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लालू प्रसाद यादव की जीवनी

जनता के प्रिय और मीडिया का पसंदीदा व्हपिंग बॉय, लालू प्रसाद यादव एक ऐसे व्यक्ति हैं जो रूढ़िवादियों की उपेक्षा करते हैं। इनका जन्म 11 जून 1948 को बिहार के गोपालगंज जिले के फुलवारिया में एक गरीब किसान परिवार के घर हुआ था, वर्तमान में वह केंद्रीय रेल मंत्री है। लालू प्रसाद जी ने सात वर्षों (1990 से 1997 तक) तक बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया है। 1 जून 1973 को वह रावड़ी देवी के साथ वैवाहिक सूत्र में बँध गए। पटना विश्वविद्यालय में अपने विद्यार्थी दिनों के दौरान, लालू प्रसाद राजनीति में शामिल हो गए और बाद में 1977 में 6वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए, साथ ही 29 साल की उम्र में सबसे कम उम्र के सदस्य बन गए।

वह 1980 से 1989 तक बिहार विधान सभा के सदस्य रहे। 1996 में चारा घोटाले के आरोपी होने के बाद उन्हें बिहार के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद, इन्होंने अपनी पत्नी को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया। लालू प्रसाद यादव ने 1997 में जनता दल (आरजेडी) से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल के नाम से नयी पार्टी बनाई। 14वीं लोकसभा के लिए बिहार के छपरा और माधेपुरा सीटों से चुने गए, वह वर्तमान यूपीए गठबंधन सरकार में रेल मंत्री बने।

उनकी सबसे उल्लेखनीय उपलब्धि, भारतीय रेलवे में वित्तीय बदलाव करना है। जब लालू ने रेलमंत्री का पदभार संभाला था, तब भारतीय रेलवे घाटे में थी और विशेषज्ञों ने अनुमान लगाया था कि इसके नुकसान की भरपाई आने वाले वर्षों में ही पूरी हो पाएगी। यह श्रेय लालू प्रसाद जी को जाता है कि वह भारतीय रेलवे को घाटे से निकालने में सफल रहे और उन्होंने घाटे की भरपाई करने के साथ लगभग 20,000 करोड़ रुपये की बचत भी की। यह भारत और विदेशों के कई प्रबंधन संस्थानों में लालू यादव के कुशल प्रबंधन से हुई भारतीय रेलवे की कयाकल्प एक शोध का विषय बन गई, साथ हीलालू प्रसाद जी को व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया। लालू जनसाधारण के बीच बेहद लोकप्रिय हैं, उनके बारे में कई किताबें लिखी गईं और उनके सम्मान में गीतों का निर्माण किया गया। जब तब, लालू-ब्रांड गुड़िया, तम्बाकू, चॉकलेट, सौंदर्य प्रसाधन बाजारों में काफी सफल हुए हैं।

बदनामी भी उनके हिस्से में आई और कई बार जेल भेज गया। कई गलत कारणों से उनके साले समाचारों में बहुत छाए रहे। वह बॉलीवुड में बहुत लोकप्रिय हो गए हैं और छोटे परदे परकई अभिनेताओं द्वारा उनकी नकल भी की गई। लालू प्रसाद यादव ने 2004 की हिंदी फिल्म पद्मश्री में एक कैमियो भूमिका भी निभाई।

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