‘डिजिटल इंडिया’ और ‘मेक इन इंडिया’ के बाद, नमो सरकार एक अन्य कार्यक्रम शुरू करने वाली है। यह कौशल विकास नीति के तहत पहले शुरू किए गए कार्यक्रमों का एक संशोधित संस्करण है। इस नए कार्यक्रम को, ‘कौशल भारत’ के नाम से पुकारा गया है। जिसे एक बहु-कौशल कार्यक्रम माना जा रहा है। अन्य सभी कार्यक्रमों की तरह, ‘कौशल भारत’ भी नरेंद्र मोदी का एक ड्रीम प्रोजेक्ट है|
‘कौशल भारत’ (स्किल इंडिया) का उद्देश्य
इसका मुख्य उद्देश्य भारतीय युवाओं की प्रतिभाओं में विकास, विस्तार और कार्य क्षेत्र में अवसर पैदा करना और उन क्षेत्रों को अधिक विकसित करना है, जो पिछले कई वर्षों से कौशल विकास के अन्तर्गत रखे गए है। साथ ही साथ कौशल विकास के लिए नए क्षेत्रों की पहचान करना भी हैं। नए कार्यक्रम का उद्देश्य 2020 तक हमारे देश के 500 मिलियन युवाओं का कौशल विकास करना और उनका प्रशिक्षण प्रदान करना है। इस उद्देश्य को प्राप्त करने के लिए विभिन्न योजनाएं भी प्रस्तावित हैं।
‘कौशल भारत’ (स्किल इंडिया) की विशेषताएँ
- युवाओं के कौशल पर इस तरह से जोर दिया जाता है ताकि उन्हें रोजगार मिल सकें और उद्यमिता में सुधार हो।
- परंपरा-संबंधी सभी व्यवसायों के लिए प्रशिक्षण जैसे कि बढ़ई, मोची, वेल्डर, लुहार, राजमिस्री, नर्स, दर्जी और बुनकर आदि को समर्थन तथा मार्गदर्शन प्रदान करना है।
- कई क्षेत्रों जैसे अचल संपत्ति, निर्माण, परिवहन, कपड़ा, मणि उद्योग, आभूषण डिजाइनिंग, बैंकिंग, पर्यटन और अन्य कई वास्तविक क्षेत्रों पर अधिक जोर दिया जाए, जहाँ पर कौशल विकास अपर्याप्त या शून्य हो।
- प्रशिक्षण कार्यक्रम अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कराए जाएगें, ताकि हमारे देश के युवा केवल घरेलू माँगों को पूरा न करें बल्कि अमेरिका, जापान, चीन, जर्मनी, रूस और पश्चिम एशिया जैसे अन्य देशों में भी जाकर अपनी पहचान बनाएं।
- ‘कौशल भारत’ कार्यक्रम की एक और उल्लेखनीय विशेषता ‘ग्रामीण भारत कौशल’ नामक एक पहचान बनाने के लिए होगी, ताकि प्रशिक्षण प्रक्रिया को मानकीकृत और प्रमाणित किया जा सके।
- विशिष्ट आयु समूहों की जरूरत के मुताबिक कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे जो भाषा और संचार कौशल, जीवन और सकारात्मक सोच कौशल, व्यक्तित्व विकास कौशल, प्रबंधन कौशल, व्यवहार कौशल, नौकरी और रोजगार योग्यता कौशल सहित हो सकते हैं।
- ‘कौशल भारत’ के पाठ्यक्रम की पद्धति नवीन होगी, जिसमें खेल, समूह चर्चा, बुद्धिशीलता सत्र, व्यावहारिक अनुभव, अध्ययन आदि शामिल होंगे।
यह पिछली कौशल विकास नीतियों से कितनी अलग है?
ऐसा नहीं है कि हमारे पास पहले से कोई कौशल विकास कार्यक्रम नहीं है। भारत सरकार ने हमेशा राष्ट्रीय विकास के लिए कौशल विकास पर जोर दिया है। यह मानना ठीक है कि मंत्रालय नया है और कौशल विकास के लिए उठाए गए दृष्टिकोण भी नए है। लेकिन इससे पहले, पारंपरिक नौकरियों पर जोर दिया गया था। लेकिन इस बार सभी प्रकार की नौकरियों को समान महत्व दिया जाएगा। इससे पहले यह जिम्मेदारी विभिन्न मंत्रालयों के बीच विभाजित की गई थी लेकिन इस बार इन्हें एक साथ जोड़ा जा रहा है। कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय, प्रधान मंत्रालय होगा जो अन्य मंत्रालयों और संगठनों के साथ समायोजन करेगा।
नमो सरकार के अनुसार, कौशल भारत सिर्फ एक कार्यक्रम ही नहीं बल्कि एक आंदोलन होगा। जहाँ बेरोजगार युवा, कॉलेज और स्कूल छोड़ने वाले छात्र / छात्राएँ, शिक्षित लोगों के साथ, ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों, सभी को समान महत्व दिया जाएगा। नया मंत्रालय, प्रमाणित संस्था के द्वारा प्रमाण पत्र उन लोगों को दिए जाएंगे जो इस विशेष कौशल या कार्यक्रम को पूरा करते हैं। यह प्रमाणपत्र सभी सार्वजनिक, निजी एजेंसियों और संस्थाओं द्वारा मान्यता प्राप्त होगा, जिसमें विदेशी संघ भी शामिल हैं। कौशल भारत संपूर्ण देश का कार्यक्रम है।
‘कौशल भारत’ के लाभ
यह विचार समुचित कौशल विकास के माध्यम से लोगों का आत्मविश्वास बढ़ाने, उनकी उत्पादकता में सुधार करने और उनको उचित दिशा देने का है। कौशल विकास से युवा वर्ग श्रम कार्य प्राप्त करने में सक्षम होंगे। कौशल का विकास, युवा लोगों में उनकी पढाई के समय, उचित रोजगार के अवसरों के लिए आवश्यक है। सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास होना चाहिए और सभी नौकरियों को समान महत्व दिया जाना चाहिए। एक बढ़िया और सभ्य जीवन का नेतृत्व करने के लिए हर नौकरी के उम्मीदवार को बेहतर कौशल का प्रशिक्षण दिया जाएगा। धीरे-धीरे कौशल विकास ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में भी पहुँच जाएगा। युवाओं के कौशल विकास में निगमित शैक्षिक संस्थान, गैर-सरकारी संगठन, सरकार, अकादमिक संस्थान और समाज सहायता करेंगे ताकि कम से कम समय में बेहतर परिणाम हासिल किए जा सके।
सारांश :
‘कौशल भारत’ क्या आकार लेगा और यह क्या कर सकता है यह केवल समय बता सकता है। लेकिन इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह एक अच्छी पहल है – विशेष रूप से लोगों को कौशल प्रदान करना क्योंकि दुनिया भर में भारत कुछ ऐसे देशों में से एक है, जिनके कामकाजी आयु की आबादी बहुत अधिक होगी, विश्व बैंक के अनुसार, कुछ साल बाद जनसंख्या की वृद्धि का विकास समाप्त हो जायेगा।
यह भी उच्च समय है कि अब देश के युवाओं के शारीरिक और मानसिक विकास में सुधार के लिए बहुत ही बेहतर कदम उठाए गए हैं। जिससे की कोई भी बेरोजगार न रहे और देश में बेरोजगारी की समस्या भी कम हो जाए। यह समय युवाओं के उन रास्तों को खोलने का है जिसके द्वारा युवा अपनी जिम्मेदारियों को स्वीकार करता है और कोई भी बेरोजगार शेष नहीं रहता क्योंकि एक बेरोजगार युवा अर्थव्यवस्था के लिए बोझ है। अर्थव्यवस्था को रोजगार सृजन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं पर ध्यान देना चाहिए। कौशल विकास के प्रति इस नए दृष्टिकोण के साथ, भारत निश्चित रूप से अपने लक्षित परिणामों के साथ उस दिशा में आगे बढ़ सकता है।
कौशल भारत कार्यक्रम के मानकीकृत पाठ्यक्रमों की सूची
उद्यमशीलता विकास कार्यक्रम (ईडीपी) की सूची
- सीपीएसयू के लिए सीआरआर योजना
- ईडीपी
- महिला ईडीपी
- लिंग समानता के माध्यम से महिला सशक्तिकरण
उद्यमशीलता सह कौशल विकास कार्यक्रम और प्रशिक्षक के कार्यक्रमों का प्रशिक्षण (ईएसडीपी)
- एसी फ्रिज और वॉटर कूलर की मरम्मत करना
- कृषि संबंधी जल उठाने वाले उपकरण – रखरखाव और मरम्मत
- बेकरी उत्पाद
- जैव प्रौद्योगिकी
- लोहारगिरी
- सीएडी/ सीएएम
- उपकरणों की जाँच करना
- भोजन प्रबन्ध
- सीएनसी लेथ वायर कट मिंलिग
- कंप्रेसर मरम्मत
- कंप्यूटर अकाउंटिंग के साथ गणना करना
- सौन्दर्य प्रसाधन और ब्यूटीशियन
- साइबर कैफे
- डेयरी आधारित ईएसडीपी
- आर्टिफीशियल आभूषण की डिजाइनिंग और निर्माण
- डाई फिटर
- नक्काशी प्रशिक्षण
- डीटीपी
- विद्युत यंत्र की मरम्मत
- इलेक्ट्रॉनिक जनसमूह
- विद्दुत आवरण
- फैशन डिजाइनिंग
- हौजरी और वुलेन गारमेंट्स
- खाद्य प्रसंस्करण
- फुटवियर डिजाइनिंग
- फोर्जिंग और कास्टिंग
- फ्लैश के साथ गेमिंग
- कांच काटना और चमकाना
- उष्मा उपचार
- चमड़ा उत्पाद
- लैंस ग्राइंडिंग
- मशीनिंग
- माइक्रोप्रोसेसर एप्लिकेशन और प्रोग्रामिंग
- माइक्रोसॉफ्ट सर्टिफाइड सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग
- मोबाइल रिपेयरिंग
- मोटर एंड ट्रासफार्मर रिवाइंडिंग
- मोटर वाइंडिंग एंड पम्पसेट रिपेयर
- मोल्डिंग एंड पैटर्न मेकिंग
- मल्टीमीडिया
- मशरूम कल्टीवेशन
- पीसीबी डिजाइन
- फोटोग्राफी और फोटोशॉप
- पीएलसी प्रोग्रामिंग
- प्लम्बिंग एंड सेनैटरी फिटिंग्स
- रिटेल मैनेजमेंट
- स्क्रीन प्रिन्टिंग एंड हैंड पेटिंग ऑन ग्लास
- सोप एंड डिटर्जेंट
- स्पोर्ट्स गुड्स
- स्टील फेब्रिकेशन
- टी वी रिपेयरिंग
- टेस्टिंग ऑफ केमिकल्स
- टूल एंड डाई मेकिंग
- टूर ऑपरेटर
- टू व्हीलर मेन्टीनेन्स एंड रिपेयर
- वैक्स कैंडल एंड चाक क्रेन
- वायरमेन ट्रेनिंग
- 2 डी
- 3 डी
- एडोब
- एडवांस जावा
- ऑटोडेस्क कम्बयूशन
- सीसी ++ एंड ओओपी
- कंप्यूटर हार्डवेयर एंड नेटवर्किंग
- कोर जावा
- डिजिटल फोटोग्राफी एंड वीडियोग्राफी
- इलेक्ट्रॉनिक मैकेनिक
- इंजीनियरिंग ड्राइंग विद सीएडी
- फिनिशिंग एंड पैकिंग सुपरवाइसर
- फिटर फैब्रिकेशन
- फिटर मेन्टिनेन्श जनरल
- हाउसकीपिंग एंड हॉस्पिटालिटी
- इंटीरियर डिजाइन
- लैंड स्केप डिजाइन
- लिनक्स एडमिनिस्ट्रेशन
- एमसीपी एंड सीसीएनए
- मेडिकल ट्रांस्क्रिप्शन
- एमएस ऑफिस और इंटरनेट
- मल्टीमीडिया एंड एनीमेशन
- नेट प्रोग्रामिंग
- ओ लेवल (डीओईएसीसी)
- जेएवीए के माध्यम से ओओपी
- प्रोग्रामिंग एंड ऑपरेशन फॉर कम्प्यूटराइज्ड न्यूमेरिकली कन्ट्रोल्ड मशीन
- रिसेप्शनिस्ट
- रूटिंग टेक्नोलॉजी सीसीएनए
- सेक्योरिटी गार्ड
- एसक्यूएल सर्वर डाटावेस एडमिनिस्ट्रेशन
- टीआईजी / एमआईजी वेल्डिंग
- विजुअल इफेक्ट
- वेब डिजाइनिंग
- बेसिक हाइड्रोलिक्स
- बेसिक न्यूमेटिक्स
- सीएडी विद प्रो इंजीनियर्स
- डॉट नेट टेक्नोलॉजी
- ग्राफिक्स डिजाइन
- आईटी टूल्स एंड एप्लीकेशन
- मेन्टिनेन्श फिटर
- मैटेरियल टेस्टिंग
- पीसी मेन्टिनेन्श
- शीट मेटल वर्कर
- वेल्डर
- ऑटो बॉडी पेंटिंग
- डीजल फ्यूल इंजेक्शन टेक्नीशियन
- मेन्टिनेन्श बैटरी
- रिपेयर एंड मेन्टिनेन्श ऑफ पीए एंड ऑडियो
- रिपेयर एंड मेन्टिनेन्श ऑफ पावर सप्लाई, इनवर्टर एंड यूपीएस
- रिपेयर एंड मेन्टिनेन्श ऑफ वॉशिंग मशीन एंड माइक्रोवेव ओवन
- रिपेयरिंग ऑफ ऑटो एयर कंडीशनिंग
- रिपेयर एंड मेन्टिनेन्स ऑफ इन्टरकॉम सिस्टम
प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण
- प्रौद्योगिकी सह संचार कौशल विकास कार्यक्रम
- उद्यमिता में टीओटी और 2 डी एनिमेशन में कौशल विकास
- फैशन डिजाइनिंग के लिए ईएसडीपी में टीओटी
- प्रशिक्षकों का प्रशिक्षण (ईडीपी)
- ईएम प्रशिक्षकों के लिए मान्यता कार्यक्रम
प्रबंधन विकास कार्यक्रम
- प्रभावी कार्यालय और बदलते प्रबंधन के लिए उन्नत कौशल
- प्रभावी कार्यकारी सचिवों और प्रबंधन के परिवर्तन के लिए उन्नत कौशल
- व्यवसाय सलाहकार प्रशिक्षण कार्यक्रम
- माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइज़ के लिए व्यावसायिक विकास योजना
- कैपेसिटी बिल्डिंग ऑफ प्रिंसिपल्स ऑफ आईटीआई
- कार्बन ट्रेडिंग
- कैपेसिटी बिल्डिंग फॉर इम्प्रोवेद परफॉर्मेंस
- समकालीन मानव संसाधन प्रबंधन का अभ्यास
- आर्थिक मंदी में लागत प्रभाव
- एमएसई को देरी से किया गया भुगतान
- उपलब्धि प्रेरणा प्रशिक्षण पर कार्यकारी विकास कार्यक्रम
- निर्यात प्रक्रिया, प्रमाणों का प्रयोग और प्रबंधन
- कार्यकारी अधिकारियों के लिए प्रोत्साहन प्रेरणा कार्यक्रम
- अर्थव्यवस्था अधिकारी के लिए गैर-अर्थव्यवस्था
- वित्तीय वक्तव्य विश्लेषण
- एमएसएमई के लिए आईपीआर की चुनौतियां और संभावनाएं
- प्रतिस्पर्धात्मक लाभ के लिए आईपीआर
- आईएसओ 9001: 2008 प्रमाणन प्रक्रिया – मुद्दे और चुनौतियां
- तर्कशास्त्र और आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन और खुदरा प्रबंधन
- प्रबंधकों के लिए विपणन
- जनजातीय क्षेत्रों में लघु व्यवसाय उद्यमों के लिए परियोजना प्रबंधन पर एमडीपी
- आधुनिक कार्यालय में अभ्यास करना
- उत्पाद पहचान और विपणन कूटनीतियां
- उत्पादकता, गुणवत्ता और तिरक्षा विनिर्माण
- योजना मूल्यांकन
- प्रोजेक्ट की पहचान और प्रोजेक्ट प्रोफाइल की तैयारी
- एसएचजी के माध्यम से माइक्रो-एंटरप्राइजेज के लिए कौशल योजना तैयार करना
- शहरी विकास अधिकारियों के लिए स्वयं सहायता समूहों को मजबूत करना (एसजेएसआरवाई के तहत)
अन्य कौशल भारत पाठ्यक्रम
- माइक्रो एंटरप्राइजेज के संबर्धन के लिए एसएचजी का मूल्यांकन
- समूह का विकास
- पार्टनर ऑर्गनाइजेशन / एजेंसियों के लिए उद्यमिता और कौशल विकास
- सीएफसी का वित्तपोषण और प्रबंधन
- एमएसएमई के लिए ऋण रणनीतियां
- उद्योग और वाणिज्य विभाग के अधिकारियों के लिए दिशानिर्देश कार्यक्रम
- एसजेआरवाई, पीएमईजीपी आदि के अंतर्गत कौशल और उद्यमशीलता विकास के लिए दिशानिर्देश
- प्रेरित समूह का संबर्धन
- माइक्रो-एंटरप्राइजेज का संबर्धन
- सेवा उद्यमों को बढ़ावा देना
- एसएचजी के लिए व्यवहार्य उद्यमों का संवर्धन
- एसएचजी के लिए जोखिम प्रबंधन
- केंद्रीय बजट और एमएसएमई
कौशल भारत पाठयक्रम सूची का लिंक www.dcmsme.gov.in