उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में दैनिक आवागमन को और अधिक सुविधाजनक और मनोरंजक बनाने के लिए लखनऊ मेट्रो का शुभारंभ किया गया है। बहु-प्रत्याशित लखनऊ मेट्रो का परिचालन कल (5 सितंबर 2017 को) शुरू हो गया है; हालांकि, जनता के लिए इसकी सेवाएं 6 सितंबर से प्रारंभ होंगी। कल भारत के गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में मेट्रो का उद्घाटन किया और उन्होंने राज्य के अन्य शहरों में ऐसी ही मेट्रो सेवाएं प्रारंभ करने का वादा किया है। शहर के लोग बहुत खुश हैं और उन्होंने परिवहन के इस नये माध्यम से पहली बार यात्रा करने के लिए टिकट बुकिंग शुरू कर दी है। रिपोर्ट के अनुसार अब तक 2,200 मेट्रो गो स्मार्ट कार्ड की बिक्री हो चुकी हैं।
मार्ग की लंबाई और स्टेशनों की संख्या
लखनऊ मेट्रो, भारत सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार का एक संयुक्त उपक्रम है और यह तीन वर्षों से कुछ अधिक समय में पूरा हुआ है। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने दिसंबर 2016 में लखनऊ मेट्रो की योजना को हरी झंडी दी थी और 6 सितंबर को लाइन 1 (मार्ग सं0- 1) के आंशिक रूप से प्रारंभ होने की गवाही दी। मार्ग सं0- 1 के एक भाग की शुरूआत हो गयी है जो 8.5 किमी लंबा है और इसमें आठ स्टेशन शामिल हैं। लाइन 1 ट्रांसपोर्ट नगर से होते हुए कृष्णा नगर, सिंगार नगर, आलमबाग, आलमबाग बस स्टेशन, मवैया, दुर्गापुरी और अंततः चरबाग आदि स्टेशनों से गुजरती है।
मेट्रो किराया
लाइन 1 में कुल 22 स्टेशन हैं जबकि अभी केवल आठ स्टेशन सार्वजनिक रूप से खोले गए हैं। एक स्टेशन तक जाने का किराया 10 रुपये है और दो स्टेशन तक जाने का किराया 15 रुपये है। अगर आप तीन से छ: स्टेशनों के बीच का सफर करते हैं तो आपको 20 रुपये देने होंगे। आपको 7 से 9 स्टेशनों के बीच 30 रुपये, 10 से 13 स्टेशनों के लिए 40 रुपये और 14 से 17 स्टेशनों के लिए 50 रुपये किराया देना होगा। 18 अथवा उससे अधिक स्टेशनों के लिए उच्चतम किराया 60 रुपये है।
सुविधाएं
देश के अन्य शहरों में पहले से ही चल रही मेट्रो की तरह, लखनऊ मेट्रो भी कई सुविधाओं से परिपूर्ण है, जिससे लोगों की यात्रा और भी अधिक आनंददायक हो जाएगी। लखनऊ मेट्रो निःशुल्क वाई-फाई सुविधा प्रदान करता है। हालांकि, हर बार यात्रा के दौरान स्टेशन पर इसका उपयोग केवल 20 मिनट के लिए ही किया जा सकता है। उसके बाद वाई-फाई का उपयोग करने पर डेटा उपयोग का शुल्क लिया जाएगा।
इस सेवा में नेत्रहीनों की जरूरतों को ध्यान में रखा गया है। उनकी यात्रा को उपयुक्त बनाने के लिए लिफ्ट बटन पर ब्रेल प्लेटें, श्रव्य(सुनने योग्य) लिफ्ट संदेश, एस्केलेटर (चलती सीढ़ी) श्रव्य चेतावनी संकेत और अन्य ऐसी सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
सभी स्टेशनों और स्वचालित किराया संग्रह गेटों पर कमजोर (चलने में अक्षम) लोगों के लिए व्हीलचेयर के साथ स्टाफ सहायता प्रदान की गई है।
कमजोर श्रवण क्षमता वाले लोगों के लिए ट्रेन के अंदर डिस्प्ले स्क्रीन स्थापित की गई हैं जिसमें सिस्टम मैप और सक्रिय लाइन का रेखाचित्र दिखाई देगा जिससे यात्री को वर्तमान स्टेशन और अगले स्टेशन के बारे में जानकारी प्राप्त होगी।
प्रत्येक मेट्रो स्टेशन पर प्रसाधन सुविधाएं भी उपलब्ध कराई गई हैं। भविष्य में पानी के डिस्पेंसर भी स्टेशनों पर स्थापित किये जाएंगे।
लखनऊ मेट्रो सेवा, समय और धन की बचत करने के साथ ही शहर के लोगों को काफी राहत देगी और अन्य सार्वजनिक परिवहनों की तुलना में अधिक उपयुक्त होगी।