औरंगजेब ने मुगल शासकों से मिलकर मुगल साम्राज्य को शीर्षबिन्दु पर पहुँचाया। औरंगजेब का जन्म 21 अक्टूबर 1618 को हुआ था तथा ये सम्राट शाहजहाँ और मुमताज महल के तीसरे पुत्र थे। इनके तीन भाई दारा शिकोह, शाह सुजा और मुराद बख्श और तीन बहनें जहानारा, रोशनारा और गौहरारा थीं। इनका निकाह रबिया दुरानी से हुआ, जिसके बाद इनके छह बच्चे, (पांच बेटे और एक बेटी) हुए।
औरंगजेब योग्यता और चरित्र के मामले में अपने बड़े भाइयों दारा शुकोह और शुजा से बेहतर थे। ये परिश्रमी, न्यायसंगत, एक क्रियाशील प्रशासक और फारसी, अरबी और हिंदी भाषाओं का ज्ञान रखने वाले एक महान विद्वान थे।
चूँकि औरंगजेब के पिता, दारा शुकोह के पक्षधर थे, इसलिए औरंगजेब ने अपने पिता को स्थायी रूप से उत्तर प्रदेश के आगरा किले में अपनी हिरासत में ले लिया। वे अपने भाइयों के खिलाफ युद्ध जीतने के बाद जुलाई 1658 में सिंहासन पर बैठे और 1707 तक शासन किया। औरंगजेब ने अपने शासन के 48 वर्षों के दौरान, पूरे उपमहाद्वीप को अपने शासन के तहत लाने की कोशिश की जोकि उनका अभिलाषित सपना था। मुगल साम्राज्य इस शासन के दौरान क्षेत्र के मामले में अपने शीर्षबिंदु पर पहुंच गया।
ये एक गंभीर, मजहबी व्यक्ति थे और इन्होंने एक बहुत ही सरल जीवन का संचालन किया। एक मजहबी और ईमानदार मुसलमान के रूप में इन्होंने अपनी पूरी जिंदगी जी। खाली समय में ये टोपियों की सिलाई और पवित्र कुरान की प्रतिलिपि को तैयार किया करते थे। मरणोपरांत उनके पास कोई निजी संपत्ति नहीं थी। इन्होंने लाहौर में बादशाही मस्जिद का निर्माण करवाया।
औरंगजेब एक कट्टर मुस्लिम थे, यह तर्क दिया गया है कि इस्लाम को बढ़ावा देने की धुन में इन्होंने कई खतरनाक दुश्मन तैयार कर लिए थे। सिखों के नौवें गुरु, ‘गुरु तेग बहादुर’ इस्लाम को बढ़ावा देने वाली बात को लेकर सहमत नहीं थे, इसलिए उनकी हत्या कर दी गई थी। जाजिया नामक कर का श्रेय भी औरंगजेब को दिया जाता है। औरंगजेब एकमात्र ऐसा शासक है, जिसने भारतीय इतिहास में हमेशा सबसे बड़े राज्य पर शासन किया।
ये एक योग्य और कुशल प्रशासक थे और इन्होंने अपनी मृत्यु (1707) तक देश के एक शक्तिशाली मुखिया के रूप में शासन किया। वास्तव में ब्रिटिशों के अलावा, औरंगजेब ही एकमात्र ऐसा शासक है, जिसने भारतीय इतिहास में अब तक के एक सबसे बड़े राज्य पर शासन किया।
