कलाकार – सलमान खान, कैटरीना कैफ़, सज्जाद डेलफ्रूज़, परेश रावल, अंगद बेदी, कुमुद मिश्रा और नवाब शाह
निर्देशक – अली अब्बास ज़फ़र
निर्मिता – आदित्य चोपड़ा
प्रोडक्शन हाउस – यश राज फिल्म्स
लेखक – अली अब्बास ज़फ़र, नीलेश मिश्रा
पटकथा – अली अब्बास ज़फ़र, नीलेश मिश्रा
सिनेमेटोग्राफी- मार्सिन लस्काविएक
संपादक – रामेश्वर एस. भगत
संगीत – विशाल और शेखर
शैली – एक्शन थ्रिलर
अवधि – 2 घंटे 45 मिनट
जब आपके पास पहले से फिल्म का पहला भाग ब्लॉकबस्टर होता है, तो फ्रैंचाइजी (सीक्वल) की प्रतिष्ठा को बनाए रखने का दबाव वास्तविक रूप से ज्यादा होता है। हालांकि, ‘टाइगर जिंदा है’ फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने पर दर्शकों से काफी अच्छी प्रतिक्रिया मिली है। टाइगर जिंदा है फिल्म का ट्रेलर रिलीज होने के 24 घंटे में ही 2 करोड़ 90 लाख लोगों द्वारा यूट्यूब पर देखा गया और 480,000 लोगों के लाइक्स भी आए, साथ ही स्थापित कई रिकॉर्ड भी इसने तोड़ दिए थे। वैसे यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कितना कमाल करती है, वह देखना अभी बाकी है, लेकिन फिल्म देखने के बाद, हमने उसकी समीक्षा इस प्रकार की है।
कथानक
‘टाइगर जिंदा है’ की कहानी वहीं से शुरू होती है, जहाँ ‘एक था टाइगर’ फिल्म खत्म हुई थी। दो सुपर जासूस, सलमान खान और कैटरीना कैफ जासूसी जीवन को छोड़कर बहुत शांत और साधारण जीवन जी रहे हैं। लेकिन जब इराकी आतंकवादी समूह द्वारा भारतीय नर्सों का अपहरण कर लिया जाता है, तो ये लोग जासूसी के कार्य को करने के लिए फिर से वापस आ जाते हैं। कहानी का यह हिस्सा बहुत ज्यादा वास्तविक नहीं है, लेकिन इसकी कहानी को वास्तविक जीवन की घटना से लिया गया है, जो कुछ समय पहले समाचार पत्रों में छायी हुई थी। फिल्म की शेष कहानी लगभग इसी के इर्द-गिर्द घूमती है कि किस तरह से ये दोनों लोग (सलमान, कैटरीना) अपने तेज जासूसी वाले दिमाग से अपहरण किये हुए लोगों को बचाते है।
मूवी रिव्यूः
हाथ जोड़ने का स्टाइल सलमान का कुछ अलग सा प्रतीत होता है, परन्तु उद्देश्यपरक नहीं लगता है, इससे बहुत ज्यादा उम्मीद नहीं की जा सकती है। आप इस फिल्म में ऐसे दृश्यों की गिनती करते- करते भूल जाएंगे, जो लयबद्धता और यथार्थ उत्पन्न नहीं करते हैं। लेकिन यही वह कारण है, जहाँ सलमान खान अपनी बहादुरी और वीरता के दिखावटी प्रदर्शन के साथ फिल्म को बचाते हैं। फिल्म में आप सलमान खान को कई तरह के अद्भुत एक्शन स्टंट करते हुए देखेगें, जिन्होंने अपनी भूमिका को बखूबी निभाते हुए बेहतर अभिनय किया है। फिल्म में सलमान के स्टंट और निडरता का प्रदर्शन असंभव जैसा प्रतीत होता है, जिसमें हमें हमारी कल्पना के सुपरमैन की पोशाक में सलमान दिखाई पड़ते हैं। वैसे ‘टाइगर जिंदा है’ फिल्म को देखना बुरा नहीं था। कैटरीना ने अपना वादा पूरा किया है, लेकिन जल्द ही वह निराश करने लगती है। वास्तव में, सलमान के कंधों पर पूरी फिल्म टिकी हुई है और यहाँ तक कि इसमें सलमान खान शर्टलेस भी हुए हैं, जो अभिनेता सलमान खान की सभी फिल्मों में महत्वपूर्ण होता है। फिल्म के मार-धाड़ और एक्शन दृश्यों की बहुत प्रशंसा नहीं की जा सकती है, लेकिन निश्चित रूप से यह सब कुछ सल्लू प्रेमियों के लिए बहुत प्रसन्नता वाली बात है। इसके अलावा, फिल्म की शैली का बाकी हिस्सा एक क्षण के लिए भी कमजोर नहीं हुआ है।
संगीत रिव्यूः
‘टाइगर जिंदा है’ का संगीत फिल्म की तरह ही पूरी तरह से बिंदास है। फिल्म में कुल मिलाकर 6 गीत है, जिनमें प्रत्येक गीत की एक अलग तरह की मधुर धुन है, जो इरशाद कामिल द्वारा लिखित और विशाल-शेखर द्वारा कम्पोज किए गए है। ‘स्वैग से स्वागत’ गीत को विशाल ददलानी ने अपनी आवाज दी हैं, निश्चित रूप से फिल्म के आगमन के लिए एक अद्भुत गीत बनाया है। हालांकि, ‘दिल दिया गल्ला’ बहुत ही बेहतरीन और रोमांटिक गीत है, अगर स्वैग से स्वागत गीत को छोड़ दिया जाए, तो यह गीत बाकी सारे गीत को पहले पायदान से नीचे छोड़ता है। दिल दिया गल्ला का संगीत बहुत ही सुखदायक है। श्रेया घोषाल द्वारा धीमी गति का मृदु गीत ‘दाता तू’ है, जो काफी अच्छा लगता है। फिल्म के अन्य गीत भी आपको निराश नहीं करेंगे।
हमारा फैसला
अगर आप सलमान के प्रशंसक हैं, तो आप इस फिल्म को देखने जरूर जाएं, लेकिन यदि आप एक ऐसे व्यक्ति हैं, जो फिल्म में वजह और तर्कसंगत देखना चाहते हैं और यदि एक्शन से भरपूर दृश्यों को देखकर आपको खुशी नहीं मिलती है, तो बेहतर है कि आप घर पर अच्छे से कार्ड खेलें और फिल्म को भूल जाएं।
रेटिंग: 3