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जहीर खान की जीवनी

जहीर खान एक पूर्व उत्कृष्ट भारतीय क्रिकेटर हैं और जहीर खान वर्ष 2000 से वर्ष 2014 तक भारतीय राष्ट्रीय क्रिकेट टीम में एक महत्वपूर्ण तेज गेंदबाज के रुप में शामिल रहे। वह भारतीय टीम की ओर से तेज गति से गेंदबाजी करने के लिए विख्यात थे।

उन्होंने बड़ौदा के लिए खेलते हुए अपने क्रिकेट कैरियर की शुरूआत की थी। जहीर खान कई चीजों जैसे गेंद को विकेट से बाहर निकालने, पुरानी गेंद से गति के साथ स्विंग कराने और रिवर्स स्विंग कराने की क्षमता के लिए जाने जाते हैं।

जहीर खान एक प्रो स्पोर्ट फिटनेस एंड सर्विस नामक पुनर्नियुक्त और प्रशिक्षण केंद्र चलाते है।

व्यक्तिगत जीवन

जहीर खान का जन्म 7 अक्टूबर 1978 को महाराष्ट्र में श्रीरामपुर के एक मराठी मुस्लिम परिवार जाकिया और बख्तियार खान के यहाँ हुआ था। उनके दो भाई-बहन जीशान और अनीस हैं। उन्होंने न्यू मराठी प्राथमिक विद्यालय और श्रीरामपुर में के. जे. सोमैया सेकेंडरी स्कूल में अध्ययन किया। जहीर खान की अभिनेत्री ईशा शरवानी के साथ आठ साल तक स्वच्छंदतापूर्वक गुफ्तगूं चली थी।

व्यवसाय

आईसीसी नॉकआउट ट्राफी के दौरान जहीर खान ने बांग्लादेश और केन्या के खिलाफ अपने पहले टेस्ट और एकदिवसीय मैचों की शुरुआत की थी। जहीर खान ने भारत की प्रमुख टीमों एसीसी एशियाई इलेवन, बड़ौदा, सूरी और वोस्टरशायर का प्रतिनिधित्व किया है।

जहीर खान बाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं और जो कई मौकों पर भारत की ओर से तेज गेंदबाजी की शुरुआत करते थे। वह गेंद को दोनों तरफ स्विंग करने की क्षमता के लिए मशहूर है। वह मध्यम क्रम के एक कुशल बल्लेबाज भी हैं। जहीर के शानदार क्रिकेट कैरियर में, बैंगलोर के नेशनल क्रिकेट अकादमी (अब बैंगलुरु) का बहुत बड़ा योगदान है। वर्ष 2000 में बांग्लादेश के खिलाफ ढाका में अपने टेस्ट क्रिकेट की शुरूआत की थी। परीक्षण में चोट पता लगने के बावजूद भी जहीर खान ने 45 मैचों के टेस्ट कैरियर में 134 विकेट लिए और जिसमें उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी 5/29 के साथ 578 रन भी शामिल हैं।

वर्ष 2000 में नैरोबी में होने वाली आईसीसी नॉकआउट ट्राफी में केन्या के खिलाफ अपने एक दिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच की शुरुआत की थी। तब से, उन्होंने 120 एकदिवसीय मैचों में 177 विकेट लेने के साथ 506 रन बनाए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5/42 शामिल है। वर्ष 2003 में होने वाले क्रिकेट विश्व कप में, उनके योगदान के कारण भारत फाइनल में पहुँचने में कामयाब हुआ था, जिसमें उन्होने सबसे अधिक चार विकेट लिए थे। वर्ष 2003 के विश्व कप में, जहीर खान ने 11 मैचों में 18 विकेट लिए थे, जिनमें उनका औसत 20 रन प्रति विकेट था।

शानदार प्रदर्शन के बावजूद, जहीर खान को वर्ष 2004 में चोट के कारण पाकिस्तान के दौरे से बाहर होना पड़ा था। चोट लगने के बाद, अपने खराब प्रदर्शन से जूझने के कारण, वह टीम में अपना स्थान बरकरार रखने में सफल नही हो पाए और अंततः उन्हें भारतीय घरेलू क्रिकेट और विदेशी क्रिकेट के माध्यम से अपने आप को साबित करने की सलाह दी गई। वर्ष 2006 के उत्तरार्ध में उन्हें फिर से टेस्ट और वनडे टीम में शामिल किया गया, जिसके बाद वह लगातार अपने बेहतर प्रदर्शन की बदौलत वर्ष 2007 में होने वाले आईसीसी क्रिकेट विश्व कप में अपनी जगह सुनिश्चित करने में सफल हुए।

जहीर ने 15 अक्टूबर 2015 को प्रथम श्रेणी और अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास ले लिया था। एक ट्वीट में उन्होंने आईपीएल 9 में खेलने की इच्छा व्यक्त की थी।

जहीर खान के नाम कई बेहतरीन रिकॉर्ड हैं:

  • ढाका में वर्ष 2004 में बांग्लादेश के खिलाफ अपना सबसे ज्यादा टेस्ट स्कोर 75 रन बनाकर, 11 अंक का रिकॉर्ड हासिल किया था।
  • वह वर्ष 2003 के विश्व कप में सबसे अधिक विकेट लेने वाले खिलाड़ियों में चौथे स्थान पर हैं।
  • उन्होंने सचिन तेंदुलकर के साथ दसवें विकेट की साझेदारी का भी भारतीय रिकॉर्ड बनाया, जिसमें 133 रन का योगदान शामिल है।
  • वह प्रदेश स्तर पर होने वाले क्रिकेट में, समरसेट के खिलाफ 100 ओवरों के मैच में 10 विकेट लेने वाले पहले वोस्टरशायर खिलाड़ी बन गए थे।

उपलब्धियाँ और पुरस्कार

  • टेस्ट क्रिकेट: वह 5 बार मैन ऑफ द मैच और 3 बार मैन ऑफ द सीरीज से नवाजे जा चुके हैं।
  • एकदिवसीय क्रिकेट: वह 6 बार मैन ऑफ द मैच और 1 बार मैन ऑफ द सीरीज से पुरुष्कृत हो चुके है।
  • वह अर्जुन पुरस्कार को भी अपने नाम कर चुके हैं।
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