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सैयद किरमानी की जीवनी

सैयद मुजतबा हुसैन किरमानी या सैयद किरमानी, जिन्हें हम सभी अच्छी तरह से जानते है, उनका जन्म 29 दिसंबर 1949 को मद्रास में या वर्तमान चेन्नई के तमिलनाडु में हुआ था। जिनको भारत के आज तक के सबसे बेहतरीन विकेटकीपर के रूप में जाना जाता है, किरमानी ने 1971 और 1974 में भारत के इंग्लैंड दौरे और 1975 के क्रिकेट विश्व कप तथा फारुख इंजीनियरिंग करते समय क्रिकेट खेलना शुरू किया। किरमानी ने न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी पहली पारी की शुरूआत की थी और अपने दूसरे टेस्ट मैच में ही एक पारी में छह विकेट के विश्व रिकॉर्ड की बराबरी करके शानदार जीत दर्ज की थी।

अगले ही वर्ष न्यूजीलैंड के दौरे के दौरान भारत में किरमानी ने बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया। 1979 के क्रिकेट विश्व कप और इंग्लैंड दौरे के बाद किरमानी को निकाल दिया गया। 1979-80 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सीरीज के लिए उन्हें टीम में वापस बुलाया गया। 1983 क्रिकेट विश्व कप में किरमानी को सर्वश्रेष्ठ विकेटकीपर पुरस्कार मिला। हालांकि, किरमानी को एक बार फिर से टीम से हटा दिया गया लेकिन 1985-86 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे के लिए भारतीय टीम में उनकी फिर से वापसी हुई।

वर्ल्ड कप सीरीज मैच में एलन बॉर्डर को आउट करने के चक्कर में कैच लेने के दौरान किरमानी को चोट लग गई, जिससे उन्हें टूर्नामेंट के बचे मैचों से बाहर निकलने के लिए मजबूर होना पड़ा था, जिससे प्रभावी ढंग से इनका अंतर्राष्ट्रीय करियर समाप्त हो गया। बाद में, उन्होंने कर्नाटक में आंतरिक क्रिकेट और रेलवे के लिए क्रिकेट खेला। किरमानी ने बॉलीवुड की फिल्म ‘कभी अजनबी थे’ में अभिनय भी किया हैं। किरमानी ने 1983 के विश्व कप में भारत की जीत में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इन्होंने अपने करियर में 88 टेस्ट मैचों में कुल 2759 रन बनाए जिसमें उनका 102 रन का सर्वोच्च स्कोर हैं, जबकि उन्होंने 49 एक दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय मैचों में कुल 373 रन बनाए, जिसमें उनका उच्चतम स्कोर 48 था।

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