X

स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन की सहायता से भारत में अधिक रोजगार के अवसर

Rate this post

कोयला और प्राकृतिक गैस के माध्यम से विद्युत उत्पादन करने से,  वायु प्रदूषण और जल प्रदूषण के कारण पर्यावरण की गुणवत्ता में गिरावट प्रमुख कारणों में से एक है। स्वच्छ ऊर्जा तब होती है, जब वायु और सौर ऊर्जा जैसे अक्षय संसाधनों का उपयोग कम या बिना प्रदूषण और ग्लोबल वार्मिंग उत्सर्जन के साथ बिजली उत्पन्न करने के लिए किया जाता है।

भारत एक वैश्विक नेता के तौर पर उभरा, जब प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने वर्ष 2015 से पहले पेरिस जलवायु सम्मेलन के समय 175 गीगावॉट की अक्षय ऊर्जा के महत्वाकांक्षी लक्ष्य की घोषणा की, उन्होने कहा कि बढ़ती अर्थव्यवस्था अक्षय ऊर्जा को बढ़ा सकती है, जिसमें 100 गीगावॉट सौर ऊर्जा और 60 गीगावॉट पवन ऊर्जा शामिल है।

भारत में स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन पर एक अध्ययन का आयोजन ग्रीनिंग इंडिया के कार्यबल द्वारा किया गया था। भारत में सौर और पवन ऊर्जा के विस्तार के लिए अध्ययन दिल्ली आधारित प्रबुद्ध मंडल ऊर्जा, पर्यावरण और जल परिषद (सीईई) और प्राकृतिक संसाधन रक्षा परिषद (एनआरडीसी) द्वारा किया गया था। अध्ययन के मुताबिक भारत स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन में निम्नलिखित तरीकों से लाभ उठा सकता है:

  • भारत के स्वच्छ ऊर्जा क्षेत्र में वायु और सौर ऊर्जा के माध्यम से वर्ष 2022 तक 175 गीगावाट (जीडब्ल्यू) अक्षय ऊर्जा की स्थापना की जाएगी, जिसमें 3,00,000 से अधिक नए श्रमिकों को कार्य करने के लिए लिया जाएगा।
  • स्वच्छ ऊर्जा कार्यबल में सौर के स्थापनकर्ता, रख-रखाव कार्यकर्ता, इंजीनियर, तकनीशियन और कार्य विवरण की जाँच करने वाले शामिल हैं।
  • अगले पाँच वर्षों में 34,600 लोगों को पवन ऊर्जा में, 58,600 लोगों को सौर उपयोगिता में और 238,000 लोगों को रूफटॉप सोलर में काम मिलेगा, कुल मिलाकर एक मिलियन लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
  • वर्ष 2016-17 में सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा के क्षेत्रों में 21,000 अतिरिक्त रोजगार के अवसर दिए गए हैं और आशा है कि आने वाले वर्ष में 25,000 अतिरिक्त नियुक्तियाँ की जाएंगी।
  • श्रम घनिष्ठ रूफटॉप वाले भाग में 70% नए कार्यबल की संख्या को रोजगार देने की संभावना है जो सौर क्षेत्रों जैसे बड़े पैमाने पर अन्य परियोजनाओं की तुलना में सात गुना अधिक नौकरियाँ दे रहा है।
  • घरेलू सौर विनिर्माण उद्योग में जोरदार वृद्धि के बावजूद भारत में अतिरिक्त 45,000 लोगों को पूर्णकालिक रोजगार मिलेगा।
  • नए स्वच्छ ऊर्जा कार्यबल का 80% नियोजन निर्माण चरण के दौरान किया जाएगा।
  • वर्तमान में भारत की पवन ऊर्जा क्षमता 32.2 गीगा वॉट (जीडब्ल्यू) है और सौर ऊर्जा क्षमता 12.2 गीगा वॉट (जीडब्ल्यू) है।

सीईईडब्ल्यू के अध्ययनों के मुताबिक, ” सौर रोजगार भारत भर में महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के साथ अच्छी तरह वितरित किए जाएंगे, जो रोजगार निर्माण में अग्रणी होगा। कुछ उच्च पवन क्षमता वाले राज्यों में पवन उर्जा के रोजगार केंद्रित होने की संभावना है।

यह समय वास्तव में सबसे पहले साफ-सुथरे, सुरक्षित, और स्वस्थ ऊर्जा वाले भविष्य के लिए अक्षय ऊर्जा का चयन करने का है और भारत इस दिशा में सबसे आगे काम कर रहा है।

Categories: India
admin:
Related Post