6 अगस्त 2017 को बॉलीवुड फिल्म स्टार आमिर खान और उनकी पत्नी किरन राव, पानी फाउन्डेशन द्वारा आयोजित पुरस्कार वितरण समारोह में हिस्सा लेने के लिए अनुसूचित (आमंत्रित) थे। उन्होंने वीडियो कान्फ्रेंस के जरिए ये सूचना दी कि स्वाइन फ्लू से पीड़ित होने के कारण वह इस समारोह में हिस्सा नहीं ले पाएंगे, उन्हें लोगों से अलग रहने के लिए कहा गया है। कुछ साल पहले, फिल्म प्रेम रतन धन पायो की शूटिंग के समय अभिनेत्री सोनम कपूर के टेस्ट में एच1एन1 वायरस के सकारात्मक परीक्षण पाए गये थे। काफी ध्यान देने के बावजूद यह खबरें झझकोर देती हैं कि, हाल के वर्षों में भारत स्वाइन फ्लू के लिए बहुत संवेदनशील रहा है। हर साल अनगिनत मौतों की सूचना दी जाती है अब एकबार फिर से इसके प्रकोप की खतरनाक सूचनाएं (रिपोर्टें) सामने आ रही हैं।
राज्यों में इसका प्रकोप
अगस्त की शुरुआत में ही पूरे देश में एच1एन1 वायरस के मामले सामने आए हैं जो स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं। भारत के उत्तरी और पश्चिमी इलाके इससे सबसे अधिक प्रभावित हुए हैं। 4 अगस्त को चंडीगढ़ के संघ शासित प्रदेश द्वारा 4 मौतों सहित स्वाइन फ्लू के 18 मामले दर्ज कराए गए हैं। इस मामले में उत्तर प्रदेश ने भी गंभीर प्रदर्शन किया है। पूरे राज्य में 150 से भी अधिक लोगों में एच1एन1 वायरस के सकारात्मक लक्षण पाये गए और लगभग 12 मौत के मामले दर्ज किये गए। इस वायरस से प्रभावित लोगों में 9 छात्र भी प्रभावित पाये गए। हालांकि, अभी तक महाराष्ट्र इससे सबसे ज्यादा प्रभावित लगता है। 8 अगस्त 2017 की समाचार रिपोर्टों से पता चला है कि जुलाई में राज्य में स्वाइन फ्लू के 2,324 मामले सामने आए थे। राज्य मानता है कि जुलाई के पहले सप्ताह तक इस रोग से 284 लोगों की मौत हो गई थी। इस महीने की शुरुआत में ओडिशा के पूर्वी क्षेत्र में 24 रोगियों में सकारात्मक परीक्षण किया गया और स्वाइन फ्लू के कारण एक मौत दर्ज की गई। गुजरात के साथ पश्चिमी बंगाल में भी इसमें बढ़ोतरी की रिपोर्ट सामने आ रहीं हैं। स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा बार-बार चेतावनी दी जा रही कि मास्क (मुखौटा) का उपयोग मूल्यवान जीवन को बचा सकता है इसके बावजूद, यह देश में लोकप्रिय नहीं हो पा रहा है इसलिए ये राज्य चिंतित हैं।
स्वाइन फ्लू से बचाव के लिए सावधानियां
स्वाइन फ्लू के चिंताजनक मामले अभी भी सामने आ रहे हैं, यहाँ पर कुछ सावधानियाँ बताईं जा रही हैं एच1एन1 वायरस के संपर्क में आने की संभावनाओं को कम करने के लिए इनका उपयोग किया जाना चाहिए-
- छींकते समय नाक और मुँह को डिस्पॉजेबल रूमाल (एक बार प्रयोग करके फेंकने वाला टिस्यू पेपर या रूमाल) से ढक लें।
- प्रतिदिन हाथ धोने के लिए एल्कोहल युक्त तरल पदार्थों (हैण्ड सैंनेटाइजर) का प्रयोग करें। खासकर जब घर से बाहर हों तो नियमित रूप से हैण्ड सैंनेटाइजर का प्रयोग करें।
- संक्रमण से बचने के लिए सार्वजनिक टेलीफोन या कंप्यूटर आदि का उपयोग करने के बाद हाथों को साबुन, पानी या हैण्ड सैंनेटाइजर से धोयें।
- किसी भी ऐसे व्यक्ति में जिसमें किसी भी प्रकार के फ्लू के लक्षण पाये जाए, उससे उचित दूरी बनाए रखें।
- यदि आपके परिवार या पड़ोस में कोई व्यक्ति स्वाइन फ्लू से पीड़ित है तो स्वास्थ्य अधिकारी को उसके बारे में बताना न भूलें।
- शुरूआती चरण में स्वाइन फ्लू को पूर्णतया नियंत्रित किया जा सकता है। यदि आप इस प्रकार के किसी फ्लू के लक्षणों से ग्रसित हों तो सरकारी अस्पताल या प्राइवेट (निजी) क्लीनिक को सूचित करें।
- राज्य सरकार या नगरपालिका द्वारा समय-समय पर चलाए जाने वाले एच1एन1 टीकाकरण का लाभ उठाएं।