कमल हासन, अपने समय के एक अनुभवी अभिनेता रहे हैं, जिन्होंने अपने आकर्षक व्यक्तित्व और सिल्वर स्क्रिन पर अपने शानदान प्रदर्शन दम से, लगभग चार दशकों से अधिक समय तक अपने लाखों प्रशंसकों को मंत्रमुग्ध किया। अंततः उन्होंने तमिलनाडु की राजनीति में अपने नवगठित राजनीतिक पार्टी ‘मक्कल नीति मय्यम’ के शुभारंभ के साथ कदम रखा तथा उन्होंने तमिलनाडु की राजनैतिक और सांस्कृतिक राजधानी मदुरै की एक सार्वजनिक सभा में ‘पीपुल्स, जस्टिस एंड सेंटर’ (‘लोगों, न्याय और केंद्र’) का पक्ष लिया। अपनी राजनीतिक पार्टी के शुभारंभ के अवसर पर कमल हासन ने मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली के वर्तमान मुख्यमंत्री को आमंत्रित किया, जो सिल्वर स्क्रीन पर एक अभिनेता के रुप में कमल हासन द्वारा निभाई गई कई भूमिकाओं के लिए उनके एक बड़े प्रशंसक भी रहे हैं और जिन्होंने एक पार्टी की स्थापना करने के लिए कमल हासन के फैसले का समर्थन किया, जो समाज में कुछ क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है और तमिलनाडु की राजनीति पर हावी हो चुकी प्रचलित दो-पक्षीय प्रणाली से राज्य को बचा सकता है।
तमिलनाडु में द्रविड़ राजनीति का उदय
तमिलनाडु के राजनैतिक वातावरण में आवश्यक परिवर्तन लाने के लिए उनकी राजनीतिक पार्टी की शुरूआत ‘सरल शुरुआत’ के रूप में हुई है, जहाँ 1960 के दशक के बाद से डीएम के और एआईए डीएम के ने किसी भी बड़े विपक्ष के बिना एक दूसरे के खिलाफ राजनैतिक संघर्ष किया था, जैसा कि इस अवधि के दौरान द्रविड़ राजनीति को केंद्र स्तर के रुप देखा गया था और तभी से क्षेत्रीय राजनीति राज्य के राजनैतिक परिदृश्य पर हावी हो गई थी। पूरा राज्य विवादों और भ्रष्टाचार से जूझ रहा है, क्योंकि दोनों पार्टियों के प्रमुख नेताओं पर बार-बार विभिन्न अपराधों के आरोप लगाए गए हैं, इस प्रकार नवगठित राजनीतिक पार्टी ‘मक्कल नीति मय्यम’ तमिलनाडु के लोगों को आने वाले अगले राज्य चुनाव के लिए एक वैकल्पिक विकल्प देकर, राज्य की राजनैतिक स्थिति को बदलने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
प्रसिद्ध अभिनेता से राजनीतिज्ञ
कमल हासन हाल ही के दिनों में देश और तमिलनाडु राज्य में परेशान करने वाली घटनाओं की अभिव्यक्ति कर रहे हैं, जिसमें सांप्रदायिक तनाव बढ़ने और भ्रष्टाचार को रोकने के लिए सरकार की निष्क्रियता, समाज के परिधीय वर्गों को बेहतर आर्थिक अवसर प्रदान करने और अन्य प्राथमिक मुद्दों जिन्हें केंद्रीय और राज्य सरकारों द्वारा संबोधित नहीं किया गया है। उन्होंने यह भी महसूस किया कि अपने एक्टिंग कैरियर के 40-विषम वर्षों के दौरान वे अपने लाखों प्रशंसको के लिए ऐसा कुछ भी करने में सक्षम नहीं हो पाए, जिसे लोग सिनेमाघरों में उन्हें देखने के लिए पैसे खर्च करते थे। इस प्रकार उन्होंने लोगों की सेवा करने के लिए अपना समय समर्पित करने की आवश्यकता महसूस की, जिन्होंने आज उन्हें स्टार बनाया है। उन्होंने पिछले साल सितंबर के आसपास राज्य के राजनैतिक परिदृश्य में सक्रिय रूप से शामिल होने के कुछ संकेत भी दिए। कमल हासन ने कल सुबह अपना रामेश्वरम का दौरा संपूर्ण किया, जहाँ उनके हजारों समर्थकों की भीड़ इकट्ठा हुई थी, लोगों ने कथित तौर पर “हेल वरुंगला मुथेलवेरे (होने वाले मुख्यमंत्री की जय हो), कमल हासन की जय हो” के नारे लगाए और वहाँ के लोग बड़ी बेसब्री के साथ राज्य के राजनैतिक परिदृश्य में इस मेगा स्टार के प्रवेश और राजनीति में उसकी यात्रा की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
आशा की रैली?
उन्होंने अपनी राजनीतिक यात्रा के दौरान मछुआरों से मुलाकात की, जहाँ उन्होंने मछुआरों के समुदाय के साथ कुछ प्रचलित मुद्दों पर चर्चा की और यह भी बात की कि कैसे सरकारें हर पाँच साल बाद चुनाव में किए गए अपने वादों को पूरा करने में विफल रहीं हैं और अब वह यह कैसे सुनिश्चित करेंगे कि समुदाय की जरूरतों को अब उपेक्षित नहीं किया जाएगा, क्योंकि वे तमिलनाडु में राजनीतिक बदलाव लाने की योजना बना रहे हैं। वहाँ से, कमल हासन भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के घर गए, ताकि वे पूर्व राष्ट्रपति के भाई मोहम्मद मुथु मीरा लेबाबाई मारिकर से आशीर्वाद ले सकें। उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति की तारीफ की और पूर्व राष्ट्रपति के सपने ‘योग्य तमिलनाडु’ को पूरा करने का दावा किया। हासन ने उल्लेख किया कि कैसे पूर्व राष्ट्रपति एक साधारण से घर में रहते थे और अभी भी उनमें राष्ट्र के प्रति कितनी प्रेम भावना थी और हमें अपने पूर्व राष्ट्रपति से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है।
दाएं, बाएं या केंद्र?
कमल हासन ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू की प्रशंसा की, क्योंकि वे उन्हें अच्छे मुख्यमंत्री के रुप में देखते हैं और उनको आदर्श मानते हैं तथा अगर उन्हें अगले चुनावों में जनादेश मिल जाए, तो उनका अनुसरण भी करना चाहते हैं। कमल का मानना है कि उनकी राजनैतिक विचारधारा देश के सभी अच्छे मुख्यमंत्रियों के समान है, जबकि वे राजनीति में धर्म की बढ़ती भूमिका की आलोचना करते हैं। हासन के राजनीति में प्रवेश करने के फैसले से जनसमूह और उनके सभी अनुयायियों से उन्हें भारी प्रतिक्रिया मिली, जो रामेश्वरम में उनकी राजनीतिक शुरूआत के बाद से उनकी यात्रा में भाग ले रहे हैं। वे मीडिया और विभिन्न वर्गों कीराजनीतिक हस्तियों के समर्थन से राजनीति में आए, जैसे कि केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने उनकी रैली में भाग नहीं लिया, लेकिनउन्होंने अभिनेता कमल हासन को राजनीति में शामिल होने के लिए एक वीडियो के माध्यम से बधाई दी और उसमें कहा कि वह केरल और तमिलनाडु के बीच बेहतर संबंध के अवसर कोकैसे देखते हैं और लोकतंत्र के आधार को कायम रखने में दोनों राज्यों को कैसे लाभान्वित करते हैं, यह उनपर निर्भर करता है।
राजनीति का तुष्टीकरण
कमल हासन ने हाल ही में आरके नगर में हुए उप-चुनावों का मजाक उड़ाया और कहा कि यह राज्य की एक ऐसी जगह है,जहाँ प्रत्येक वोटर को वोट डालने के लिए राजनीतिक पार्टियों द्वारा 6,000 रुपए दिए गए। उन्होंने मतदाताओं को लुभाने के लिए, की जाने वाली ऐसी घटिया हरकतों की निंदा की और इन सब चीजों का इस्तेमाल करने से इंकार किया। कमल हासन ने इन घटिया चालों में पैसा बर्वाद करने की बजाय लोगों और राज्य की भलाई के लिए पैसे का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है और राज्य के भीतर जीवन स्तर में सुधार करने का वादा किया है। कमल हासन ने भ्रष्टाचार और खराब शासन व्यवस्था के मुद्दों को उठाते हुए महिलाओं की सुरक्षा, कावेरी संघर्ष, सरकारों द्वारा मुफ्त वितरण और राज्य में विभिन्न अन्य प्रचलित मुद्दे जनता के सामने रखे और जनता को सुनिश्चित कराया कि वह लोगों को रहने और जीवन शैली की स्थिति में सुधार करने के लिए सशक्त बनाने का काम करेंगे और मुफ्त वितरण करने की बजाय समानता के साथ समाजिक कार्य करेंगे।
क्या वह समय की परीक्षा पास कर सकते हैं?
यह तो समय ही बताएगा कि क्या वह अपने स्टारडम, जिसमें उन्होंने चार दशक से ज्यादा समय व्यतीत किया और कई प्रकार की भूमिकाएं निभाई, के विपरीत राजनैतिक युद्ध क्षेत्र में अपना प्रभुत्व स्थापित करने में सफल होंगे कि नहीं। उन्होंने जनता से यह भी कहा कि “अब मैं कोई सिनेमा स्टार नहीं, बल्कि अब मैं आपके घर का दीपक हूँ। जिसे आप लोग बुझने से बचा सकते हैं और प्रज्वलित होने में मेरी मदद कर सकते हैं।” उन्होंने यह भी दावा किया कि यह बस छण मात्र का बयान नहीं है, अब यह मेरे लिए जीवन भर साथ चलने वाला एक सबब बन गया है। निश्चित रूप से इस बयान ने आस पास के छह राज्यों की राजनीतिक पार्टियों को हिलाकर रख दिया, जो पार्टी इन राज्यों में आने कुछ ही समय में होने वाले चुनावों में हिस्सा लेने वाली हैं। पूरा देश यह देखेगा कि क्या यह कुशल अनुभवी अभिनेता राजनीतिज्ञ की भूमिका निभाने में सक्षम होगा या नहीं या वह उन अभिनेताओं की “विशिष्ट सूची” में शामिल हो जाएगा, -जो राजनीति में बुरी तरह विफल हो गए और बाद में उन्होंने हारकर राजनीति छोड़ दी।