अचार, पापड़ और चटनी का भारतीय भोजन में सहायक के रूप मे विशेष महत्व है। हम सभी भारतीयों के पास कई प्रकार की ऐसी सहायक सामग्रियाँ होती हैं जिनको भोजन के साथ परोसा जाता है। चटनियों के बारे में बात करें तो भारत के उत्तरी भागों में धनिया और पुदीने तथा दक्षिणी भागों में नारियल की चटनी का नियमित रूप से उपयोग किया जाता है। चटनी में मिठास, सुगंध और मसालों का संतुलित उपयोग इसको एक मनमोहक स्वाद प्रदान करता है।
अपने बचपन में हम घर के पीछे रसोई में उपयोग की जाने वाली सब्जियों की एक क्यारी बनाते थे, जिसमे कई प्रकार की सब्जियाँ और फल उगाये जाते थे। गर्मियों के मौसम में हम विभिन्न प्रकार के फलों जैसे फालसा, जामुन और आलू बुखारा (प्लम) आदि का उपयोग करते थे। हालांकि, मेरे लिए चिंता की एक बात यह थी कि यह फल केवल कुछ सप्ताहों के लिए आते हैं और फिर खत्म हो जाते हैं, हर कोई इनका लंबे समय तक उपयोग करना चाहता है। पिछले कुछ सालों से मैं आलू बुखारे की चटनी को बनाकर स्टोर कर लेती हूँ, इस प्रकार मैं इस फल का कई हफ्तों तक स्वाद ले सकती हूँ। इस चटनी का स्वाद बहुत ही शानदार होता है और भारतीय भोजन के साथ एक सहायक सामग्री के रूप में मजे से खाया जा सकता है। इस गर्मी के मौसम को यादगार बनाने के लिए आलू बुखारे की चटनी बनायें और अपने नियमित भोजन के साथ आलू बुखारे का स्वाद लें।
सामग्री
- वनस्पति तेल – 2 बड़े चम्मच
- कलौंजी के बीज – 1/2 चम्मच
- लहसुन की कलियाँ – 5 से 6 (कटी हुई)
- अदरक – 1 इंच के टुकड़े में (घिसी हुई)
- आलू बुखारे – आधा किलोग्राम
- ब्राउन शुगर – 2 बड़े चम्मच
- सफेद चीनी – 4 से 6 बड़े चम्मच
- नमक – आधा चम्मच
- काला नमक – आधा चम्मच
- लाल मिर्च पाउडर – 1/4 चम्मच
बेर की चटनी कैसे बनाएं
- एक कढ़ाही में तेल गर्म करें।
- जब तेल गर्म हो जाए तो कलौंजी के बीज, लहसुन और अदरक को कढ़ाही में डाल दें।
- इस मिश्रण को एक मिनट तक भूनें।
- अब आधा कप पानी के साथ शेष सभी सामग्रियों को इसमे डाल दें।
- 10 से 12 मिनट तक पकाएं।
- पकाते समय सामग्री को बीच-बीच में चलाते रहें।
- एक साफ बर्तन में भरकर फ्रिज में रख दें।
- इसे लगभग 1 महीने तक फ्रिज मे स्टोर करके रखा जा सकता है।