भारत के उपराष्ट्रपति का पद राष्ट्रपति के बाद भारत सरकार का दूसरा सबसे बड़ा संवैधानिक पद है। भारतीय संविधान के अनुच्छेद 65 के अनुसार, राष्ट्रपति के इस्तीफा, मौत या राष्ट्रपति द्वारा कर्तव्यों को पूरा करने में असमर्थता पर उपराष्ट्रपति द्वारा राष्ट्रपति के कृत्यों का निर्वहन किया जाता है। उपराष्ट्रपति का कार्यकाल पांच वर्ष का होता है लेकिन अगर राष्ट्रपति के कार्यों को पूरा करने के लिए कोई भी नहीं है या जब तक उत्तराधिकारी कार्यालय का कार्यभार न संभाल ले तब तक उपराष्ट्रपति के कार्यकाल को बढ़ाया जा सकता है।
स्वतंत्रता के बाद, 1950 से पद की शुरुआत में, कुल 13 उपराष्ट्रपतियों ने भारत के इस पद को सुशोभित किया है।
भारत के उप-राष्ट्रपतियों की विस्तृत सूची
इस सूची में भारत के उन सभी उप-राष्ट्रपतियों के नाम शामिल हैं जिन्होंने अब तक इस पद को संभाला है। उनमें से कुछ ने अनियमितताओं के मामले में कार्यवाहक राष्ट्रपतियों के रूप में भी कार्य किया है और कुछ भारत के राष्ट्रपति बनने में सफल हुए हैं।
क्रम संख्या |
नाम |
पार्टी का नाम |
कार्यकाल (प्रारंभ तिथि) |
कार्यकाल (समाप्ति तिथि) |
1 | एम वेंकैया नायडू | भारतीय जनता पार्टी | 11 अगस्त 2017 | कार्यरत |
2 | मोहम्मद हामिद अंसारी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 11 अगस्त 2007 | 11 अगस्त 2017 |
3 | भैरोंसिंह शेखावत | भारतीय जनता पार्टी | 19 अगस्त 2002 | 21 जुलाई 2007 |
4 | कृष्ण कांत | जनता दल | 21 अगस्त 1997 | 27 जुलाई 2002 |
5 | के.आर नारायण | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 21 अगस्त 1992 | 24 जुलाई 1997 |
6 | शंकरदयाल शर्मा | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 3 सितम्बर 1987 | 24 जुलाई
1992 |
7 | रामस्वामी वेंकटरमण | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 31 अगस्त 1984 | 24 जुलाई 19 87 |
8 | मोहम्मद हिदायतुल्लाह | निर्दलीय | 31 अगस्त 1979 | 30 अगस्त 19 84 |
9 | बासप्पा दनप्पा जत्ती | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस | 31 अगस्त 1974 | 30 अगस्त 19 79 |
10 | गोपाल स्वरूप पाठक | निर्दलीय | 31 अगस्त 1969 | 30 अगस्त 19 74 |
11 | वराहगिरी वेंकट गिरी | निर्दलीय | 31 मई 1967 | 3 मई 1969 |
12 | जाकिर हुसैन | निर्दलीय | 13 मई 1962 | 12 मई 1967 |
13 | सर्वपल्ली राधाकृष्णन | निर्दलीय | 13 मई 1952 | 12 मई 1962 |
भारत के राष्ट्रपतियों की सूची की जांच करें
1. सर्वपल्ली राधाकृष्णन
कार्यकाल: 13 मई 1952 से – 12 मई 1962, 10 वर्षों तक
पार्टी: निर्दलीय
सर्वपल्ली राधाकृष्णन एक प्रतिष्ठित दार्शनिक और एक विद्वान थे जिन्होंने 1952 से 1962 तक स्वतंत्र भारत के प्रथम उप-राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। उन्होंने इस पद पर लगातार दो बार सेवा की। भारत के उपराष्ट्रपति होने के नाते, उन्हें 1954 में भारत रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अंततः वह 1962 में भारत के दूसरे राष्ट्रपति बने।
2. जाकिर हुसैन
कार्यकालः 13 मई 1962 से – 12 मई 1967, 5 साल तक
पार्टीः निर्दलीय
1962 में जाकिर हुसैन को भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था। यह एक ऐतिहासिक क्षण था क्योंकि उस समय वह इस तरह के एक प्रतिष्ठित पद को प्राप्त करने वाले एकमात्र मुस्लिम थे। उन्होंने इस पद का पूरे पांच साल तक कार्यभार संभाला जिसके बाद वह 13 मई, 1967 को भारत के तीसरे राष्ट्रपति के रूप में चुने गए। वह एक ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने अक्टूबर 1920 में अलीगढ़ में राष्ट्रीय मुस्लिम विश्वविद्यालय की स्थापना का नेतृत्व किया।
3. वराहगिरी वेंकट गिरी
कार्यकालः 13 मई 1967 से – 3 मई 1969, 2 साल तक
पार्टीः निर्दलीय
वराहगिरी वेंकट गिरि 13 मई, 1967 को भारत के तीसरे उपराष्ट्रपति चुने गए थे। वराहगिरी वेंकट गिरि 3 मई 1969 दो वर्ष तक ही इस पद पर स्थित रहे क्योंकि उसी तिथि को उन्हें तत्कालीन राष्ट्रपति जाकिर हुसैन के निधन के बाद कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद का कार्यभार सौंप दिया गया था। चूँकि वह राष्ट्रपति का चुनाव लड़ने के लिए तैयार थे, वराहगिरी वेंकट गिरि ने 20 जुलाई 1969 को कार्यवाहक राष्ट्रपति के पद से इस्तीफा दे दिया। 24 अगस्त, 1969 को, उन्होंने भारत के राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। गिरि ने भारत के श्रमिक संघ आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। वह न केवल मजदूर वर्ग के अधिकारों के लिए लड़े बल्कि उनकी स्थितियों में भी सुधार किया। 14 बैंकों और बीमा कंपनियों का राष्ट्रीयकरण उस समय शुरू किया गया था जब वह भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में सेवा कर रहे थे।
4. गोपाल स्वरुप पाठक
कार्यकालः 31 अगस्त 1969 से- 30 अगस्त 1974, 5 साल तक
पार्टीः निर्दलीय
गोपाल स्वरुप पाठक ने अगस्त 1969 से अगस्त 1974 तक भारत के चौथे उप-राष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। वह एकमात्र भारतीय उपराष्ट्रपति थे जिन्होंने भारत के राष्ट्रपति के रूप में कार्य नहीं किया। वह मैसूर विश्वविद्यालय, बैंगलोर विश्वविद्यालय और कर्नाटक विश्वविद्यालय के कुलाधिपति भी थे।
5. बासप्पा दनप्पा जत्ती
कार्यकालः 31 अगस्त 1974 से – 30 अगस्त 1979, 5 साल तक
पार्टीः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
बी डी जत्ती पांचवें भारतीय उपराष्ट्रपति थे जिन्होंने 1974 से 1979 तक पांच साल की अवधि के लिए इस पद पर कार्य किया। उन्हें 11 फरवरी से 25 जुलाई 1977 तक भारत के एक कार्यवाहक राष्ट्रपति के रूप में भी नियुक्त किया गया था। जत्ती ने नगर पालिका के एक सदस्य के रूप में अपने करियर की शुरूआत की और देश के दूसरे उच्चतम कार्यालय में अपनी सेवा समाप्त की।
6. मोहम्मद हिदायतुल्लाह
कार्यकालः 31 अगस्त 1979 से- 30 अगस्त 1984, 5 साल तक
पार्टीः निर्दलीय
मोहम्मद हिदायतुल्लाह को भारत के छठे उप-राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था और उन्होंने 31 अगस्त 1969 से 30 अगस्त 1974 तक अपनी सेवा का संपूर्ण कार्यकाल पूरा होने तक कार्य किया। हिदायतुल्लाह ने 25 फरवरी, 1968 से 16 दिसंबर, 1970 तक भारत के ग्यारहवें मुख्य न्यायाधीश के रूप में भी कार्य किया। वह दो बार भारत के कार्यवाहक राष्ट्रपति बने, अर्थात 20 जुलाई 1969 से 24 अगस्त 1969 तक और 6 अक्टूबर 1982 से 31 अक्टूबर 1982 तक।
7. रामस्वामी वेंकटरमण
कार्यकालः 31 अगस्त 1984 से 24 जुलाई 1987, 3 साल तक
पार्टीः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1987 में रामस्वामी वेंकटरमण को भारत के सातवें उपराष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने इस पद पर केवल तीन साल की अवधि तक कार्य किया क्योंकि वह 1987 में आठवें भारतीय राष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे। वह पेशे से वकील, आत्मा से भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और एक केंद्रीय मंत्री थे।
8. शंकर दयाल शर्मा
कार्यकालः 3 सितंबर 1987 से- 24 जुलाई 1992, 5 साल तक
पार्टीः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
1987 में रामस्वामी वेंकटरमण के राष्ट्रपति पद के तहत शंकर दयाल शर्मा ने भारत के आठवें उपराष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी। अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद, उन्हें 1992 में भारत के राष्ट्रपति के रूप में नियुक्त किया गया था। अपने राजनीतिक कैरियर के दौरान, उन्होंने लगभग चार वर्षों की अवधि के लिए भोपाल के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। इसके बाद ग्यारह वर्षों के लिए कैबिनेट मंत्री, 1974 से 1975 तक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष और अंत में 1974 से 1977 तक केंद्रीय संचार मंत्री के रूप में कार्य किया।
9. के.आर. आर नारायणन
कार्यकालः 21 अगस्त 1992 से 24 जुलाई 1997, 5 साल तक
पार्टीः भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
21 अगस्त 1992 को कोचेरिल रमन नारायणन भारत के नौवें उपराष्ट्रपति के रूप में चुने गए थे जब उनके नाम का प्रस्ताव तत्कालीन पूर्व प्रधान मंत्री वी पी सिंह ने किया था। वह सर्वसम्मति से इस पद के लिए चुने गए थे। जब उपराष्ट्रपति के रूप में उनकी नियुक्ति का कार्यकाल पूरा हो गया तब वह 1997 में राष्ट्रपति पद के लिए चुने गए थे। उन्होंने इस तरह के उच्च और प्रतिष्ठित पद से सम्मानित होने वाले पहले दलित बनकर एक इतिहास रच दिया।
10. कृष्ण कांत
कार्यकाल: 21 अगस्त 1997 से 27 जुलाई 2002, 5 साल तक
पार्टी: जनता दल
कृष्ण कांत ने भारत के दसवें उपराष्ट्रपति के रूप में 21 अगस्त 1997 से लेकर सन 2002 में अपने जीवन के आखिरी दिनों तक कार्य किया। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस और संयुक्त मोर्चा के बीच गठबंधन के परिणामस्वरूप उपराष्ट्रपति पद पर उनका चुनाव संसद द्वारा किया गया था। कृष्ण कांत ने इस पद पर आने से पहले सात साल तक की अवधि के लिए आंध्र प्रदेश के राज्यपाल के रूप में कार्य किया था।
11. भैरों सिंह शेखावत
कार्यकाल: 19 अगस्त 2002 से 21 जुलाई 2007, 5 साल तक
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
उप-राष्ट्रपति कृष्ण कांत की मृत्यु के बाद सन 2002 में, भैरों सिंह शेखावत भारत के ग्यारहवें उपराष्ट्रपति बने। भैरो सिंह शेखावत इस पद के लिए निर्वाचक मंडल (इलेक्टोरल कॉलेज) द्वारा पांच साल की अवधि के लिए चुने गए थे। जुलाई 2007 में, प्रतिभा पाटिल से राष्ट्रपति चुनाव हारने के बाद भैरो सिंह शेखावत ने उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दे दिया था।
12. मोहम्मद हामिद अंसारी
कार्यकाल: 11 अगस्त 2007 से 11 अगस्त 2017, 10 वर्षों तक
पार्टी: भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
मोहम्मद हामिद अंसारी ने लगातार 10 वर्षों की अवधि तक भारत के उपराष्ट्रपति के रूप में कार्य किया। हामिद अंसारी 2007 में उप-राष्ट्रपति पद पर नियुक्त किए गए थे। हामिद अंसारी एक भारतीय राजदूत और राज्यसभा के पूर्व अध्यक्ष भी रहे हैं। सर्वपल्ली राधाकृष्णन के बाद, हामिद अंसारी, देश के सबसे लंबे समय तक कार्य करने वाले उप-राष्ट्रपति रहे हैं। सन् 2017 में, वह पहले ऐसे उप-राष्ट्रपति थे जिन्होंने तीन राष्ट्रपतियों के अधीन कार्य किया।
13. एम. वेंकैया नायडू
कार्यकाल: 11 अगस्त 2017 से – कार्यरत
पार्टी: भारतीय जनता पार्टी
मुप्पवरपु वेंकैया नायडू 11 अगस्त 2017 से भारत के वर्तमान उपराष्ट्रपति के रूप में कार्यरत हैं। इससे पहले वेंकैया नायडू मोदी कैबिनेट में आवास तथा शहरी गरीबी उन्मूलन, शहरी विकास और सूचना प्रसारण मंत्री रह चुके हैं। वेंकैया नायडू ने सन 2002 से 2004 तक भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के रूप में भी कार्य किया है।