सुनीता विल्लियम्स की जीवनी  

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सुनीता लिन विलियम्स, जिनका जन्म 19 सितम्बर, 1965 को ओहियो में हुआ, वर्तमान में संयुक्त राज्य अमेरिका के अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के अभियान 14 के एक सदस्य के रूप में कार्यरत हैं। नासा की एक अंतरिक्ष यात्री, ये स्वर्गीय कल्पना चावला के बाद नासा द्वारा चयनित भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं।
उन्होंने माइकल जे विलियम्स से शादी की, उनके परिवार की जड़ें उनके पिता की ओर से गुजरात से जुडी हुई हैं । वह अंतरिक्ष में गीता की एक प्रति, श्री गणेश की एक छोटी प्रतिमा और कुछ समोसे लेकर गयी। उन्होंने फ्लोरिडा प्रौद्योगिकी संस्थान से इंजीनियरिंग प्रबंधन में स्नातकोत्तर किया।

नासा के साथ उनका कार्यकाल 1998 में शुरू हुआ। उन्होंने अंतरिक्ष में अंतरिक्ष शटल मिशन एसटीएस 116 के तहत उड़ान भरी, 10 दिसंबर 2006 को वो शटल डिस्कवरी पर सवार हुई। एसटीएस 117 की ये मिशन विशेषज्ञा जब पृथ्वी पर 22 जून, 2007 को वापिस उतरी तब तक उनके नाम के आगे ढेर सारी उपलब्धियां जुड चुकी थी।

ये प्रसिद्ध वैज्ञानिक ऐसी पहली महिला अंतरिक्ष यात्री बनी जिन्होंने 195 दिनों तक अंतरिक्ष में रहने के साथ साथ चार बार अंतरिक्ष की सैर की जिसकी कुल अवधि 29 घंटे और 17 मिनट है।

सितम्बर 2007 में, भारत की अपनी यात्रा पर सुनीता विलियम्स ऐसी पहली अनिवासी भारतीय बनी जिनको विश्व गुजराती समाज द्वारा सरदार वल्लभभाई पटेल प्रतिभा पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

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