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मोरारजी देसाई की जीवनी

मोरारजी देसाई एक बहुत ही साधारण पृष्ठभूमि से निकलकर भारत के प्रधानमंत्री बने और भारत के प्रधानमंत्री बनने वाले पहले गैर-कांग्रेसी उम्मीदवार थे। मोरारजी देसाई का जन्म 29 फरवरी 1896 को गुजरात के एक छोटे से गाँव में हुआ था।  मोरारजी देसाई सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल हुए और उनके उत्कृष्ट नेतृत्व कौशल की वजह से, गुजरात में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता बन गए। मोरारजी देसाई ने वर्ष 1952 में बॉम्बे के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया और साथ ही साथ कांग्रेस के नेता होने का भी पदभार संभाला। मोरारजी देसाई के जवाहरलाल नेहरू के साथ संबंध काफी अच्छे नहीं थे, क्योंकि समाजवाद के प्रति उनके विचारों का विरोध करते थे।

मोरारजी देसाई इंदिरा गांधी के शासनकाल के दौरान उप प्रधानमंत्री बने। वर्ष 1969 में इंदिरा गांधी के साथ दरार पड़ने के बाद, मोरारजी देसाई ने कांग्रेस पार्टी (ओ) का गठन किया, जबकि इंदिरा गांधी ने कांग्रेस (आई) का गठन किया। आपातकाल के बाद, वर्ष 1977 के चुनाव में उनकी पार्टी ने लंबे समय के प्रतिद्वंदियों, क्षेत्रीय दलों और अन्य लोगों के साथ मिलकर एक नयी जनता पार्टी बनाई, जिसकी चुनाव में जीत हुई। मोरारजी देसाई भारत के प्रधानमंत्री बन गए।

यह पहली गठबंधन वाली सरकार थी, लेकिन इसमें एकता के बिना एकता थी। जिसके कारण मोरारजी देसाई के कामों में बहुत रुकावट डाली, लेकिन उनके खाते में कई उपलब्धियां शामिल हुई। मोरारजी देसाई की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से कुछ उपलब्धियां ऐसी थी जिन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच सामान्य संबंधों को बहाल किया था। मोरारजी देसाई का सबसे महत्वपूर्ण योगदान, लोकतंत्र में लोगों की धार्मिक निष्ठा का नवीनीकरण करना था।

उन्होंने आपातकाल के दौरान कई संवैधानिक संशोधन किए और कई संशोधनों को पारित किया, जिसने कारण भविष्य में आने वाली किसी भी सरकार को राष्ट्रीय आपातकाल में लाने से रोका। वर्ष 1979 में बीएलडी इनके गठबंधन से अलग हो गया, तब मोरारजी देसाई ने अपने पद और राजनीति से इस्तीफा दे दिया।

मोरारजी देसाई के राजनीतिक जीवन में शायद एक ही काला धब्बा है और संभवत: वह उनके अन्तिम दिनों तक साथ रहेगा और एक पत्रकार द्वारा यह प्रकाशित किया गया था किसी आईए (सेन्ट्रल इन्टेलिजेन्स एजेन्सी) के साथ मोरारजी देसाई के संबंध थे और इस संबंध को मोरारजी देसाई 10 अप्रैल 1995 में अपने जीवन के आखिरी दिनों (मृत्यु) तक इनकार करते रहे।

 

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