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नीलम संजीव रेड्डी की जीवनी

नीलम संजीव रेड्डी भारत के छठे राष्ट्रपति थे, जिन्होंने 1977 से 1982 तक राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया था। नीलम संजीव रेड्डी का जन्म 18 मई 1913 को आंध्र प्रदेश के एक कृषक परिवार में हुआ था। नीलम संजीव रेड्डी ने मद्रास (वर्तमान में चेन्नई) से अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की थी। नीलम संजीव रेड्डी के स्कूल का माहौल आध्यात्मिक था, जिसने उनकी युवा – स्मरणशक्ति पर एक गहरा प्रभाव डाला।

संजीव रेड्डी के जीवन में महत्वपूर्ण बदलाव तब आया जब वह पहली बार महात्मा गांधी से मिले, जो जुलाई 1929 में अनंतपुर का दौरा कर रहे थे। संजीव रेड्डी महात्मा गांधी के शब्दों, विचारों, आदर्शों, और कार्यों से बेहद प्रभावित हुए। संजीव रेड्डी गांधी जी के परम अनुयायी बन गए और विदेशी कपड़ों को त्याग कर खादी से बने कपड़े पहनना शुरू कर दिया। संजीव रेड्डी का अपनी मातृभूमि के प्रति समर्पण और बलिदान ऐसा था कि अपनी पढ़ाई छोड़कर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भाग ले लिया।

वर्ष 1946 के बाद में नीलम संजीव रेड्डी मद्रास विधानसभा के लिए चुने गए और मद्रास कांग्रेस विधायक दल के सचिव बने। नीलम संजीव रेड्डी वर्ष 1947 में संविधान सभा के सदस्य बने। उन्होंने कुछ समय तक निषेध मंत्री के रूप में भी कार्य किया। वर्ष 1951 में नीलम संजीव रेड्डी को आंध्र प्रदेश की कांग्रेस समिति के अध्यक्ष के रूप में चुना गया और बाद में वह राज्यसभा के सदस्य बन गए थे। इसके अलावा, नीलम संजीव रेड्डी ने वर्ष 1959 से 1962 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया।

नीलम संजीव रेड्डी ने केंद्र सरकार में कई महत्वपूर्ण पदों का आयोजन किया। नीलम संजीव रेड्डी को 17 मार्च 1967 और फिर 26 मार्च 1977 को लोकसभा स्पीकर (अध्यक्ष) के रूप में चुना गया था। अंत में जुलाई 1977 में निर्वाचन मंडल ने नीलम संजीव रेड्डी को भारत के राष्ट्रपति के रूप में चुना। 1 जून 1996 को उनका निधन हो गया।

 

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