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प्रोतिमा बेदी की जीवनी

प्रोतिमा बेदी या प्रोतिमा गौरी का जन्म वर्ष 1994 में हरियाणा में एक व्यापारी पिता और एक बंगाली माँ के यहाँ हुआ था। प्रोतिमा बेदी 1960 के दशक की प्रसिद्ध मॉडलों में से एक थीं। मॉडलिंग  के दौरान, प्रोतिमा बेदी की मुलाकात  कबीर बेदी से हुई थी। प्रोतिमा बेदी ने वर्ष 1969 में कबीर बेदी से शादी कर ली और उनके दो बच्चे पूजा और सिद्धार्थ हैं।

भुलाभाई स्मारक संस्थान की यात्रा की एक घटना ने हमेशा के लिए प्रोतिमा बेदी के जीवन को बदल दिया था। प्रोतिमा बेदी ओडिसी नृत्य प्रदर्शन को देखने के बाद काफी प्रभावित हुईं और उन्होंने ओडिसी नृत्य सीखने का फैसला किया और गुरु केलुचरण महापात्र की शिष्या बन गईं। ओडिसी की जटिल लय, परिष्कृत हाथों और आँखों के हाव-भाव को देखने के बावजूद भी उन्होंने हार नहीं मानी और दिन में 12 से 14 घंटे तक उसका अभ्यास किया। प्रोतिमा बेदी ने नृत्य में दक्षता हासिल करने के लिए मद्रास के गुरु कलानिधि नारायण से नृत्य कला का प्रशिक्षण लेना शुरू किया।

नृत्य की इस भक्त ने मुंबई के पृथ्वी थिएटर में अपना स्वयं का नृत्य विद्यालय खोला, जिसे बाद में ओडिसी नृत्य केंद्र के रूप में जाना जाने लगा। प्रोतिमा बेदी ने छात्रों को प्रशिक्षण देने के लिए बैंगलौर के बाहरी इलाके में ‘नृत्यग्राम’ नामक गाँव की स्थापना की। गुरु शिशु परम्परा के सिद्धांत पर स्थापित इस नृत्यग्राम का 11 मई 1990 को उद्घाटन किया गया था।

वर्ष 1998 में प्रोतिमा बेदी कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए गईं और भूस्खलन के बाद उनका कहीं पता नहीं चला। वह मॉडल, जिसने ओडिसी की साधना करने के लिए खुद को पूरी तरह से समर्पित कर दिया था, हमेशा के लिए खो गई।

प्रोतिमा बेदी की आत्मकथा टाइमपास, उनके मरणोपरांत उनकी बेटी पूजा बेदी द्वारा प्रकाशित की गई थी।

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