क्रिकेट के सबसे उत्साही प्रशंसकों के साथ कई लोगों को यह आश्चर्यजनक बात पता नहीं होगी कि भारत में एक राष्ट्रीय महिला टीम भी है जिसने पिछले कुछ वर्षों की अपेक्षा में बढ़िया प्रदर्शन किया है। वर्ष 1976 में भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने अपना पहला टेस्ट मैच वेस्टइंडीज के खिलाफ खेला और इसने एक दिवसीय मैचों की शुरुआत वर्ष 1978 के विश्व कप के दौरान की थी। जिसमें भारतीय महिला क्रिकेट टीम मेजबान टीम थी क्योंकि पहले महिला क्रिकेट विश्व कप का आयोजन भारत में किया गया था। इस टीम ने वर्ष 2006 में एकदिवसीय मैचों के पहले प्रतिद्वंदी इंग्लैंड के खिलाफ अपना पहला टी-20 अंतर्राष्ट्रीय मैच खेला। वर्तमान में महिला क्रिकेट टीम अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग की सूची में चौथे स्थान पर है।
प्रदर्शन
आज तक, भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने 36 टेस्ट मैच खेले हैं उनमें से 5 मैचों में जीत हासिल की, 6 मैचों में हार मिली और 25 मैच ड्रा रहे है। भारतीय महिला टीम ने 241 एकदिवसीय मैचों में से 132 मैचों में जीत दर्ज की है और 104 मैचों में हार का सामना किया है। इस टीम के लिए 2017 एक बेहतर वर्ष रहा है, क्योंकि इस वर्ष टीम ने 13 मैचों में से 12 मैचों में जीत हासिल की। जहाँ तक ट्वेंटी 20 अंतर्राष्ट्रीय (टी-20) मैचों का सवाल है, उसमें इस टीम ने 73 मैचों में से 37 मैचों में जीत हासिल की है। 2017 के विश्व कप में पहले से लेकर आज तक, भारतीय टीम ने 10 में से 8 संस्करणों में भाग लिया है और इस टीम ने वर्ष 2005 में दक्षिण अफ्रीका में आयोजित विश्व कप में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया था। महिला टीम अब तक वर्ल्ड टी-20 के सभी संस्करणों में खेल चुकी है और यह टीम वर्ष 2009 और वर्ष 2010 के संस्करणों में सेमीफाइनल तक पहुँचने में कामयाब रही थी।
इस टीम का भारत के घरेलू मैदानों पर क्रिकेट में बोल-बाला रहा है। यह 50 ओवरों वाले एकदिवसीय (2004, 2005, 2006, 2008, 2012, और 2016) में और 20 ओवरों वाले टी-20 (2012 और 2016) के प्रत्येक एशिया कप संस्करण में चैंपियन रही है। भारतीय महिला टीम ने दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए सभी टेस्ट मैंचो में जीत हसिल की है, लेकिन ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के खिलाफ कोई भी मैच जीतने में सफल नहीं हुई है। भारतीय महिला टीम ने बांग्लादेश, डेनमार्क, आयरलैंड, नीदरलैंड और पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए एकदिवसीय मैचों में से सभी मैचों में जीत हासिल की है, जबकि ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैचों में कम से कम प्रतिशत में जीत हासिल हुई है। भारतीय महिला टीम ने टी-20 में बांग्लादेश और दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ खेले गए सभी मैचों में जीत हासिल की है, जबकि इंग्लैंड के खिलाफ सफलता की दर सबसे कम है।
प्रमुख खिलाड़ी
भारतीय महिला राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के दो सबसे प्रमुख खिलाड़ी मिताली राज और झुलन गोस्वामी हैं। मिताली राज ने टेस्ट मैचों में 51 के औसत से सर्वाधिक 663 रन बनाए हैं। वहीं भारतीय महिला टीम की विकेट कीपर गोस्वामी ने 16.62 के औसत से 40 विकेट लेकर भारतीय टीम की सर्वाधिक विकेट लेने वाली खिलाड़ी बन गई हैं।
एकदिवसीय मैचों में राज ने 51.81 की औसत के साथ 5959 रन बनाये हैं, इसके बाद हरमनप्रीत कौर ने (33.72 की औसत से 1720 रन), पूनम राउत ने (31.04 की औसत से 1335 रन) और झूलन गोस्वामी ने (13.57 की औसत से 950 रन) बनाए हैं। गोस्वामी ने एकदिवसीय मैचों में 21.96 के औसत से गेंदबाजी कर 188 विकेट लिए हैं और एकता बिष्ट ने 19.46 की औसत से 69 विकेट लिए हैं।
भारतीय टीम में मिताली राज ने टी-20 मैचों में 37.95 की औसत के साथ 1708 रनों के साथ सर्वोच्च स्थान पर हैं, उसके बाद हरमनप्रीत कौर ने (24.95 की औसत से 1223 रन), वेद कृष्णमूर्ति ने (16.78 की औसत से 470 रन), स्मृति मंधाना ने (17.66 की औसत से 424 रन) और झूलन गोस्वामी ने (14.73 की औसत से 391 रन) बनाए हैं। गोस्वामी टी-20 प्रारूप में अग्रणी विकेट लेने वाली खिलाड़ी हैं और उनके नाम 20.90 की औसत के साथ 50 विकेट दर्ज हैं। इसके बाद एकता बिष्ट (14.84 की औसत से 45 विकेट), पूनम यादव (12.29 के औसत से 34 विकेट) और अनुजा पाटिल ने (20.28 की औसत से 21 विकेट) लिए हैं।
ऐसा लगता है कि आने वाले वर्षों में हरमनप्रीत कौर, स्मृति मंधाना, और एकता बिष्ट उन नामों में से एक होगीं, जो टीम को ऊचाँई पर पहुँचाने में बड़ी भूमिका निभाएंगी।
प्रतिष्ठा का सवाल
भारत में महिलाओं का क्रिकेट मान्यता और प्रतिष्ठा जैसे प्रश्नों का सामना करना प्रमुख मुद्दों में से एक है। भारतीय पुरुषों की टीम के समान महिला टीम को उचित दर्जा नहीं मिलता है। लेकिन हम सभी को निष्पक्ष रहना चाहिए। भारतीय महिला राष्ट्रीय टीम कभी भी किसी प्रमुख अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट ट्राफी को नहीं जीत पाई है, जबकि पुरुष टीम ने पहले से ही तीन विश्व कप और एक चैंपियंस ट्रॉफी को अपने नाम कर रखा है। लोगों को लगता है कि महिला टीम की एक बड़ी जीत इनके खेल में कुछ रुचि पैदा कर सकती है। इस रुचि को पैदा करने का एक बढ़िया तरीका महिला आईपीएल लीग की शुरूआत है। वास्तव में, ऑस्ट्रेलिया और इंग्लैंड पहले से ही महिलाओं के लिए टी -20 लीग का आयोजन कर रहे हैं। भारत भी महिला टीम के लिए इन देशों का अनुसरण कर सकता है और दुनिया भर के शीर्ष क्रिकेटरों को यहाँ खेलने के लिए आमंत्रित कर सकता है, ताकि लोगों की महिला टीम के प्रति दिलचस्पी बढ़ सके। महिलाओं के खेल के लिए प्रायोजकों से भी मिला जा सकता है और यह तरीका एक परिणाम के रूप में कामयाब हो सकता है।
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