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पी.वी.सिंधु की जीवनी

पी.वी. सिंधु जिनको हम पुसरला वेंकट सिंधु के नाम से भी जानते हैं, जोकि वर्ष 2016 के रियो समर ओलंपिक की एक शानदार बैडमिंटन खिलाड़ी और रजत पदक विजेता हैं। आंध्र प्रदेश की इस युवा बैडमिंटन खिलाड़ी का जन्म सन् 1995 में पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी पी.वी. रमण और पी.विजया के यहाँ हुआ था। सिंधु के पिता को अपने खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए अर्जुन पुरुस्कार से सम्मानित किया गया था। सिंधु को वर्ष 2014 के अधिकांश बैडमिंटन खेलों के लिए शीर्ष 10 की रैंकिंग में शामिल किया गया है, वर्तमान समय में सिंधु सबसे कम उम्र की प्रतिभावान बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक हैं।

प्रारंभिक जीवन –

वर्ष 2001 में ऑल इंग्लैंड ओपन बैडमिंटन चैम्पियनशिप बने पुलेला गोपीचंद की जीत से प्रेरणा लेकर और उनसे प्रभावित होकर बैडमिंटन को अपने कैरियर के रूप में चुना, सिंधु ने महज आठ वर्ष की आयु से बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था और यही कारण है कि क्यों उन्होंने वॉलीबॉल की जगह बैडमिंटन को चुना, जबकि उनके माता-पिता पेशेवर वॉलीबॉल खिलाड़ी हैं। सिकंदराबाद में इंडियन रेलवे इंस्टीट्यूट ऑफ सिग्नल इंजीनियरिंग और दूरसंचार की बैडमिंटन अदालत (खेल का मैदान) में महबूब अली के मार्गदर्शन में अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरूआत की। इसके बाद, वह अपने खेल की कुशलता को बढ़ाने के लिए पुलेला गोपीचंद की बैडमिंटन अकादमी में शामिल हो गई।

घरेलू क्षेत्र में सिंधु का प्रदर्शन –

  • सिंधु को सबसे ज्यादा पहचान 5वें सर्वो ऑल इंडिया रैंकिंग चैम्पियनशिप के रूप में अंडर-10 श्रेणी के लिए मिली।
  • सिंधु ने ऑल इंडिया रैंकिंग में अंबुजा सीमेंट की ओर से एकल खिताब जीता।
  • सिंधु ने आईओसी अखिल भारतीय रैंकिंग में अंडर 13 श्रेणी में कृष्णा खेतान ऑल इंडिया टूर्नामेंट, उप-जूनियर राष्ट्रीय और पुणे में अखिल भारतीय रैंकिंग में युगल किताब जीती।
  • सिंधु ने अंडर-14 की श्रेणी में भारत में 51 वें राष्ट्रीय स्कूल के खेलों में स्वर्ण पदक जीता।
पी.वी. सिंधु के बारे में तथ्य और जानकारी
पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु
व्यवसाय भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी
जन्म 5 जुलाई, 1995
उम्र (2016 में) 21 साल
पिता पी.वी. रमण
माता पी. विजया
जन्म स्थान हैदराबाद, भारत
राष्ट्रीयता भारतीय
गृहनगर हैदराबाद, भारत
कॉलेज सेंट ऐन्स कॉलेज फॉर वुमेन, मेंहदीपट्टनम
ऊँचाई सेंटीमीटर में – 179 सेमी
वजन किलोग्राम में – 65 किलोग्राम औरपाउंड में- 150 एलबीएस
अंतर्राष्ट्रीय शुरुआत कोलंबो में 2009 के उप-जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप
कोच पुलेला गोपीचंद
हाथ का इस्तेमाल दायां

अंतर्राष्‍ट्रीय क्षेत्र में सिंधु का प्रदर्शन-

पी.वी.सिंधु ने वैश्विक क्षेत्र में एक आशाजनक खिलाड़ी के रूप में खुद को खेल में उतारने और उसमें शामिल होने में अधिक समय नहीं लिया:

  • सिंधु ने कोलंबो में आयोजित 2009 के उप-जूनियर एशियाई बैडमिंटन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता था।
  • इस स्टार खिलाड़ी ने वर्ष 2010 में ईरान फज्र अंतर्राष्ट्रीय बैडमिंटन चैलेंज में महिला एकल में रजत पदक जीता।
  • सिंधु को वर्ष 2010 में उबर कप के दौरान राष्ट्रीय टीम में जगह मिली।

पी.वी. सिंधु की आधुनिक पहचान-

  • 7 जुलाई 2012 को सिंधु ने एशिया युवा अंडर-19 चैम्पियनशिप जीती। उसी वर्ष वह चीन से लंदन ओलंपिक की स्वर्ण पदक विजेता बनी और ली निंग चीन मास्टर्स सुपर सीरीज टूर्नामेंट के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।
  • सिंधु ने अपने प्रदर्शन से मलेशियन ओपन 2013 में उन्होंने प्रथम ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड खिताब जीता।
  • सिंधु के कैरियर का सबसे अच्छा पल उस साल आया जब वह विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में महिला एकल में भारत की पहली मेडलिस्ट बनी।
  • पी.वी. सिंधु ने 2013 के अंत में मकाउ ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड खिताब और अर्जुन पुरुस्कार जीतकर खुशी जाहिर की और यह देश के हर एक खिलाड़ी के लिए सर्वोच्च सम्मान में से एक है।
  • वर्ष 2014 में, सिंधु विश्व  बैडमिंटन चैंपियनशिप में बैक-टू-बैक पदक जीता और ऐसा करने वाली पहली भारतीय बनी।
  • वर्ष 2015 में, सिंधु डेनमार्क ओपन की ओर से खेली थी और तीसरे वरीयता प्राप्त खिलाड़ियों ताई त्जू-यिंग, वांग यिहान और कैरोलिना मारिन को हराकर फाइनल तक पहुँच गई थी। उसी वर्ष नवंबर में,सिंधु ने जापान की मिनात्सू मितानी को हराया और मकाऊ ओपन ग्रांड प्रिक्स गोल्ड में लगातार एकल महिला का खिताब जीता।
  • वर्ष 2016 मलेशिया, जहाँ पर उन्होंने स्कॉटलैंड की क्रिस्टी गिल्मर को हराया था, मास्टर्स ग्रांड प्रिक्स गोल्ड फाइनल में महिला एकल खिताब जीतकर दूसरी उपलब्धि हासिल की। अगस्त में, वह विश्व के दूसरे नम्बर की वांग यिहान को हराने के बाद 2016 के ग्रीष्मकालीन ओलंपिक में महिलाओं की एकल स्पर्धा के सेमीफाइनल में पहुँच गई।
  • सिंधु ने रियो ओलंपिक में महिलाओं की एकल सेमीफाइनल में जापान की नोजोमी ओकुहारा को हराकर फाइनल तक पहुँचने का इतिहास बनाया। उसने फाइनल में रजत पदक जीता, जबकि स्पेन के कैरोलिना मारिन ने स्वर्ण पदक जीता है।
  • सिंधु ने कैरोलिना मारिन को हराया और 2017 इंडिया ओपन सुपरसीरीज का खिताब जीता।

सम्मान-

  • सिंधु ने वर्ष 2015 में पद्म श्री प्राप्त किया, जो भारत का चौथा उच्चतम  नागरिक पुरुस्कार है।
  • वर्ष 2014 में, सिंधु को एफ आई सी सी आई ब्रेकथ्रू  स्पोर्ट्स पर्सन का पुरुस्कार मिला।
  • वर्ष 2014 में, सिंधु को एनडीटीवी से इंडियन ऑफ दि इयर का पुरुस्कार मिला।
  • वर्ष 2016 में, सिंधु को राजीव गांधी खेल रत्न पुरुस्कार मिला 

पी.वी. सिंधु के बारे में कुछ तथ्य

  • सिंधु  की प्रशिक्षण  प्रक्रिया से अब तक उनके कई प्रशंसक  अवगत नहीं हैं। 19-वर्षीय सिंधु कथित तौर पर पिछले तीन सालों से प्रत्येक दिन अपने कोच के साथ सुबह चार बजकर पन्द्रह  मिनट से अभ्यास करना शुरू कर देती हैं।
  • पी.वी. सिंधु  को  वर्ष 2014 का एनडीटीवी इंडियन ऑफ दि इयर नामित किया गया था। उसी वर्ष, नई दिल्ली में आयोजित उबर कप  2014 में कांस्य जीतकर सिंधु देश का गौरव  बनी। पिछले  वर्ष, सिंधु ने चीन द्वारा आयोजित  2013  बीडब्ल्यूएफ विश्व चैंपियनशिप में महिलाओं की एकल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता था।
  • उसने विश्व बैडमिंटन चैंपियनशिप में दो बैक-टू-बैक पदक जीतने वाली पहली भारतीय बनकर इतिहास लिख दिया।
  • पुलेला गोपीचंद के कुछ शब्द सिंधु का खेल के प्रति समर्पण और वचन बद्धता के सबसे अच्छे सुझाव के बारे में हैं: “सिंधु के खेल में सबसे महत्वपूर्ण विशेषता उनका  रवैया है और कहते हैं कि स्वभाव की छाप कभी कम नहीं होती।”
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