंत्री हैं जो अपने इकलौते बेटे के लिए परेशान है। इसके मुकाबले में कड़क पुलिस वाले नचिकेत वर्मा की भूमिका में जिमी शेरगिल ने बहुत अच्छा काम किया है। बाल अभिनेता विशेष बंसल ने रोहन गोस्वामी के तौर पर बेहतरीन प्रदर्शन किया है। ऐसा लगा ही नहीं कि कैमरा सामने होने पर उसने किसी तरह से उनके प्रदर्शन को प्रभावित किया हो। अन्य सहयोगी कलाकारों ने भी अपनी-अपनी भूमिकाओं के साथ बखूबी न्याय किया है।
मदारी का संगीत
निशिकांत कामत की पिछली फिल्मों दृश्यम में चार और रॉकी हैंडसम में पांच गाने थे। लेकिन अब की बार उन्होंने मदारी का एलबम सिर्फ दो गानों में समेट दिया है। दोनों ही गानों को बोल इरशाद कामिल ने दिए हैं और संगीत अलग-अलग संगीतकारों ने।
फिल्म का पहला गाना “दम दमा दम” एक व्यंग्यात्मक गाना है। जिसे विशाल दादलानी ने गाया है और संगीत दिया है फिल्म इंडस्ट्री के एक और विशाल यानी विशाल भारद्वाज ने। गाने की धुन मदारी की थीम से पूरी तरह मेल खाती है। असल मायनों में यह एक जबरदस्त और मजेदार गीत है, जो लंबे वक्त तक लोगों के दिमाग में रहेगा।
मदारी फिल्म का दूसरा गाना “मासूम सा” को हमेशा की तरह ऊर्जावान रहने वाले सुखविंदर सिंह ने गाया है। इसे आप बार-बार सुनना चाहेंगे। इस गीत का संगीत सनी-इंदर बावरा ने दिया है। इससे पहले रॉकी हैंडसम फिल्म में “रहनुमा” गीत को संगीत देकर दोनों ने खूब वाहवाही बटोरी थी। गाने की शुरुआत काफी निचली-पिच पर गुनगुनाहट के साथ होती है। यह गाना फिल्म के सीन को गंभीरता देता है और गहराई भी। एक भावुक गीत होने की वजह से “मासूम सा” का संगीत भी दिल को छू जाता है। निश्चित तौर पर यह इस साल के श्रेष्ठ उदासीभरे गीतों में क होगा।
फिल्म में शामिल गीतों से जुड़ी जानकारी
1. “दम दमा दम”
गायकः विशाल दादलानी
अवधिः 04:19 मिनट
2. “मासूम सा”
गायकः सुखविंदर सिंह
अवधिः 06:23 मिनट
क्या अच्छा है?
मुख्य अभिनेता का बेहतरीन प्रदर्शन ही फिल्म की यूएसपी है। झकझोरने वाले डायलॉग और बैकग्राउंड म्युजिक फिल्म को भावनात्मक दृश्यों के साथ मेल खाता है।
क्या खराब है?
निर्देशक निशिकांत कामत ने एक साथ दो प्लॉट्स पर काम करने की कोशिश की है, जो बहुत प्रभावित नहीं कर पाया। फिल्म के कुछ दृश्यों को बेवजह खींचा गया है जो दर्शकों को बीच-बीच में विचलित कर देते हैं।
फैसला
यदि आप इरफान खान के प्रशंसक हैं तो मदारी जरूर देखें। फिल्म की ईमानदार कोशिश आपको अंत तक कुर्सी पर चिपकाकर रखेगी।
मदारी रेटिंग ***
कबाली फिल्म समीक्षा
लेखक रेटिंग ****
कबाली फिल्म समीक्षा और रेटिंग
रिलीज की तारीखः 22 जुलाई 2016
कलाकारः रजनीकांत, राधिका आपटे और विंस्टन चाओ
निर्देशनः पा. रंजीत
निर्माताः कलईपुलि एस. थानु
कहानीः पा. रंजीत
संगीतः संतोष नारायणन
अवधिः 2 घंटे 33 मिनट
शैलीः एक्शन, अपराध, ड्रामा
सेंसर रेटिंगः यू
फिल्म कबाली के बारे में…
फिल्म उद्योग में अपने 40 साल पूरे करने के बाद तमिल सुपरस्टार अपनी नई फिल्म “कबाली” के साथ एक बार फिर लौटे हैं। रजनीकांत के दुनियाभर में फैले प्रशंसक फिल्मोद्योग में उनके 40 साल को हरसंभव तरीके से सेलिब्रेट कर रहे हैं। ट्विटर पर यह टॉपिक #40ईयर्सऑफरजनीकांत नाम से ट्रेंड कर रहा है। यह देखना दिलचस्प रहेगा कि कबाली का प्रदर्शन बॉक्स ऑफिस पर कैसा रहता है। फिल्म में, रजनीकांत ने बड़े दिल वाले गैंगस्टर की भूमिका निभाई है, जो लंबी अवधि तक जेल में रहने के बाद बाहर निकला है। वह एक परोपकारी है और मलेशिया में तमिल श्रमिकों को दबाने की कोशिशों के खिलाफ लड़ता है। इंडोनेशिया में यह फिल्म 300 से ज्यादा स्क्रीन पर रिलीज हुई है। फिल्म के ज्यादातर दृश्य मलेशिया में फिल्माए गए हैं।
कहानी
माफिया डॉन की सच्ची कहानी पर आधारित, कबाली फिल्म में टॉलीवुड सुपरस्टार रजनीकांत माफिया डॉन कबालेश्वरम की भूमिका में हैं। यह फिल्म गुलामी के काल तक पीछे ले जाती है, जब ब्रिटिश शासकों ने मलेशिया की रबर फैक्टरी में काम करने के लिए तमिलों को वहां भेज दिया था। अन्य तमिलों की ही तरह कबालेश्वरम और उनका परिवार भी इस फैक्टरी में काम करने के लिए मलेशिया शिफ्ट हुआ था। यहीं से कबालेश्वरम माफिया डॉन बनकर ब्रिटिशर्स से तमिलों को बचाने के अपने मिशन को शुरू करता है। नेल्सन मंडेला की ही तरह, कबालेश्वरम भी रंगभेद का विरोध करने की कोशिश में जेल जाता है और बाहर आकर सामान्य जीवन जीने लगता है। जिन हालात में कबाली को गैंगस्टर बनना पड़ता है, वह ही इस फिल्म का मुख्य हिस्सा है। मलेशिया में तमिलों/दलितों का नेता होने के नाते, कबाली ऐसे-ऐसे काम करता है कि आपके रौंगटे खड़े हो जाएंगे।
प्रदर्शन
कबाली की भूमिका में रजनीकांत का प्रदर्शन असाधारण है। कबाली की स्टाइलिश एंट्री देखना तो बनता है। रजनीकांत उर्फ कबाली एक पावरहाउस है, जिन्होंने फिल्म के सभी गानों और डांस सीक्वेंस के साथ पूरा न्याय किया है। बेहतरीन मेकअप ने रजनी की उम्र आधी कर दी है। आपको लगेगा ही नहीं कि स्क्रीन पर जो शख्स है, उसने किसी तरह का मेकअप किया है।
इसके बाद बारी आती है राधिका आपटे की। वह कबाली की पत्नी की भूमिका में है। कुमुदवल्ली नाम के किरदार को उन्होंने बखूबी निभाया है। रजनीकांत और राधिका की उम्र में बड़ा फासला होने के बाद भी, राधिका ने अपनी भूमिका में यह बात कहीं भी झलकने नहीं दी। टिपिकल तमिल वेट्टी पोन्नु, राधिका सभी दृश्यों में कमाल की दिखी हैं।
अंत में, विंस्टन चाओ यानी चीनी डॉन टोनी ली। उन्होंने एक ड्रग और वैश्वालय माफिया के तौर पर काम किया है। उन्होंने भी अपने स्तर पर बहुत अच्छा काम किया है। बेहतरीन डायलॉग्स ने उनके चरित्र को शुरू से आकर्षक बना दिया है।
कबाली संगीत
कबाली का म्युजिक एलबम “उलगम ओरुवनुक्का” से शुरू होता है, जो एक तमिल गीत है और एक मसीहा (कबाला, फिल्म में) का महिमामंडन करता है। जो पिछड़ों, वंचितों को ऊपर उठाने के लिए काम करते हैं। बहुत ही सरल संगीत के साथ इस गाने में कुछ रैप भी शामिल किया गया है।
इसके बाद अगला गीत है “माया नदी”, जिसमें स्पैनिश टैंगो गिटार मिक्स किया है। गीत को अनंतु, प्रदीप कुमार और श्वेता मोहन ने गाया है। रोमांटिक ट्रैक के तौर पर “माया नदी” की काव्यात्मक सुंदरता को तमिल शब्दों में बखूबी शामिल किया गया है। फिर बात आती है “वीरा थरुंधरा”, जिसमें बीते जमाने की धुनों को बेहतरीन तरीके से मिलाया गाय है। गैंगस्टर रैप भी इसमें आप सुनेंगे। फंकी इलेक्ट्रो एलिमेंट्स इस गीत को फ्यूजन के लायक बनाता है।
इसके बाद आता है “वानम पार्थेन”, जो बहुत सुकूनदायक गीत है। रोमांटिक गाना है जो प्यार के चले जाने से पैदा होने वाले डिप्रेशन को जताता है। बेहतरीन म्युजिकल एलिमेंट्स से सज्जित, यह गीत उन लोगों को बहुत अच्छा लगेगा जिन्होंने अपने प्रियजन से बिछड़ने का दर्द सहा है। आखिर में, कबाली का आखिरी गीत “नेरुप्पा दा” एक पावर पैक गाना है। रजनी के सभी इनग्रेडिएंट्स इसमें आपको मिल जाएंगे। इसके बोल भी इतने सहज है। ज्यादातर शब्दों का इस्तेमाल तमिल रोजमर्रा में करते हैं। इस गाने की खासियत है रजनीकांत की ‘ईश्वर’ जैसी छवि। लार्जर देन लाइफ की छवि।
फिल्म के गीतों से जुड़ी जानकारीः
1. “उलगम ओरुवनुक्का”
गायकः अनंतु, संतोष नारायणन, गाना बाला और रोशन जैमरॉक
अवधिः 04:02
2. “माया नदी”
गायकः अनंतु, प्रदीप कुमार और श्वेता मेनन
अवधिः 04:35
3. “वीरा थरुंधारा”
गायकः गाना बाला, लॉरेंस आर, प्रदीप कुमार और रोशन जैमरॉक
अवधिः 03:17
4. “वानम पार्थेन”
गायकः प्रदीप कुमार
अवधिः 04:52
5. “नेरुप्पु दा”
गायकः अरुणराजा कामराज और रजनीकांत
अवधिः 03:38
क्या अच्छा है?
सुपरस्टार रजनीकांत की चमत्कृत करने वाली मौजूदगी कबाली फिल्म की मुख्य ताकत है। बेहतरीन संगीत, डायलॉग्स और परफेक्ट सिनेमेटोग्राफी ने फिल्म की क्वालिटी और सुधार दी है। जिस तरह युवा डायरेक्टर पा. राजेश ने कहानी और भावनाओं को संभाला है, वह उनकी पीठ थपथपाने के लिए काफी है।
क्या खराब है?
फिल्म की लंबाई उसका साथ नहीं देती। बड़ी कहानी में साथ-साथ चल रही छोटी-छोटी कहानियों की जटिलताओं ने दर्शकों के लिए उसे समझना थोड़ा मुश्किल बना दिया है। खासकर कई सारे चरित्रों को साथ लेकर कहानी बुनने की तकनीक को समझना इतना आसान नहीं है।
फैसला
यदि आप थलाइवा, रजनीकांत को पसंद करते हैं तो पहले ही ब्लॉकबस्टर हो चुकी इस फिल्म को देखना तो बनता है। यदि आप भावनात्मक फिल्में पसंद करते हैं तो इस फिल्म को जरूर देखिए। आपको यह फिल्म बहुत पसंद आने वाली है।
कबाली रेटिंग ****
— माधवी रैना
2016 आने वाली फिल्मे
Release Date in 2016 | Movie | Genre | Director | Cast |
---|---|---|---|---|
23 December | Dangal | Biopic | Nitesh Tiwari | Aamir Khan, Sakshi Tanwar, Fatima Sana Shaikh, Sanya Malhotra, Rajkummar Rao |
9 December | Befikre | Romance | Aditya Chopra | Ranveer Singh, Vaani Kapoor |
2 December | Wajah Tum Ho | Romance/Drama | Vishal Pandya | Sana Khan, Sharman Joshi, Gurmeet Choudhary |
25 November | Kahaani 2 | Thriller | Sujoy Ghosh | Vidya Balan, Arjun Rampal |
18 November | Tum Bin 2 | Romance | Anubhav Sinha | Neha Sharma, Aditya Seal, Aashim Gulati |
11 November | Rock On!! 2 | Drama | Sujaat Saudagar | Farhan Akhtar, Arjun Rampal, Purab Kohli, Shraddha Kapoor, Prachi Desai, Shashank Arora, Shahana Goswami |
28 October | Shivaay | Action/Drama | Ajay Devgn | Ajay Devgn, Sayesha Saigal, Erika Kaar, Ali Kazmi, Jabbz Farooqi, Vir Das, Bijou Thaangjam |
28 October | Ae Dil Hai Mushkil | Drama/Romance | Karan Johar | Ranbir Kapoor, Aishwarya Rai Bachchan, Anushka Sharma, Fawad Khan, Imran Abbas, Lisa Haydon |
7 October | Mirzya | Romance | Rakeysh Omprakash Mehra | Harshvardhan Kapoor, Saiyami Kher, Om Puri, Art Malik, K.K. Raina |
30 September | M.S. Dhoni : The Untold Story | Sports/Biopic | Neeraj Pandey | Sushant Singh Rajput, Anupam Kher, Herry Tangri, Kiara Advani |
23 September | Manmarziyan | Romance | Sameer Sharma | Ayushmann Khurrana, Bhumi Pednekar |
23 September | Banjo | Drama | Ravi Jadhav | Riteish Deshmukh, Nargis Fakhri |
23 September | Akira | Action/Drama | A. R. Murugadoss | Sonakshi Sinha, Konkona Sen Sharma, Urmila Mahanta, Mithun Chakraborty |
16 September | Pink | Drama | Aniruddha Roy Chowdhury | Amitabh Bachchan, Taapsee Pannu, Kirti Kulhari, Andrea Tariang |
9 September | Baar Baar Dekho | Romance/Drama | Nitya Mehra | Sidharth Malhotra, Katrina Kaif, Ram Kapoor, Annu Kapoor |
25 August | A Flying Jatt | Action | Remo D’Souza | Tiger Shroff, Jacqueline Fernandez, Salman Yusuff Khan, Shraddha Kapoor |
19 August | Happy Bhag Jayegi | Comedy | Mudassar Aziz | Abhay Deol, Diana Penty, Momal Sheikh, Ali Fazal, Jimmy Shergill |
19 August | San’ 75(Pachattar) | Thriller | Navneet Behal | Kay Kay Menon, Kirti Kalahari, Pravesh Rana, Tom Alter |
12 August | Rustom | Romance/Thriller | Tinu Suresh Desai | Akshay Kumar, Illeana D’Cruz, Esha Gupta |
12 August | Mohenjo Daro | Drama | Ashutosh Gowariker | Hrithik Roshan, Pooja Hegde, Kabir Bedi, Arunoday Singh |
5 August | Fever | Thriller | Rajeev Jhaveri | Rajeev Khandelwal, Gauahar Khan, Gemma Atkinson, Victor Banerjee, Caterina Murino, Ankita Makwana |
29 July | Nonsense | Comedy | Sangeeth Sivan | Sharman Joshi, Vir Das, Zarine Khan |
29 July | Dishoom | Action | Rohit Dhawan | John Abraham, Varun Dhawan, Jacqueline Fernandez, Saqib Saleem, Ram Kapoor, Nargis Fakhri, Akshaye Khanna |
22 July | Ishq Click | Romantic | Anil Ballani | Sara Loren, Adhyayan Suman, Sanskkriti Jain |
22 July | Kabali | Crime/Drama | Pa. Ranjith | Rajinikanth, Winston Chao, Radhika Apte |
22 July | Madaari | Drama | Nishikant Kamat | Irrfan Khan, Jimmy Sheirgill |
15 July | Great Grand Masti | Comedy | Indra Kumar | Vivek Oberoi, Riteish Deshmukh, Aftab Shivdasani, Sonal Chauhan, Sana Khan, Mishti |
6 July | Sultan | Sports/Drama | Ali Abbas Zafar | Salman Khan, Anushka Sharma, Randeep Hooda, Amit Sadh |
1 July | Shorgul | Political/Drama | Pranav Kumar Singh, Jitendra Tiwari | Jimmy Shergill,Suha Gezen,Ashutosh Rana,Narendra Jha |
24 June | A Scandall | erotic | Ishaan Shrivedi | Manav Kaul, Tanvi Vyas |
24 June | Junooniyat | Romance | Vivek Agnihotri | Pulkit Samrat, Yami Gautam, Gulshan Devaiah, Hrishita Bhatt |
24 June | Raman Raghav 2.0 | Crime/Thriller | Anurag Kashyap | Nawazuddin Siddiqui, Vicky Kaushal |
23 June | Dil Toh Deewana Hai | Comedy/Romance | Raja Bundela | Haider Khan, Sadha, Raj Babbar, Zeenat Aman, Sushmita Mukherjee, Alok Nath, Hemant Pandey |
17 June | Luv U Alia | Romance | Indrajit Lankesh | Bhumika Chawla, V. Ravichandran, Sudeep, Sunny Leone, Chandan Kumar, Sangeeta Chauhan |
17 June | Udta Punjab | Thriller | Abhishek Chaubey | Shahid Kapoor, Alia Bhatt, Kareena Kapoor Khan, Diljit Dosanjh |
10 June | Te3n | Thriller | Ribhu Dasgupta | Amitabh Bachchan, Vidya Balan, Nawazuddin Siddiqui |
10 June | Do Lafzon Ki Kahani | Romantic | Deepak Tijori | Randeep Hooda, Kajal Aggarwal |
10 June | Dhanak | Drama | Nagesh Kukunoor | Hetal Gadda, Krrish Chabbria, Vipin Sharma, Vibha Chibber, Vijay Maurya |
3 June | Raaz Rebooted | Horror | Vikram Bhatt | Emraan Hashmi, Kriti Kharbanda, Gaurav Arora, Rahul Verma |
3 June | Housefull 3 | Comedy | Sajid-Farhad | Akshay Kumar, Ritesh Deshmukh, Abhishek Bachchan, Jacqueline Fernandez, Nargis Fakhri, Lisa Haydon, Boman Irani |