1 अप्रैल 1937 को जन्मे, मोहम्मद हामिद अंसारी ने भारत के 13वें उपराष्ट्रपति के रूप में अपनी सेवा प्रदान की। मोहम्मद हामिद अंसारी भारतीय लोक प्रशासन संस्थान के अध्यक्ष और पंजाब विश्वविद्यालय चंडीगढ़ के चांसलर भी रह चुके हैं। 45 वर्षों के अपने प्रभावशाली कैरियर में, श्री अंसारी ने भारत सरकार के विभिन्न पदों का कार्य भार संभाला। हामिद अंसारी ने एक अनुभवी लेखक के रुप में कई दैनिक समाचार पत्रों और विभिन्न प्रिंट मीडिया में भी अपना योगदान दिया है। वर्ष 1984 में, श्री हामिद अंसारी को “पद्मश्री” पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था।

श्री हामिद अंसारी का जन्म कोलकाता में हुआ था, जबकि उनका परिवार  (वंशज) उत्तर प्रदेश के गाजीपुर का रहने वाला था। हामिद अंसारी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. मुख्तार अहमद अंसारी के बड़े भतीजे हैं। श्री अंसारी ने सेंट एडवर्ड्स हाईस्कूल शिमला से अपनी शिक्षा पूरी की, फिर सेंट जेवियर्स कॉलेज, कोलकाता विश्वविद्यालय में दाखिला लिया, उसके बाद अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में एम.ए. की उपाधि प्राप्त की। अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में अध्ययन करते समय, हामिद अंसारी अपने कॉलेज की क्रिकेट टीम के विकेट कीपर थे। मास्टर डिग्री पूरी करने के बाद, अंसारी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दो साल के लिए एक प्रवक्ता के रूप में कार्य किया। हामिद अंसारी ने संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की परीक्षा दी और उसमें उन्होनें चौथा स्थान प्राप्त किया था।

वर्ष 1961 में, श्री हामिद अंसारी ने भारतीय विदेश सेवा में एक सिविल सर्विस में अपने राजनैतिक कैरियर की शुरुआत की। हामिद अंसारी ने (1985-1989) में संयुक्त राष्ट्र तथा ऑस्ट्रेलिया में भारतीय उच्चायुक्त के रूप में प्रतिनिधित्व किया। हामिद अंसारी ने संयुक्त अरब अमीरात (1976-1979), अफगानिस्तान (1989-1990), ईरान (1990-1992) और सऊदी अरब (1995-1999) में एक राजदूत के रूप में भी कार्य किया। हामिद अंसारी संयुक्त राष्ट्र (1993-1995) के एक स्थायी प्रतिनिधि थे।

2000 से 2002 तक, श्री हामिद अंसारी ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कुलपति के रूप में कार्य किया और 2004 से 2005 तक ऊर्जा सुरक्षा के लिए तेल कूटनीति पर पेट्रोलियम मंत्रालय की सलाहकार समिति के अध्यक्ष के रूप में भी अपनी सेवा प्रदान की। हामिद अंसारी को (2006-2007) राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था।

वर्ष 2006 में हामिद अंसारी ने “सोसाइटी इन द स्टेट ऑफ कॉन्फिडेंस बिल्डिंग मीजर्स” के अध्यक्ष और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य के रूप में भी कार्य किया है। वर्ष 2007 में, हामिद अंसारी ने भारत-ब्रिटेन के गोलमेज सम्मेलन में सह-अध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 11 अगस्त 2007 से भारत के उपराष्ट्रपति के रुप में पदभार ग्रहण किया था और 7 अगस्त 2012 को वह पुन: उपराष्ट्रपति के रूप में निर्वाचित हुए थे।

मो. हामिद अन्सारी जी को गुजरात दंगों के पीड़ितों को मुआवजा सुनिश्चित कराने और 1984 के बाद से पीड़ितों के लिए राहत और पुनर्वास कार्य में पूरी तरह से परिवर्तन करने लिए जाना जाता है। पश्चिम एशियाई संकटों पर हामिद अंसारी ने कई लेख लिखे हैं और हामिद अंसारी ने “ईरान टुडेः इस्लामिक क्रांति के बाद बीस वर्ष” नामक पुस्तक का भी संपादन किया है। हामिद अंसारी के लेख “पश्चिम एशियाई संकटों के लिए वैकल्पिक दृष्टिकोण 5 मई 2006 को दि हिंदू में प्रकाशित हुए जिसमें उन्होंने इराक, फिलिस्तीन और ईरान की प्रगति की आवश्यकता पर जोर दिया है। 10 अक्टूबर 2005 को आउटलुक में उनका एक लेख प्रकाशित किया गया, जो ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी में भारत के वोट को लेकर उनके संदेहास्पद विचार को दर्शाता है।

 

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